प्रकृति बचाओ आन्दोलन पकड़ने लगा जोर 25 जुलाई को जुटेंगे मुकाम में
छठे दिन भी जारी रहा अनिश्चितकालीन धरना सन्त समाज ने किया समर्थन
नोखा दैया 23 जुलाई। जिला मुख्यालय बीकानेर के निकटवर्ती क्षेत्र खेजड़ला की रोही में राज्यवृक्ष खेजड़ी की अवैध कटाई रोकने हेतु तीन सूत्रीय मांग को लेकर पर्यावरण संघर्ष समिति द्वारा 18 जुलाई से शुरु किया गया धरना आज छठे दिन भी जारी रहा । फलोदी,कोलायत ,बीकानेर, नोखा तहसील सहित दर्जनों गांवों के सैकड़ों लोग तथा प्रकृति प्रेमी सन्त समाज आज मौके पर पहुंचे। लोगों ने जोश खरोश के साथ भाषण दिये
धरना स्थल पर बोलने वाले सभी वक्ताओं ने स्पष्ट कहा कि सोलर कम्पनी वालो की ओर से जयमलसर के आस पास हजारों की तादाद मे पेड़ों को काटा गया |मानते है भारत ऊर्जा में आत्मनिर्भर बने लेकिन इस हिसाब से पेड़ों को काटा जायेगा तो जीना मुश्किल हो जायेगा प्रकति को जहाँ जहाँ नुकसान पहुंचाया गया है वहाँ मानव जाति का विनाश हुवा है । इन पेड़ों को बचा कर भी सोलर कम्पनी कार्य कर सकती है । केंद्र सरकार ने अभियान चलाया है एक पेड़ माँ के नाम लगाए । मानते है पेड़ लगाना बहुत जरूरी है लेकिन जो पेड़ लगे है सेंकड़ो वर्षो से खड़े है उनको काटा जा रहा है सरकार के कानो जुँ तक नहीं रेंगती । सम्पूर्ण मानव जाति को इस पर सोचना होगा जिस हिसाब से प्रकति को नष्ट किया जा रहा है एक दिन भयंकर संकट का सामने करने के लिए मजबूर होना पड़ेगा। जिस हिसाब से कोरोनो के समय अपनी आँखों के सामने अपनों को तड़पते मरते देखा कुछ नहीं कर सके । आज फिर से नहीं चेते तो बड़ा खतरा मानव जाति के ऊपर आना तय है तुछ स्वार्थ के लिए इस हिसाब से पेड़ों को वन्य जीवों को नष्ट किया जा रहा है ।
कम्पनियो के द्वारा हजारों की संख्या में पेड़ों को काटा गया है ओर आये दिन वन्य जीवों की हत्या की जा रही है । इस प्रकार से अगर पेड़ कटेंगे तो एक दिन विनाश होना तय है ।
और गहन चिन्तन मंथन के बाद 25 जुलाई को जांभोजी की समाधि स्थली मुक्तिधाम मुकाम में आम सभा बुलाकर आंदोलन की भावी रूपरेख बनाने और राज्यवृक्ष खेजड़ी की कटाई पूर्णतया बन्द होने तक धरना जारी रखने का प्रस्ताव पारित किया।
श्री जभेश्वर पर्यावरण एवं जीवरक्षा प्रदेश संस्था राजस्थान के प्रदेश सचिव रामगोपाल विश्नोई ने बताया कि हर जाति वर्ग के प्रकृति प्रेमी लोग प्रकृति बचाओ आन्दोलन के समर्थन में बढ़-चढ़ कर भाग ले रहे हैं। धरने के छठे दिन बहुत दूर दूर से वरिष्ठ पर्यावरण प्रेमी,समाज नेता धर्मनेता पवित्र संत समाज भी पहुंचे। स्थानीय गांवों के सैकड़ो लोग जूना अखाड़ा रणधीसर मठ के मठाधीश स्वामी पवनपुरीजी महाराज के साथ पहुंचे। महाराजजी ने कहा कि पेड़ों की कटाई मानव समाज के लिए खतरनाक साबित होगी इस पर प्रतिबंध लगाना जरूरी है। जैसला फलोदी जांभाणी संस्कार पीठ के पीठाधीश्वर स्वामी भागीरथदास शास्त्री, स्वामी बालाचार्य भी बड़ी संख्या में शिष्यों के साथ धरने में भाग लिया। जिंझाला धोरा धाम समिति के अध्यक्ष देवीलाल गोदारा अपनी टीम के साथ आये। बीकानेर शहर से तीस लोग तथा नोखा मंडी से साठ प्रकृति प्रेमी धरने में शामिल हुए। पुलिस प्रशासन, वन विभाग तथा उपनिवेशन विभाग के अधिकारी व कर्मचारी भी मौजूद रहे।
पर्यावरण संघर्ष समिति में नेतृत्व कर रही पूरी टीम ने सभी आगंतुको का आभार जताया रिछपाल फौजी, महीराम दिलोइया, रामगोपाल बिश्नोई, स्वामी पवनपुरीजी महाराज, स्वामी भागीरथदासजी शास्त्री, सुभाष खारा, देवीलाल गोदारा, हरिराम बेनीवाल, मनीराम, कैलाश गोदारा जेगला सहीराम पूनिया गंगाविशन सियाग,पूर्व पार्षद रामरतन डेलू,हंसराज धायल,नारायणसिंह,किसन गोदारा,भागीरथ चौधरी ने अपने अपने विचार मंच पर रखे । सभी वक्ताओं ने राज्यवृक्ष खेजड़ी की कटाई पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने, राजस्थान में प्रकृति, वनस्पति और वृक्षों को बचाने के लिए राजस्थान ट्री एक्ट बनाने और बिना पेड़ काटे सोलर प्लांट लगाने के ठोस कानून बनाकर यह आदेश जारी करने तक यह अनिश्चित कालीन धरना जारी रखने का समर्थन किया। सभी के विचारों से बने माहौल के आधार पर भरी सभा में सर्व संम्मति से प्रस्ताव पारित कर निर्णय लिया गया कि 25 जुलाई को मुक्तिधाम, मुकाम की धरती पर बड़ी आमसभा बुलाई जाएगी जिसमें इस आन्दोलन को व्यापक रूप दिया जाएगा। राज्यस्तर पर जगह-जगह धरना प्रदर्शन किया जाएगा ताकि पर्यावरण बचाने की आवाज सरकार के कानों में गूंजने लगे और तीनों मांगे पूरी हो सके।