व्यक्तित्व: किसान परिवार में जन्मे डॉ. आरके विश्नोई ने बांगड़ हॉस्पिटल को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया

व्यक्तित्व:  किसान परिवार में जन्मे डॉ. आरके विश्नोई ने बांगड़ हॉस्पिटल को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया

डॉ. आरके विश्नोई एक प्रेरणादायक व्यक्तित्व हैं, जिन्होंने अपने जीवन में कई मुश्किलों का सामना करते हुए सफलता हासिल की है। वे एक सामान्य किसान परिवार में जन्मे, लेकिन अपनी मेहनत और लगन से उन्होंने चिकित्सा के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण स्थान बनाया है।

व्यक्तित्व:  किसान परिवार में जन्मे डॉ. आरके विश्नोई ने बांगड़ हॉस्पिटल को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया


शुरुआती जीवन और शिक्षा

डॉ. विश्नोई का जन्म 2 फरवरी 1980 को फलौदी के लोहावट में हुआ था। उनके पिता का नाम मानाराम विश्नोई और माता का नाम झमूदेवी विश्नोई था। उन्होंने पांचवीं कक्षा तक गांव में ही पढ़ाई की और उसके बाद नवोदय तिलवासनी में चले गए। पढ़ाई के साथ-साथ वे खेलकूद में भी अव्वल रहे और उन्होंने बास्केट बॉल, फुटबॉल और बालीबॉल में स्कूल का प्रतिनिधित्व किया।

उन्होंने एसएन मेडिकल कॉलेज जोधपुर से 2005-06 में एमबीबीएस और एमडी मेडिकल कॉलेज जयपुर से की। एमबीबीएस के दौरान उन्होंने बॉलीबॉल में अपने कॉलेज को रिप्रजेंट भी किया।


कैरियर

डॉ. विश्नोई ने जून 2011 में बिलाड़ा में अपनी पहली नौकरी शुरू की। एक साल बाद वे एसएन मेडिकल कॉलेज जोधपुर में शिशु रोग विभाग के असिसटेंट प्रोफेसर बने। 25 सितंबर 2017 में उन्होंने पाली बांगड़ हॉस्पिटल में शिशु रोग विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर के पद पर ज्वाइन किया। वर्तमान में वे इसी विभाग के विभागाध्यक्ष हैं। डॉ. पीसी व्यास के रिटायरमेंट के बाद उन्होंने अधीक्षक का कार्यभार भी संभाला। वर्तमान में वे हॉस्पिटल का अतिरिक्त अधीक्षक का कार्यभार भी संभाल रहे हैं। वे एनआरपी के नेशनल इंस्ट्रक्टर भी हैं।


कोरोना काल में महत्वपूर्ण भूमिका

कोरोना की दूसरी लहर में डॉ. विश्नोई ने बांगड़ हॉस्पिटल में पीएमओ की जिम्मेदारी संभाली। उस समय बांगड़ हॉस्पिटल की सेवाओं की चर्चा पूरे देश में हुई थी। उन्होंने अपने प्रयासों से 2 नए एनआईसीयू और एक पीआईसीयू भी बांगड़ में शुरू कराए। शिशु रोग विभाग में वेंटिलेटर के उपयोग करने की शुरूआत भी इनके आने के बाद से हुई।


परिवार

डॉ. विश्नोई की पत्नी डॉ. सुनिता विश्नोई भी बांगड़ हॉस्पिटल में असिसटेंट प्रोफेसर हैं। वे एसएस गायनिक हैं। उनकी सेवाएं भी बांगड़ हॉस्पिटल में बेहतरीन हैं। उनकी दो बेटियां हैं, नव्या और अवयाना विश्नोई।


उपलब्धियां

  • बांगड़ हॉस्पिटल में शिशु रोग विभाग के विभागाध्यक्ष
  • कोरोना काल में बांगड़ हॉस्पिटल में पीएमओ की जिम्मेदारी संभाली
  • 2 नए एनआईसीयू और एक पीआईसीयू शुरू कराए
  • शिशु रोग विभाग में वेंटिलेटर के उपयोग की शुरूआत की
  • एनआरपी के नेशनल इंस्ट्रक्टर

निष्कर्ष

डॉ. आरके विश्नोई एक समर्पित चिकित्सक हैं, जिन्होंने अपने जीवन को मरीजों की सेवा में समर्पित कर दिया है। उन्होंने बांगड़ हॉस्पिटल को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया है और वे हमेशा मरीजों की देखभाल के लिए तत्पर रहते हैं। उनकी कहानी हम सभी के लिए प्रेरणादायक है।

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