खेजड़ली बलिदान दिवस 2024 : इस बार वृक्ष मेला 13 सितंबर भरेगा

 

खेजड़ली बलिदान दिवस 2024 : इस बार वृक्ष मेला  13 सितंबर भरेगा

खेजड़ली मेला 2024 : इस बार वृक्ष मेला खेजड़ली में 13 सितंबर भरेगा



बिश्नोई न्यूज़, जोधपुर।

इस वर्ष विश्व का एकमात्र वृक्ष‌ मेला जोधपुर के खेजड़ली गांव में 13 सितंबर को भरेगा। यह अमृता देवी बिश्नोई की अगुवाई में हुए अहिंसात्मक आंदोलन में वृक्षों को बचाने के लिए शहीद होने वाले 363 लोगों के बलिदान की याद में सोमवार को खेजड़ली गांव में मेला भरेगा। मेले की पूर्व संध्या खेजड़ली बलिदान स्थल पर रात्रि जागरण का आयोजन किया जा रहा है। मेले वाले दिन सुबह हवन व पाहल का आयोजन किया जाएगा। जिसमें आहुति देने देश के कौने कौने से हजारों हजार बिश्नोई जन व पर्यावरण प्रेमी खेजड़ली के शहीदों को नमन करने आएंगे।  


 संवत् 1787 में भाद्रपद शुक्ल दशमी को जब जोधपुर के राजा अभेसिंह के सैनिक दीवान  के नेतृत्व में खेजड़ली में वृक्ष काटने लगे तो बिश्नोईयों द्वारा पेड़ों से लिपटकर उन्हें बचाने का जतन किया गया। दीवान गिरधर भंडारी  के क्रुरता भरे आदेश से अविचल बिश्नोईयों ने दरख़्तों से पहले कटकर भी वृक्षों को बचाया। इस पर्यावरणीय यज्ञ में एक के बाद एक 363 स्त्री-पुरुषों ने देहिक यज्ञाहुति दी। विश्व में वृक्षों को बचाने के लिए खेजड़ली बलिदान एक मात्र अहिंसात्मक आंदोलन है जिसमें एक साथ सैकड़ों लोगों ने प्राणाहुति देकर भी वृक्ष बचाए। विश्व को पर्यावरण संरक्षण व संवर्धन का संदेश देता यह स्थल किसी तीर्थ से कम नहीं है। देश की अमूल्य धरोहर को बचाने के लिए इसे ‘विश्व युनेस्को धरोहर’ में सम्मिलित किया जाना चाहिए। 


जय खीचड़ 

Editor : Khabar Dekhlo


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