मेजर जनरल डॉ. प्रीतम बिश्नोई VSM |Major General Dr Pritam Bishnoi
बिश्नोई समाज व्यक्ति विशेष' की प्रस्तुति में हम आपको ऐसी शख्सियत से रूबरू करवा रहे हैं जिनका व्यक्तित्व एवं कृतित्व अनुकरणीय है।
मेजर जनरल डॉ. प्रीतम बिश्नोई VSM |Major General Dr Pritam Bishnoi |
परिचय
मेजर जनरल डॉ. प्रीतम बिश्नोई का जन्म 10 जुलाई 1963 को मैनावाली (हनुमानगढ़) निवासी श्री तापसी राम देहडू के यहां हुआ। आप के पुत्र प्रीक्षित बिश्नोई भी भारतीय सेना में मेजर के पद पर सेवारत हैं। इनकी पत्नी का नाम नीलम बिश्नोई है। व बेटा प्रीक्षित बिश्नोई भी अपने पिता के पदचिह्नों पर चलते हुए सेना में मेजर के पद पर सेवाएं दे रहे हैं।
सरल स्वभाव के हंसमुख जनरल प्रीतम बिश्नोई उच्च शिक्षित, खिलाड़ी, सम्मानित, साहित्यकार, अनुशासित, कर्मयोगी, प्रोफेशनल वीर सैनिक थे।
मेजर जनरल बिश्नोई ने प्रारंभिक स्कूली शिक्षा डीएवी स्कूल श्री गंगानगर से ग्रहण की और माध्यमिक शिक्षा सैनिक स्कूल चित्तौड़गढ़ से। आप NDA की परीक्षा उत्तीर्ण कर 9 जुलाई 1984 को भारतीय सेना (सिग्नल कोर) में भर्ती हुए। शिक्षा और सेवा के प्रति समर्पित प्रीतम बिश्नोई ने जेएनयू से बीएससी उत्तीर्ण की तत्पश्चात उच्चशिक्षा में जेएनयू से ही बीटेक और आईआईटी रुड़की से एमटेक उत्तीर्ण की साथ ही आपने एमएससी, एमएमएस, एमफिल और पीएचडी भी की। आप सेना में रहते हुए सेकंड लेफ्टिनेंट, मेजर, कर्नल, ब्रिगेडियर, मेजर जनरल और एडिशनल डायरेक्टर जनरल के पदों पर सेवाएं देकर सेवानिवृत्त हुए। समर्पित सैन्य अधिकारी होने के साथ आप एक सफल लेखक भी थे। आपने 10 रिसर्च पेपर और 2 पुस्तकें भी लिखी।
विशिष्ट सेवा मेडल से सम्मानित हुए मेजर जनरल डॉ. प्रीतम बिश्नोई
मेजर जनरल प्रीतम बिश्नोई को आतंकवाद गतिविधियां रोकने के लिए अचूक, सफल और प्रभावी सिग्नल इंटेलिजेंस लागू करने के लिए विशिष्ट सेवा मेडल से नवाजा गया। इसके अलावा भी बिश्नोई को अनेक अन्य सैनिक मेडलों से भी सम्मानित किया गया। बिश्नोई ने सेना में इंफॉर्मेशन, कम्युनिकेशन टेक्नोलॉजी, साइबर सिक्योरिटी, इलेक्ट्रॉनिक्स वारफेयर, ट्रेनिंग के क्षेत्र में महत्वपूर्ण कार्य किए। आप कॉलेज ऑफ डिफेंस मैनेजमेंट, मिलिट्री कॉलेज ऑफ टेलीकम्युनिकेशन इंजीनियरिंग, आईआईटी, नेशनल डिफेंस कोलेज, आर्मी वार कॉलेज में पढ़ाने के अलावा आर्मी इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी पूना के
आप समाज के युवाओं के लिए खेलों में रुचि, सेना में कार्य करते हुए उच्च शिक्षा प्राप्त करने, देश सेवा के लिए प्रेरणा स्रोत थे। आप जाम्भाणी साहित्य अकादमी और बिश्नोई इंजीनियर्स ग्रुप के सम्मानित सदस्य थे। आपके मन में बिश्नोई समाज में खेलकूद, शिक्षा, सेना, साहित्य से संबंधित बहुत से सामाजिक कार्य करने की इच्छा थी, लेकिन शायद होनी को कुछ और ही मंजूर था और कम उम्र में ही
10 मार्च 2023 को अचानक हमें छोड़कर चले गए। आज भले ही मेजर जनरल हमारे बीच नहीं लेकिन वो हमेशा हमारे दिलों में रहेंगे।
लेखक के बारे में