Ashvini Vishnoi Biography In Hindi | अश्विनी विश्नोई जीवन परिचय
Ashvini Vishnoi Biography In Hindi |
पिछले कुछ समय से समाज का युवावर्ग विभिन्न क्षेत्रों में अपने अर्जित ज्ञान और कौशल के दम पर दबदबा कायम करते दिख रहे हैं। इन युवाओं की काबिलियत पर समाज को नाज है। अपने आप को शिक्षक/पटवारी/पुलिस की नौकरी तक सीमित रखने वाले समाज से आज हर वर्ष सैंकड़ों युवा आईएएस/आईपीएस, राज्य सिविल सेवा, इंजिनियर, साइंटिस्ट और SSC (CGL) के जरिए सीधे इंस्पेक्टर बन रहे हैं। इतना ही नहीं राजकीय सेवा से इतर विभिन्न MNC कम्पनीज़ में भी समाज के युवा उच्च पद पर नौकरियां हासिल कर रहें हैं। खेती-बाड़ी से संबंध रखने वाले समाज के युवा अब खेल में भी भाग्य आजमा रहे हैं। बेटे क्रिकेट, वॉलीबाल और साइक्लिंग में दिखा रहे हैं दम तो बेटियां स्वर्णिम दांव लगा रही है। सफलताओं के शीर्ष शिखर पाने वालों ने मेहनत और कठिन संघर्षों की अनगिनत कहानियां लिखी है। इन्हीं में से एक है ‘अंतर्राष्ट्रीय पहलवान अश्विनी विश्नोई’ (Ashvini Vishnoi) जिन्होंने हाल ही में अंडर-15 एशियन महिला कुश्ती चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक (Gold Medal) जीतकर भारत का परचम विश्व में लहराया है। अश्विनी को प्रथम बिश्नोई महिला अंतर्राष्ट्रीय पहलवान (अंडर-15 मुकाबले में स्वर्ण पदक विजेता) होने का गौरव प्राप्त है। इससे पूर्व अर्पणा बिश्नोई ने वर्ष 2016 के राष्ट्रमंडल खेलों में रजत पदक जीता था। वहीं किरण बिश्नोई ने राष्ट्रमंडल खेलों में वर्ष 2017 व 18 में क्रमशः स्वर्ण व कांस्य पदक जीता था।
अश्विनी विश्नोई जीवन परिचय (Ashvini Vishnoi Biography)
15 वर्षीय अश्विनी मूलत: राजस्थान के भीलवाड़ा शहर के मध्यमवर्गीय विश्नोई परिवार से ताल्लुक रखती हैं। इनके पिता श्री मुकेश विश्नोई मील में मजदूरी करते हैं तो वहीं माता चंचल विश्नोई ग्रहणी है।
बेटी की जिद्द के आगे पिता झुके, बेटी ने अखाड़े में उतर जीता देश के लिए सोना
पुरुषों का खेल माना जाने वाली कुश्ती में भाग लेना अश्विनी के लिए असंभव सा था। पिता ने यह कहकर मना कर दिया कि कुश्ती लड़कियों का खेल नहीं है लेकिन बेटी की जिद्द के आगे उनकी एक न चली। और उन्होंने पहलवानी के दाव पेंच सीखने के लिए भीलवाड़ा शहर की श्री कृष्णा व्यामशाला में अश्विनी का दाखिला करवा दिया। जहां निरंतर अभ्यास करके व पहलवानी के दांव-पेच सीखकर एशियन महिला कुश्ती चैंपियनशिप 2023 में किर्गिस्तानी पहलवान ऐना असमावलोका को पटकनी देकर देश के लिए सोना जीता।
ट्रायल में देश भर में प्रथम रही अश्विनी
हरियाणा के सोनीपत में अंडर-15 एशियन कुश्ती चैंपियनशिप 2023 के लिए भारत का प्रतिनिधित्व करने हेतु महिला पहलवानों के मध्य ट्रायल हुआ था जिसमें अश्विनी देश भर में प्रथम स्थान पर रही थी।
अश्विनी विश्नोई ने वर्षों की मेहनत से पाया मेडल
कहते हैं मिनटों के खेल में पदक जीतने के पीछे छुपा होता खिलाड़ी के वर्षों का संघर्ष और कठिन मेहनत ऐसा ही कुछ अश्विनी का सफर रहा है। अश्विनी विश्नोई पिछले 4 वर्षों से भीलवाड़ा की श्री कृष्णा व्यामशाला में नियमित तौर पर 3 घंटे सुबह और 3 घंटे शाम को अभ्यास कर रही है। जिसके सुखद परिणाम हम सबके सामने है।
व्यामशाला संचालक तेजेन्द्र गुर्जर का कहना है कि
अश्विनी ने पिछले साल नेशनल स्तर की प्रतियोगिताओं में 5 मेडल जीते हैं। अब अंडर-15 एशियन महिला कुश्ती चैंपियनशिप 2023 में स्वर्ण पदक जीतकर अश्विनी ने अपनी सफलता का लोहा मनवाया है। अश्विनी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर स्वर्ण पदक जीतने वाली भीलवाड़ा की पहली महिला पहलवान है।
प्रेरणा
अश्विनी ने बताया कि उनके चचेरे भाई विकास विश्नोई ने वर्ष 2018 में नेशनल कुश्ती प्रतियोगिता में स्वर्ण पदक (Gold Medal) जीता था। उन्हीं से मुझे प्रेरणा मिली कि मुझे भी पहलवान बनना है और देश के लिए मेडल जितना है।
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