जोधपुर: डॉ. पुष्पा विश्नोई द्वारा संपादित मध्यकालीन संत साहित्य और गुरु जांभोजी सहित तीन पुस्तकों का विमोचन

  डॉ. पुष्पा विश्नोई द्वारा संपादित मध्यकालीन संत साहित्य और गुरु जांभोजी सहित तीन पुस्तकों का विमोचन 

जोधपुर: डॉ. पुष्पा विश्नोई द्वारा संपादित मध्यकालीन संत साहित्य और गुरु जांभोजी सहित तीन पुस्तकों का विमोचन



जोधपुर, 16 सितंबर।

 क्षेत्र के सुरपुरा निवासी डॉ. पुष्पा विश्नोई द्वारा संपादित तीन पुस्तकों का विमोचन मारवाड़ इंटरनेशनल सेंटर, जोधपुर में आयोजित अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में किया गया। प्रोफेसर पुष्पा विश्नोई अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन की आयोजन सचिव और जांभाणी साहित्य अकादमी, बीकानेर की वरिष्ठ सदस्या तथा गुरु जंभेश्वर पर्यावरण संरक्षण शोध पीठ, जयनारायण व्यास विश्वविद्यालय, जोधपुर की सलाहकार समिति की सदस्या भी है। वर्तमान में राजकीय कन्या महाविद्यालय, मगरा पूंजला जोधपुर में हिंदी विभाग में सह आचार्य है। 

11-12 सितंबर को आयोजित अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी के अवसर पर संगोष्ठी की स्मारिका, मध्यकालीन संत साहित्य और गुरु जांभोजी तथा जांभाणी दर्शन एवं पर्यावरण भाग -5 इन तीन पुस्तकों का विमोचन मदन दिलावर, शिक्षा मंत्री, सुरेश रावत, जल संसाधन मंत्री, कुलपति प्रो. के एल श्रीवास्तव, अविनाश गहलोत, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री, निंबाराम क्षेत्रीय प्रचारक, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ, कन्हैयालाल चौधरी,जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी एवं भूजल मंत्री,जोगाराम पटेल, विधि एवं न्याय मंत्री,पब्बाराम विश्नोई,फलोदी विधायक, के के बिश्नोई उद्योग, वाणिज्य एवं खेल राज्य मंत्री, राज्यसभा सांसद राजेन्द्र गहलोत, डॉ. गोवर्धनराम आचार्य, स्वामी सच्चिदानन्द, क्रिकेटर रवि बिश्नोई, प्रोफेसर अशोक ओझा, प्रो. प्रवीण विश्नोई, डॉ. बनवारीलाल सहू, आईपीएस देवेन्द्र विश्नोई, डॉ. दिनेश गहलोत आदि गणमान्य नागरिकों के करकमलों द्वारा सैकड़ों विद्वानों की उपस्थिति में हुआ। स्मारिका के संपादन में शोध पीठ के निदेशक सहित तीन अन्य विद्वानों का सहयोग रहा वहीं, मध्यकालीन संत साहित्य और गुरु जांभोजी पुस्तक का संपादन मुंबई विश्वविद्यालय के प्रोफेसर करुणाशंकर उपाध्याय व जैसलां निवासी डॉ. रामस्वरूप जंवर के साथ संयुक्त रुप से रहा। इस अवसर पर क्षेत्र के सुरसुरा, जांबा, मोटाई, भोजासर, जैसलां, केलनसर, मानेवडा़, चाडी, मुंजासर, लोहावट, कानासर, खारा, सोनलपुरा, खिदरत सहित आसपास के कई गांवों के लोग उपस्थित थे। ग्रामीण क्षेत्र में शिक्षा की अलख एवं वर्तमान में पुस्तक पढ़ने की दृष्टि से डॉ. विश्नोई के इस महत्वपूर्ण योगदान के लिए क्षेत्र में खुशी का माहौल है। जंभवाणी एवं लोक साहित्य की आधिकारिक विदुषी डॉ. पुष्पा विश्नोई राजस्थान कोलेज शिक्षा में पिछले 22 वर्षों से शिक्षण कार्य करवा रही है।

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