जाम्भाणी साहित्य ज्ञान परीक्षा से संबंधित महत्वपूर्ण प्रश्नोत्तर

 निवण प्रणाम सभी सुधि पाठकों को! Bishnoism.Org पर आपका स्वागत है! इस पोस्ट में हमने गुरु जांभोजी, बिश्नोई समाज, 29 नियम, शब्दवाणी, समाज के धार्मिक स्थलों, संत जनों और जांभाणी साहित्य से संबंधित विभिन्न विषयों पर आधारित 600 से अधिक बहुविकल्पीय प्रश्नोत्तर अद्यतन किए है जो जांभाणी साहित्य में रुचि रखने वाले पाठकों, जांभाणी साहित्य ज्ञान परीक्षा में भाग लेने वाले अभ्यर्थियों के लिए रुचिकर व उपयोगी सिद्ध होंगे। संपूर्ण प्रश्नोत्तर को पढ़ने के पश्चात जांभाणी साहित्य में रुचि रखने वाले या जांभाणी साहित्य ज्ञान परीक्षा में भाग लेने वाले अपने चिर- परिचितों को अवश्य यह पोस्ट साझा करें। 




 प्रश्न 01 विश्नोई पन्थ के संस्थापक का क्या नाम हैं? 

  उत्तर: श्री जम्भेश्वर भगवान(गुरु जाम्भो जी)

 प्रश्न 02 सिकन्दर लोदी दिल्ली के राजा कब से कब तक रहे? 

 उत्तर:  संवत्(1546-1574)तक।

 प्रश्न 03 भगवान जाम्भो जी ने सिकन्दर लोदी को उपदेश देकर उससे कौन का कार्य बंद करवाया था? 

 उत्तर: जीवों की हत्या करना।

 प्रश्न 04 भगवान जाम्भो जी का प्रमुख कार्य-क्षेत्र कौन सा प्रदेश रहा हैं? 

 उत्तर: मरुप्रदेश(राजस्थान)।

 प्रश्न 05 पंद्रहवीं शताब्दी के उतरार्द्ध में हिन्दुओं से कौन सा कर वसूल किया जाता था। 

 उत्तर: जजियां कर।

 प्रश्न  06 पंद्रहवीं शताब्दी के उतरार्द्ध में हिन्दुओं में कौन सी प्रथा प्रचलित थी? 

 उत्तर:  संयुक्त परिवार प्रथा।

 प्रश्न 07 पंद्रहवीं शताब्दी के उतरार्द्ध में कौन सी भावना बहुत पबल थी? 

 उत्तर:  छुआछूत की भावना।

 प्रश्न 08 पंद्रहवीं शताब्दी के उतरार्द्ध में किस बात का पूर्णत: अभाव था। 

 उत्तर:  शिक्षा का।

 09 पंद्रहवीं शताब्दी के उतरार्द्ध में किस का प्रचलन जोरों पर था? 

 उत्तर:  मांस-मदिरा,अफीम,भांग का।

 प्रश्न 10 पंद्रहवीं शताब्दी के उतरार्द्ध में कौन सी कुरीतियां फैली हुई थी? 

 उत्तर:  बाल विवाह व् बहु-विवाह।

 प्रश्न 11 पंद्रहवीं शताब्दी में क्या फैला हुआ था? 

 उत्तर:  धर्म के नाम पर आडम्बर एवं पाखंड फैला हुआ था।

 प्रश्न 12 पंद्रहवीं शताब्दी में धर्म के रक्षक भोली-भाली एवं अशिक्षित जनता के साथ क्या करते थे? 

 उत्तर: धर्म के नाम पर आडम्बर एवं पाखण्ड करके भोली-भाली जनता को भ्रमित करके उनका धार्मिक शोषण करते थे।

 प्रश्न 13 पंद्रहवीं शताब्दी में मरुप्रदेश में मुख्य रूप से कौन-कौन से धर्म प्रचलित थे? 

 उत्तर:-हिन्दू,मुसलमान,नाथ,जैन धर्म।

 प्रश्न 14 पंद्रहवीं शताब्दी में लोग किसको धर्म समझते थे? 

 उत्तर: जादू-टोने,जंत्र-मन्त्र व् भूत-प्रेत की पूजा को।

 प्रश्न 15 पंद्रहवीं शताब्दी में लोग किसको धर्म समझते थे? 

 उत्तर:  जादू-टोने,जंत्र-मन्त्र व् भूत-प्रेत की पूजा को।

 प्रश्न 16 पंद्रहवीं शताब्दी में कितने प्रकार के देवी-देवताओं की पूजा की जाती थी? 

 उत्तर: अनेक प्रकार के देवी-देवताओं की।

 प्रश्न 17 पंद्रहवीं शताब्दी में विलासिता के कारण देवी-देवताओं को कौन सी भेंट चढ़ाई जाती थी। 

 उत्तर:  मांस-मदिरा की भेंट चढ़ाई जाती थी।

 प्रश्न 18 पंद्रहवीं शताब्दी में देवताओं को किस की बलि से खुश करने का प्रयास किया जाता था? 

 उत्तर: पशु-बलि से।

 प्रश्न 19 पंद्रहवीं शताब्दी में मरुस्थल में किस प्रकार के साधुओं का जाल फैला हुआ था? 

 उत्तर:  कनफटे जोगी एवं पाखण्डी साधुओं का।

 प्रश्न 20 पंद्रहवीं शताब्दी में लोगों को किस बात की चिंता नहीं थी? 

 उत्तर: मोक्ष प्राप्ति की।

 प्रश्न 21 पंद्रहवीं शताब्दी में किस का प्रचलन जोरों पर था? 

 उत्तर: मूर्ति पूजा का।

 प्रश्न 22 पंद्रहवीं शताब्दी में लोग किस की पूजा करते थे? 

 उत्तर: प्रमुख देवी-देवताओं के साथ-साथ कुछ लोक देवी-देवताओं की भी पूजा करते थे।

 प्रश्न 23 पंद्रहवीं शताब्दी में हिन्दू लोग विभिन्न तीर्थों पर क्या करने जाते थे? 

 उत्तर:  स्नान करने।

 प्रश्न 24 पंद्रहवीं शताब्दी में मरुप्रदेश में कौन से पन्थ का अधिक प्रभाव था? 

 उत्तर:- नाथ पन्थ का।

 प्रश्न 25 सबदवाणी में कितने सबद नाथों के उपदेशों से संबंधित है? 

 उत्तर: इक्कीस सबद।

 प्रश्न 26 भगवान जाम्भो जी ने कौन-कौन से नाथ पन्थ के साधुओं को उपदेश देकर विश्नोई पन्थ में सम्मिलित किया था? 

 उत्तर:  लक्ष्मण नाथ,लोहा पांगल एवं बालानाथ आदि अनेक नाथ पन्थ के साधुओं को।

 प्रश्न 27 भगवान जाम्भो जी के समय में मरुप्रदेश के लोगों का मुख्य कार्य क्या था? 

 उत्तर:  खेती करना,पशु पालन करना।

 प्रश्न 28 गोवलवास किसे कहते हैं? 

 उत्तर:  मरुप्रदेश में अकाल के समय जब लोग अपने बाल-बच्चों एवं पशुओं को लेकर दूसरे स्थान पर चले जाते हैं और वर्षा होने पर अपने घर लौट आते हैं उसको गोवलवास कहते हैं।

 प्रश्न 29 मरुप्रदेश में अत्यधिक गरीबी के कारण वहाँ(मरुप्रदेश)के लोग कैसा कपड़ा व् कैसा अनाज खाते थे? 

 उत्तर:  मोटा कपड़ा पहनते थे व् मोटा अनाज खाते थे।

 प्रश्न 30 अत्यधिक गरीबी के करण मरुप्रदेश के लोग सर्दी से बचने के लिए क्या ओढ़ते थे। 

 उत्तर:  भाखला ओढ़ते थे।

 प्रश्न 31 अत्यधिक गरीबी के करण मरूपदेश के लोग किस के बीचों की बनी हुई रोटी खाते थे? 

 उत्तर: तूम्बे के बीजों की बनी हुई रोटी खाते थे।

 प्रश्न 32 विश्नोई पन्थ के संस्थापक भगवान जाम्भो जी का अवतार कब हुआ? 

 उत्तर:  संवत् 1508 भादों वदि अष्टमी वार सोमवार।

 प्रश्न 33 भगवान जाम्भो जी का अवतार कहाँ हुआ था। 

 उत्तर: पीपासर गाँव में।

 प्रश्न 34 भगवान जाम्भो जी के पिता जी का क्या नाम था? 

 उत्तर:  लोहट जी।

 प्रश्न 35 भगवान जाम्भो जी की माता जी का क्या नाम था? 

 उत्तर:  हंसा देवी।

 प्रश्न  36 हंसा देवी किसकी बेटी थी? 

 उत्तर: छापर निवासी मोहकम सिंह भाटी की बेटी थी।

 37 रोलोजी पंवार राजा विक्रमादित्य की कौन सी पीढ़ी में हुए। 

 उत्तर:  चालीसवीं पीढ़ी।

 प्रश्न 38 रोलोजी पंवार क्या थे? 

 उत्तर: पंवार वंशी राजपूत थे।

 प्रश्न 39 भगवान जाम्भो जी के दादा जी का क्या नाम था? 

 उत्तर:  रोलोजी पंवार।

 प्रश्न 40 भगवान जाम्भो जी की दादी जी का क्या नाम था? 

 उत्तर: राजाधिदेवी देवी।

 प्रश्न- 41 लोहट की पंवार किसके पुत्र थे? 

 उत्तर:  रोलोजी पंवार।

 प्रश्न-42 रोलोजी पंवार के छोटे पुत्र का क्या नाम था? 

 उत्तर:  पूल्होजी पंवार।

 प्रश्न 43 रोलोजी पंवार की पुत्री का क्या नाम था? 

 उत्तर:  तांतू देवी।

 प्रश्न 44 बड़े होने पर पूल्होजी पंवार ने कहाँ रहना प्रारम्भ कर दिया था? 

 उत्तर:  लाडणूं में।

 प्रश्न-45 पीपासर में कब भयंकर अकाल पड़ा था? 

 उत्तर: संवत् 1507

 प्रश्न 46 पीपासर में भयंकर अकाल पड़ने पर पीपासर गाँव् के लोग अपने पशुधन को बचाने के लिए उनको कहाँ लेकर जा रहे थे? 

 उत्तर:  द्रोणपुर।

 प्रश्न-47 जब लोहट जी सहित गाँव के लोग अपने पशुधन को लेकर द्रोणपुर जा रहे थे तब वे एक रात्रि में द्रोणपुर में रुके थे तब किसने उनका आदर-सत्कार किया था? 

 उत्तर: पूल्होजी ने।

 प्रश्न-48 विश्नोई पन्थ में सर्वप्रथम कौन दीक्षित हुए? 

 उत्तर: पूल्होजी।

 प्रश्न  49भगवान जाम्भो जी ने सशरीर स्वर्ग किसको दिखाया था? 

 उत्तर: पूल्होजी को।

 प्रश्न 50 पूल्होजी ने अपने प्राण कहाँ त्यागे? 

  उत्तर:  रणीसर में।

 प्रश्न 51 पूल्होजी की समाधि कहाँ बनी हुई हैं? 

 उत्तर: रणीसर।

 प्रश्न 52 लोहट जी की बहन का क्या नाम था? 

 उत्तर:  तांतू देवी।

 प्रश्न 53 तांतू देवी की ससुराल कहाँ की थी? 

 उत्तर:  ननेऊं गांव की।

 प्रश्न 54 पालने में लेटे भगवान जाम्भो जी को उठाने में कौन सफल नहीं हुई थी? 

 उत्तर:  तांतू देवी।

 प्रश्न 55 भगवान जाम्भो जी ने 'नवण मन्त्र'(संध्या मन्त्र) किसके प्रति कहा था? 

 उत्तर:  भूआ तांतू के प्रति।

 प्रश्न 56 किसमें तांतू देवी का नाम सम्मिलित है? 

 उत्तर: 27 लुगाइयों की पुन्ह व् हीरानंद के हिंडोलणो में।

 प्रश्न 57 लोहट जी किस प्रवृत्ति के व्यक्ति थे व् उनका किन में पूर्ण विश्वास था? 

 उत्तर: धार्मिक प्रवृत्ति के व्यक्ति थे व् ईश्वर में उनका पूर्ण विश्वास था।

 प्रश्न 58 लोहट जी किस कारण दुखी रहते थे? 

 उत्तर: सन्तान ना होने के कारण।

 प्रश्न 59 द्रोणपुर में रहते समय लोहट जी को निपूता एवं उनके दर्शनों को अपशकुनी किसने कह दिया था? 

 उत्तर: जोधा जाट ने।

 प्रश्न 60 लोहट जी ने तपस्या करते हुए किसका त्याग कर दिया था? 

 उत्तर: अन्न-जल का।

 प्रश्न 61भगवान ने लोहट जी की कठोर तपस्या से प्रभावित होकर उनको दर्शन देकर क्या आशीर्वाद दिया? 

 उत्तर: भगवान ने लोहट जी की कठोर तपस्या से प्रभावित होकर उनको दर्शन दिए व् बारह करोड़ जीवों के उद्धार हेतु उनके घर पुत्र रूप में जन्म लेने का आशीर्वाद दिया।

 प्रश्न 62 भगवान ने किस रूप में पीपासर मे हंसा देवी को दर्शन देकर उनको पुत्रवती होने का आशीर्वाद दिया? 

 उत्तर: योगी रूप में।

 प्रश्न 63 तांतू देवी अपने भतीजे को देखने कहाँ से कहाँ आई थी? 

 उत्तर: ननेऊं से पीपासर।

 प्रश्न 64 संत वील्होजी ने अपनी कविता के आधार पर भगवान जाम्भो जी के सम्पूर्ण जीवन को कितने कालों में बांटा? 

  उत्तर: चार कालों में।

1 बाल्यकाल-सात वर्ष(संवत् 1508-1515 तक)।

2 पशुचारण काल-सत्ताइस वर्ष(संवत् 1515-1542)

3 विश्नोई पन्थ की स्थापना-चौंतीस वर्ष की आयु में(संवत् 1542)।

4 ज्ञानोपदेश काल वर्ष(संवत् 1542-1593 तक)।

 प्रश्न  65 जन्म के बाद बालक जाम्भो जी के पूर्ण स्वस्थ होने के बाद भी सभी स्त्रियां प्रयत्न करने के बाद भी भगवान जाम्भो जी को क्या नहीं पिला सकी थी? 

 उत्तर: जन्म घुट्टी।

 प्रश्न 66 साधारण बालकों की अपेक्षा भगवान जाम्भो जी की बाल्यकाल की वे अद्भुत घटना क्या थी इससे ये पता चलता हैं कि वे कोई साधरण बालक नहीं थे? 

 उत्तर: माता का दूध न पीना,चौकी पर पीठ के बल नहीं सोना,कभी पलके नहीं झपकाना,कुछ भी नहीं खाना- पीना,नहीं बोलना,शरीर को कभी हल्का तो कभी भारी बना लेना आदि।

 प्रश्न 67 भोपे ने कितने जीवों की बलि दी थी व् कितने जीवों की बलि को भोपा स्वीकार कर कह रहा था? 

 उत्तर: भोपे ने 13 जीवों की बलि दी थी लेकिन वह 11 जीवों की बलि को स्वीकार कर रहा था तब भगवान जाम्भो जी ने कहा कि बलि देने वाले जीवों में एक बकरी के गर्भ में दो बच्चें भी थे उनकी भी हत्या तेरे ही कारण हुए इस प्रकार तूने ग्यारह नहीं बल्कि तेरह जीवों की हत्या की है।

 प्रश्न  68 जिस भोपे ने तेरह जीवों की हत्या की थी बाद में वह कौन से पन्थ में सम्मिलित हुआ था। 

 उत्तर: विश्नोई पन्थ में।

 प्रश्न 69 जब भोपे से जाम्भो जी का उपचार नही हुआ तब लोहट जी ने कहाँ के तांत्रिक को बुलाया था? 

 उत्तर: नागौर के तांत्रिक ब्राह्मण को।

 प्रश्न 70 जब नागौर के तांत्रिक ब्राह्मण ने बालक जाम्भो जी को देखकर कहाँ कि मैं बालक को ठीक कर दूंगा तब लोहट जी ने तांत्रिक को ईनाम में क्या देने को कहा था? 

 उत्तर: गाय।

 प्रश्न 71 नागौर के तांत्रिक ब्राह्मण ने जाम्भो जी के उपचार के लिए क्या किया? 

 उत्तर: 64 छिद्रों वाला एक घड़ा और 108 चौमुखे दीपक मंगवाये और रविवार की रात्रि में उसमें तेल डालकर जलाना प्रारम्भ किया लेकिन तांत्रिक ब्राह्मण को कोई सफलता नहीं मिली।

 प्रश्न 72 जब तांत्रिक ब्राह्मणों को कोई सफलता नहीं मिली तब भगवान जांभोजी ने क्या किया? 

 उत्तर: भगवान जाम्भो जी ने मिट्टी का कच्चा घड़ा एवं कच्चा सूत मंगवाकर कुएं से पानी निकाला, उस पानी को चौमुखे दीपकों में डालकर उन्हें जलाया।

 प्रश्न 73 जब भगवान जाम्भो जी ने जब प्रथम सबद सुनाया उस समय उनकी आयु कितनी थी? 

 उत्तर: 7 वर्ष।

 प्रश्न 74 भगवान जाम्भो जी ने कितने वर्षों तक पशु चराये थे? 

 उत्तर: 27 वर्ष।

 प्रश्न 75 पशु चराते समय भगवान जाम्भो जी ने किसकी सांढे डाकुओं से छुड़वायी थी। 

 उत्तर: ऊधरण कान्हावत की।

 प्रश्न 76 भगवान जाम्भो जी की अलौकिक शक्ति एवं उनके दिव्य रूप को देखकर ऊधरण कान्हावत ने भगवान जाम्भो जी से कितने प्रश्न पूछे थे? 

 उत्तर: चार।

 प्रश्न  77 राव दूदा कौन थे? 

 उत्तर: हिंदी की प्रसिद्ध कवयित्री मीराबाई के दादा।

 प्रश्न 78 भगवान जाम्भो जी ने मेड़ते प्राप्ति का आशीर्वाद किसको दिया था? 

 उत्तर: राव दूदा को।

 प्रश्न 79 राव दूदा को काठ-मूठ की तलवार किसने दी थी? 

 उत्तर: भगवान जाम्भो जी ने।

 प्रश्न 80 राव दूदा की भेंट भगवान जाम्भो जी से कब हुई थी? 

 उत्तर: संवत् 1519 में।

 प्रश्न 81 जब राव दूदा की भेंट भगवान जाम्भो जी से हुई उस समय भगवान जाम्भो जी की आयु कितनी थी? 

 उत्तर: 11वर्ष।

 प्रश्न 82 भगवान जाम्भो जी ने बैरीसाल नगाड़े कहां के राजा को दिए थे? 

 उत्तर: जोधपुर के।

 प्रश्न 83 भगवान जाम्भो जी ने राव जोधाजी को बैरीसाल नगाड़े कब दिए थे? 

 उत्तर: संवत् 1526 में।

 प्रश्न 84 बैरीसाल नगाड़े अब कहाँ रखे हुए हैं? 

 उत्तर: बीकानेर के जूनागढ़ किले में।

 प्रश्न 85 लोहट जी का स्वर्गवास कब हुआ? 

 उत्तर: संवत् 1540 की चैत सुदि नवमी को।

 प्रश्न 86 हंसा देवी का स्वर्गवास कब हुआ? 

 उत्तर: संवत् 1540 भादो बदी पूर्णिमा को।

 प्रश्न 87 माता-पिता के स्वर्गवास के बाद भगवान जाम्भो जी ने अपना स्थाई निवास किस स्थान को बनाया? 

 उत्तर: सम्भराथल।

 प्रश्न 88 भगवान जाम्भो जी ने विश्नोई पन्थ की स्थापना कब की? 

 उत्तर: संवत् 1542 कार्तिक वदि अष्टमी को।

 प्रश्न 89 भगवान जाम्भो जी ने विश्नोई पन्थ में सबसे पहले किसको दीक्षित किया। 

 उत्तर: पूल्होजी को।

 प्रश्न 90 पन्थ में दीक्षित होने का कार्य कब से कब तक चलता रहा? 

 उत्तर: अष्टमी से लेकर अमावस्या तक।

 प्रश्न 91 विश्नोई पन्थ में कितने नियम हैं? 

 उत्तर: 29 नियम।

 प्रश्न 92 भगवान जाम्भो जी का इस संसार में आने का मूल उद्देश्य क्या था। 

 उत्तर: भक्त प्रहलाद को दिए हुए  वचन के अनुसार 12 करोड़ जीवों का उद्धार करना।

 प्रश्न 93 वे कौन-कौन से राजा थे जो भगवान जाम्भो जी के सम्पर्क में आए व् उनकी आज्ञा का पालन करते थे? 

 उत्तर: सिकन्दर लोदी,मुहम्मद खां नागौरी,जैसलमेर के राव जैतसी,जोधपुर के राव सांतल, मेवाड़ के राणा सांगा, एवं बीकानेर के राव लूणकरण आदि प्रमुख थे।

 प्रश्न 94 ऊदोजी नैण कहाँ के निवासी थे? 

 उत्तर: मांगलोद के निवासी थे।

 प्रश्न 95 विश्नोई पन्थ में दीक्षित होने से पूर्व ऊदोजी नैण क्या थे? 

 उत्तर: विश्नोई पन्थ में दीक्षित होने के पूर्व ऊदोजी नैण दधिमति माता(महमाई)के मन्दिर के पुजारी थे।

 प्रश्न 96 ऊदोजी नैण का सिवहारा के सेठ कुलचन्द के साथ सम्भराथल जाने का मुख्य कारण क्या था? 

 उत्तर: मोक्ष की प्राप्ति करना। क्योकि वे जिस देवी की पूजा करते थे वो उनको मोक्ष नहीं दे सकती थी।

 प्रश्न 97 भगवान जाम्भो जी ने ऊदोजी नैण को क्या करने को मना किया। 

 उत्तर: देवी की पूजा व् मूर्ति पूजा करने को मना किया।

 प्रश्न 98 ऊदोजी नैण एवं सेठ कुलचन्दराय भगवान जाम्भो जी से कब मिले थे? 

 उत्तर: संवत् 1545-1550 के मध्य में।

 प्रश्न 99 नेतसी सोलंकी किसका भानजा था? 

 उत्तर: जोधपुर के राव सांतल का भानजा था।

 प्रश्न 100 नेतसी सोलंकी को किसने कैद कर लिया था। 

 उत्तर: अजमेर के सूबेदार मल्लूखां ने।

 प्रश्न 101 भगवान जाम्भो जी की शिक्षा से प्रभावित होकर मल्लूखां ने अपने राज्य में क्या बंद कर दिया? 

 उत्तर: गो-हत्या बंद कर दी व् स्वयं ने भी मांस खाना छोड़ दिया

 प्रश्न 102 भगवान जाम्भो जी के कहने पर राव सांतल ने अपने राज्य में विश्नोइयों से उनकी आमदनी का कौन सा हिस्सा लेना स्वीकार किया था? 

 उत्तर: पांचवां।

 प्रश्न 103 बीदासर किसने बसाया था? 

 उत्तर: राव वीदा ने।

 प्रश्न 104 मोती मेघवाल कहां का निवासी था। 

 उत्तर: द्रोणपुर।

 प्रश्न 105 मोती मेघवाल को किसने बंदी बना लिया था? 

 उत्तर: राव वीदा ने।

 प्रश्न 106 राव वीदा के कहने पर भगवान जाम्भो जी ने तीन चमत्कार क्या दिखाए? 

 उत्तर: आक पर आम,नीम पर नरियल एवं पानी का दूध।

 प्रश्न 107 भगवान जाम्भो जी ने राव वीदा को जिस सबद के माध्यम से ज्ञानोपदेश दिया उस सबद को किस नाम से जाना जाता हैं। 

 उत्तर: शुक्ल हंस।

 प्रश्न 108 मुहम्मद खां नागौरी भगवान जाम्भो जी को क्या मानता था? 

 उत्तर: मुसलमानों का पीर।

 प्रश्न 109 राव लूणकरण भगवान जाम्भो जी को क्या मानता था? 

 उत्तर: हिन्दुओं का देव।

 प्रश्न 110 मुहम्मद खां नागौरी का अपने काजी व् लूणकरण का अपने पुरोहित को भगवान जाम्भो जी के पास भेजने का मुख्य कारण क्या था? 

 उत्तर: ये जानना कि वे मुसलमानों के पीर हैं या हिन्दुओं के देव हैं।

 प्रश्न 111 सिकन्दर लोदी ने किन को कैद कर दिया था। 

 उत्तर: हासम-कासम नामक दो दर्जी मुसलमान भाइयों को। 

 प्रश्न 112 सिकन्दर लोदी ने हासम-कासम को क्यों जेल में कैद कर दिया था? 

 उत्तर: क्योकि इन्होंने विश्नोइयों से प्रभावित होकर भगवान जाम्भो जी को अपना गुरु मान लिया था।

 प्रश्न 113 भगवान जाम्भो जी दिल्ली किसकी सहायता करने पहुँचते थे? 

 उत्तर:  हासम-कासम की।

 प्रश्न 114 भगवान जाम्भो जी जब दिल्ली हासम-कासम की सहायता करने पहुँचे तब उनके साथ और कौन था? 

 उत्तर: संत रणधीर जी।

 प्रश्न 115 भगवान जाम्भो जी ने कर्नाटक के शेख सद्दो से कौन सा कार्य बंद करवाया? 

 उत्तर: गौ-हत्या बंद करवायी।

 प्रश्न 116 जैसलमेर के रावल जैतसी किसके पुत्र थे? 

 उत्तर: मालदेव के।

 प्रश्न 117 भगवान जाम्भो जी की कृपा से रावल जैतसी किस रोग से मुक्त हो गये? 

 उत्तर: कुष्ठ रोग से।

 प्रश्न 118 जैतसमन्द को किसने बनवाया था? 

 उत्तर: रावल जैतसी।

 प्रश्न 119 रावल जैतसी ने जैतसमन्द के उद्यापन पर किसको बुलाया था? 

 उत्तर: भगवान जाम्भो जी को।

 प्रश्न 120 रावल जैतसी ने भगवान जाम्भो जी से यज्ञ कब करवाया था? 

 उत्तर: संवत् 1570 के आस-पास।

 प्रश्न 121 भगवान जाम्भो जी ने रावल जैतसी को उनके राज्य में कितने नियम मानने का आदेश दिया था? 

  उत्तर: चार।

1 बेगुनाह जीवों का वध मत करो।

2 अपने राज्य में शिकारियों को शिकार न करने दो और उन्हें 'कुड़का' मत रोपने दो।

3 चोरों के लिए उचित दण्ड की व्यवस्था हो तथा तालाब का पानी सभी के लिए सुलभ हो।

4 अपने राज्य में विश्नोइयों से 'जगात' कर कभी नहीं लेना।

 प्रश्न 122 रावल जैतसी ने अपने राज्य के खरींगा गाँव में किनको बसाया था? 

 उत्तर:  लक्ष्मण व् पांडू को।

 प्रश्न 123 भगवान जाम्भो जी के उपदेशों से प्रभावित होकर राणा सांगा ने अपने राज्य में विश्नोइयों का क्या माफ कर रखी थी? 

 उत्तर: चुंगी।

 प्रश्न 124 भगवान जी ने झाली रानी को भेंट स्वरूप कौन-कौन सी वस्तुएं भेजीं थी। 

 उत्तर: कण्ठी,माला,सुलझाणी,कलश एवं मूण।

 प्रश्न 125 बीकानेर के संस्थापक का नाम बताओ? 

 उत्तर:  राव बीकाजी।

 प्रश्न 126 भगवान जाम्भो जी ने राव लूणकरण को कहां के युद्ध में जाने को मना किया था? 

 उत्तर: नारनौल के।

 प्रश्न 127 राव लूणकरण किसको अपने साथ नारनौल युद्ध में नहीं ले गये थे?। 

 उत्तर: अपने बड़े पुत्र कुंवर जैतसी को।

 प्रश्न 128 राव लूणकरण किसको अपने साथ नारनौल के युद्ध में ले गये थे? 

 उत्तर: अपने छोटे पुत्र प्रताप सिंह को।

 प्रश्न 129 भगवान जाम्भो जी ने बीकानेर राज्य प्राप्ति का आशीर्वाद कैसे दिया था? 

 उत्तर: लूणकरण के बड़े पुत्र कुंवर जैतसी को।

 प्रश्न 130 कुवंर जैतसी अपने पिता से क्यों नराज थे? 

 उत्तर: युद्ध में साथ ना ले जाने के कारण कुवंर जैतसी अपने पिता से नराज थे।

 प्रश्न 131 जोधपुर के दरबार में किसने भगवान जाम्भो जी की महिमा का वर्णन किया था? 

 उत्तर: मूला पुरोहित ने।

 प्रश्न 132 कुवंर मालदेव ने भगवान जाम्भो जी से कहां भेंट की थी? 

 उत्तर: लोहावट।

 प्रश्न 133 कुवंर मालदेव ने भगवान जाम्भो जी से कितने प्रश्न पूछे थे? 

 उत्तर: तीन प्रश्न पूछे थे।

 प्रश्न 134 भगवान जाम्भो जी ने कुंवर मालदेव को कितने सबदों द्वारा उपदेश दिया था? 

 उत्तर: तीन सबदों द्वारा।

 प्रश्न 135 सैंसा जोखाणी कहाँ का निवासी था? 

 उत्तर: नाथूसर गाँव का।

 प्रश्न 136 अपने क्षेत्र में सैंसा किस कारण प्रसिद्ध था? 

 उत्तर: दानी के रूप में।

 प्रश्न 137 भगवान जाम्भो जी को सैंसा जोखाणी की कौन सी आदत अच्छी नहीं लगती थी? 

 उत्तर: स्वयं अपने ही मुख से अपनी दानशीलता का वर्णन करने की आदत।

 प्रश्न 138 भगवान जाम्भो जी ने वेश बदलकर किसकी दानवीरता की परीक्षा ली थी? 

 उत्तर: सैंसा जोखाणी।

 प्रश्न 139 भगवान जाम्भो जी का भिक्षा-पात्र किसके घर खंडित हुआ? 

 उत्तर: सैंसा जोखाणी के।

 प्रश्न 140 खंडित भिक्षा-पात्र वर्तमान में कहाँ रखा हुआ हैं। 

 उत्तर: जांगलू मन्दिर में।

 प्रश्न 141 भगवान जाम्भो जी ने सैंसा जोखाणी को कितने सबदों द्वारा ज्ञानोपदेश दिया था। 

 उत्तर: दो सबदो द्वारा।

 प्रश्न 142 बाजा जी तरड़ कहां के निवासी थे? 

 उत्तर: जसरासर गाँव के।

 प्रश्न 143 बाजो जी तरड़ के विशाल भोज को भी भगवान जाम्भो जी ने अच्छा क्यों नहीं माना? 

 उत्तर: क्योकि इस कार्य को पूरा करने के लिए उसने हरे पेड़-पौधौं का कटवाया था।

 प्रश्न 144भगवान जाम्भो जी ने किन पाँच जनों को सशरीर स्वर्ग दिखाया था? 

 उत्तर: रणधीर जी बाबल,खीयों,भींयो, दुरजन,सैंसो जी।

 प्रश्न 145 कौन लालच के वशीभूत होकर स्वर्ग से सोने की सिलम उठा लाये थे? 

 उत्तर: रणधीर जी बाबल।

 प्रश्न 146 भगवन जाम्भो जी ने रणधीर जी बाबल को विष मारन मुद्रिका क्यों दी थी? 

 उत्तर: जिससे उन्हें कोई विष देकर मार न सके।

 प्रश्न 147 लोहे का कच्छ किसने धारण कर रखा था? 

 उत्तर: लोहा पांगल।

 प्रश्न 148 जब लोहा पांगल गुरु जाम्भो जी का शिष्य बन गया तब भगवान जाम्भो जी ने उसे क्या नाम देकर विश्नोई पन्थ में दीक्षित किया था? 

 उत्तर: रूपा।

 प्रश्न 149 भगवान जाम्भो जी ने रूपा को कहाँ के प्याऊ पर बैठाया था? 

 उत्तर: धरनोक गाँव के प्याऊ पर।

 प्रश्न 150 भगवान जाम्भो जी ने रूपा को कहां का भंडारी बनाया था। 

 उत्तर: खींदासर गाँव का।

 प्रश्न 151 ऊदो-अतली कहां के निवासी थे? 

 उत्तर: पंडवाला गाँव के।

 प्रश्न 152 ऊदो-अतली का आपस में क्या संबंध था? 

 उत्तर: पति-पत्नी।

 प्रश्न 153 ऊदो-अतली का मुख्य कार्य क्या था? 

 उत्तर: अतिथियों की सेवा करना।

 प्रश्न 154 किस गाँव में रहते हुए अतिथियों की सेवा से पूर्ण संतुष्ट न    होने पर ऊदो-अतली हिंगुणिये गाँव चले गये थे? 

 उत्तर: पंडवाला।

 प्रश्न 155 कहां रहते(निवास)करते हुए कुसंगति के कारण ऊदो-अतली के मन में सेवा भाव कम हो गया? 

 उत्तर: कूदसूं।

 प्रश्न 156 भगवान जाम्भो जी की आज्ञा व् आशीर्वाद से ऊदो-अतली कहां पहुँच गये? 

 उत्तर: पारवा गाँव।

 प्रश्न 157 भगवान जाम्भो जी ने ऊदो-अतली के प्रति कितने सबद कहे? 

 उत्तर: एक सबद।

 प्रश्न 158 भगवान जाम्भो जी के प्रभाव से रावण-गोयंद किस कर्म से मुक्त हो गये थे? 

 उत्तर: डाकू कर्म से।

 प्रश्न 159 उमा नौरंगी किसकी बेटी थी? 

 उत्तर: जोखे भादू की।

 प्रश्न 160 भगवान जाम्भो जी रोटू किसका भात भरने पहुँचे थे? 

 उत्तर: जोखे भादू की बेटी उमा (नौरंगी)का।

 प्रश्न 161 लोगों को मुक्ति का मार्ग बताने के लिए भगवान जाम्भो जी ने योजनाबद्ध ढंग से अपने शिष्यों के साथ कितने यात्राएँ की थी? 

 उत्तर: तीन यात्राएँ।

 प्रश्न 162 भगवान जाम्भो जी ने काली पोशाक के संतों का महंत किसको नियुक्त किया था? 

 उत्तर: रेड़ोजी को।

 प्रश्न 163 भगवान जाम्भो जी ने भगवीं पोशाक के संतों का महंत किसको नियुक्त किया था? 

 उत्तर: रणधीर बाबल को।

 प्रश्न-164 भगवान जाम्भो जी ने लाल पोशाक के संतों का महंत किसको नियुक्त किया था? 

 उत्तर: निहालदास।

 प्रश्न 165 भगवान जाम्भो जी ने सफेद पोशाक किसके लिए सन्दूक में रखी थी। 

 उत्तर: संत वील्होजी के लिए।

 प्रश्न 166 संत वील्होजी जी भगवन जाम्भो जी के निर्वाण के कितने वर्ष बाद में आए थे। 

 उत्तर: आठ वर्ष बाद।

 प्रश्न 167 भगवान जाम्भो जी  निर्वाण को कब प्राप्त हुए? 

 उत्तर: संवत् 1593 की मार्गशीर्ष वदि नवमी को।

 प्रश्न 168 तालवा गाँव को मुकाम क्यों कहते हैं। 

 उत्तर: क्योकि तालवा गाँव ही भगवान जाम्भो जी का अंतिम मुकाम हुआ इसलिए तालवा गाँव मुकाम नाम से प्रसिद्ध हो गया।

 प्रश्न 169 निज मंदिर की नींव कब रखी गई? 

 उत्तर:-संवत् 1593(पोह सुदि दूज,सोमवार)

 प्रश्न 170 निज मंदिर का निर्माण कार्य कब पूर्ण हुआ? 

 उत्तर: संवत् 1597 (चैत्र सुदि सप्तमी,शुक्रवार)

 प्रश्न 171 मेहोजी निज मन्दिर से भगवान जाम्भो जी की टोपी,चोला,एवं चीपी(भिक्षा-पात्र) को लेकर कहां चले गये थे? 

 उत्तर: जांगलू मंदिर।

 प्रश्न 172 मेहोजी ने भगवान जाम्भो जी की टोपी किसको वापस दे दी थी? 

 उत्तर: मुकाम के थापनों को।

 प्रश्न 173 स्याणोजी किसके पुत्र थे? 

 उत्तर: बरसिंह बणियाल के पुत्र।

 प्रश्न 174 निज मन्दिर पर कलश कब चढ़ाया गया था? 

 उत्तर: संवत् 1600 कार्तिक शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा को।

 प्रश्न 175 सबदवाणी में वर्तमान में सबदों की संख्या कितनी हैं? 

 उत्तर: 120

 176 सबदवाणी को सर्वप्रथम किसने लिपिबद्ध किया था? 

 उत्तर: संत वील्होजी ने।

 177 परमानंद जी बणियाल ने संत वील्होजी की पोथी से सबदवाणी को कब लिपिबद्ध किया था? 

 उत्तर: संवत् 1796

 प्रश्न 178 सबदवाणी का मूल संदेश क्या हैं? 

 उत्तर: 'जीया नै जुगति,मूवा नै मुक्ति'।

 प्रश्न 179 भगवान जाम्भो जी के मूल विचारों को जानने का प्रमुख ग्रन्थ क्या हैं? 

 उत्तर: सबदवाणी।

 प्रश्न 180 जांभाणी विद्वानों ने सबदवाणी को क्या कहा हैं? 

 उत्तर: पंचम वेद।

 प्रश्न 181पीपासर में मेला कब लगता हैं? 

  उत्तर: जन्माष्टमी को।

 प्रश्न 182 सम्भराथल कहां स्थित हैं? 

 उत्तर: बीकानेर जिले के नोखा तहसील में

 प्रश्न 183 विश्नोई पन्थ में सम्भराथल का अत्यधिक महत्व क्यों हैं? 

 उत्तर: क्योकि सम्भराथल ही भगवान जाम्भो जी का प्रमुख उपदेश स्थल रहा व् भगवान जाम्भो जी ने यहीं पर विश्नोई पन्थ की स्थापना भी की थी।

 प्रश्न 184 सम्भराथल को किन-किन नामों से पुकारा जाता हैं? 

 उत्तर: सोवन-नगरी,थला,थल एवं संभरि आदि नामों से पुकारा जाता हैं।

 प्रश्न 185 सम्भराथल का प्रचलित नाम क्या हैं? 

 उत्तर: धोक धोरा।

 प्रश्न 186 मुकाम कहां स्थित हैं? 

 उत्तर: बीकानेर जिले के नोखा तहसील में।

 प्रश्न 197 मुकाम में वर्ष में कितने मेले लगते हैं? 

 उत्तर: दो मेले,(फाल्गुन की अमावस्या व् आसोज की अमावस्या को)।


 प्रश्न 198 जाम्भोलाव कहां स्थित हैं? 

 उत्तर: जिला जोधपुर तहसील फलोदी।

 प्रश्न 199 जाम्भोलाव तालाब को किसने खुदवाया था। 

 उत्तर: भगवान जाम्भो जी ने।

 प्रश्न 200 जाम्भोलाव पर साधुओं की कितनी परम्पराएं हैं? 

 उत्तर: दो परम्पराएं(आगूणी जागां व् आथूणी जागां)

 प्रश्न 201 जाम्भोलाव को किन-किन नामों से पुकारा जाता हैं? 

 उत्तर: विसन तीरथ,कलियुग तीरथ,विसन तालाब,कपिल सरोवर एवं यति तालाब।

 प्रश्न 202 जाम्भोलाव पर पूर्व में किस मुनि ने तपस्या की थी? 

 उत्तर: कपिल मुनि ने।

 प्रश्न 203 जाम्भोलाव में पूर्व में किसने यज्ञ किया था? 

  उत्तर: पांडवों ने। 

 प्रश्न  204 जाम्भोलाव को कलयुग में किसने प्रकट किया? 

 उत्तर: भगवान जाम्भो जी ने।

 प्रश्न 205 जाम्भोलाव पर वर्ष में कितने मेले लगते हैं? 

 उत्तर: दो मेले(चैत्र की अमावस्या व् भाद्रपद की पूर्णिमा को)

 प्रश्न 206 जाम्भोलाव पर प्रथम मेला कब लगा? 

  उत्तर: संवत् 1648 को।

 प्रश्न 207 दूसरे मेले के लिए संत वील्होजी ने किसका सहयोग लिया था? 

 उत्तर: पली गाँव के माधो जी गोदारा।

 प्रश्न 208 भाद्रपद की पूर्णिमा को लगने वाले मेले को माधा मेला क्यों कहते हैं? 

 उत्तर: क्योकि इस मेले के लिए संत वील्होजी ने 'माधो जी गोदारा' का भी सहयोग लिया था इसलिए इसको माधा मेला भी कहते हैं।

 प्रश्न 209 कहाँ के फैसले(निर्णय)को अंतिम फैसला माना जाता हैं? 

 उत्तर: जाम्भोलाव पर किए गए फैसले(निर्णय)को।

 प्रश्न 210 लालसर साथरी कहां स्थित हैं? 

 उत्तर: बीकानेर जिले के नोखा तहसील में।

 प्रश्न 211 लालसर साथरी में मेला कब लगता हैं? 

 उत्तर: मिंगसर वदी नवमी/चिलत नवमी को।

 प्रश्न 212 लोहावट कहां स्थित हैं? 

 उत्तर: जोधपुर जिले की फलोदी तहसील में।

 प्रश्न 213 जोधपुर के कुंवर मालदेव जी भगवान जाम्भो जी से लोहावट की साथरी पर कब मिले थे? 

 उत्तर: संवत् 1584 में।

 प्रश्न  214 रणीसर कहां स्थित हैं? 

 उत्तर: जोधपुर जिले की फलोदी तहसील में।

 प्रश्न 215 भींयासर कहां स्थित हैं? 

 उत्तर: जोधपुर जिले की फलोदी तहसील में।

 प्रश्न 216 कहां के ठाकुर ने 259 बीघा जमीन भींयासर साथरी को दी थी? 

 उत्तर: आऊवा के ठाकुर दलपतसिंह राठौड़ ने।

 प्रश्न 217 भींयासर मंदिर का निर्माण किसने करवाया था? 

 उत्तर: स्व. महंत भोलाराम जी ने।

 प्रश्न 218 भींयासर में किस-किस समाधियां बनी हुई हैं? 

 उत्तर: महंत भोलाराम जी एवं लालासर साथरी के महंत खेमदास जी की।

 प्रश्न 219 जांभाणी साहित्य के प्रसिद्ध कवि सुरजनदास जी पूनियां किस गाँव के थे? 

 उत्तर: भींयासर गाँव।

 प्रश्न 220 जांभाणी साहित्य के प्रसिद्ध कवि सुरजनदास जी पूनियां की समाधि कहां पर हैं? 

 उत्तर: भींयासर गाँव में।

 प्रश्न 221 रामड़ावास कहां स्थित हैं? 

  उत्तर: जोधपुर जिले की पीपाड़शहर तहसील में।

 प्रश्न 222 संत वील्होजी ने रामड़ावास में अपना शरीर कब त्याग। 

 उत्तर: संवत् 1673 की चैत्र सुदि एकादशी,रविवार

 प्रश्न 223 वील्होजी की समाधि कहां हैं? 

 उत्तर: रामड़ावास में।

 प्रश्न 224 संत वील्होजी के मंदिर का निर्माण किसने व् कब करवाया था। 

 उत्तर: गुलाबदास जी एवं प्रसिद्ध कवि साहबराम जी ने संवत् 1911 में करवाया था।

 प्रश्न 225 रामड़ावास में वर्ष में कितने मेले लगते हैं? 

 उत्तर: दो मेले( चैत्र सुदि एकादशी एवं भादवा की अमावस्या को)।

 प्रश्न 226 रुड़कली गाँव कहां स्थित हैं? 

 उत्तर: जिला जोधपुर में।

 प्रश्न 227 संत वील्होजी ने किसको हराकर विश्नोई बनाया था? 

 उत्तर: ज्ञाननाथ नामक वामपंथी साधक को।

 प्रश्न 228 जांभाणी साहित्य के प्रसिद्ध कवि ऊदोजी अडींग कहां के निवासी थे? 

 उत्तर: रूड़कली।

 प्रश्न 229 गुड़ा कहां स्थित हैं?  

 उत्तर: जोधपुर जिले की लूणी तहसील में।

 प्रश्न 230 पुर कहां स्थित हैं? 

  उत्तर:-भीलवाड़ा जिले में।

 प्रश्न 231 दरीबा कहां स्थित हैं? 

 उत्तर: भीलवाड़ा जिले में स्थित हैं।

 प्रश्न 232 संभेलिया कहां स्थित हैं? 

 उत्तर: भीलवाड़ा जिले में।

 प्रश्न 233 संभेलिया मंदिर की नींव कब रखी गई थी? 

 उत्तर: संवत् 1690 बैसाख सुदि तीज को।

 प्रश्न 234 नगीना कहां स्थित हैं? 

  उत्तर: जिला बिजनौर( उत्तर: प्रदेश)

 प्रश्न 235 बड़े मंदिर का निर्माण किसके द्वारा होना बताया जाता हैं? 

 उत्तर: सेठ कुलचंदराय जी के दामाद चेलो जी के द्वारा।

 प्रश्न 236 छोटे मंदिर के पास एक कुआं हैं,उसको किसके द्वारा बनाया हुआ बताया जाता हैं? 

 उत्तर: कुलचन्द राय के पुत्रों धन्ना व् बिच्छू के द्वारा।

 प्रश्न 237 भगवान जाम्भो जी नगीना कब आए थे? 

 उत्तर: अपने अंतिम भ्रमण में।

 प्रश्न 238 छान-नाडी तालाब का निर्माण किसके द्वारा होना बतलाया जाता हैं? 

 उत्तर: सुरजनदास जी पूनियां।

 प्रश्न  239 रावतखेड़ा कहां स्थित हैं? 

 उत्तर: जिला हिसार(हरियाणा)में स्थित हैं।

 प्रश्न 240 भगवान जाम्भो जी ने भंडारो का कार्य अधिकांश कैसे व्यक्तियों को सौंपा था। 

 उत्तर: जो पहले किसी दूसरे पन्थ में थे व् गलत मार्ग पर चलते थे।

 प्रश्न 241 विश्नोई पन्थ में कौन प्रमुख भंडारी के रूप में प्रसिद्ध रहे हैं? 

 उत्तर: रणधीरजी।

 प्रश्न 242 वर्तमान समय में विश्नोई समाज का सबसे बड़ा भंडारा कहां  चल रहा है? 

 उत्तर: मुकाम।

 प्रश्न 243 पुराने समय में समाज में कितने भण्डारों की मान्यता रही हैं? 

 उत्तर: 24

 प्रश्न 244 छ: राजाओं की विगत में कौन-कौन से राजा-महाराजा सम्मिलित है? 

 उत्तर: दिल्ली के बादशाह सिकंदर लोदी,नागौर के मुहम्मदखां 

नागौरी,मेड़ते के राव दूदा जी राठौड़,जोधपुर के राव सांतल,जैसलमेर के रावल जैतसी एवं मेवाड़ के राणा सांगा।

 प्रश्न 245 चौईसां के लूरो में कितने व्यक्ति सम्मिलित हैं? 

 उत्तर: 24

 प्रश्न 246 पुरुषों की पुन्ह(पुण्य)में कितने पुरुषों का नाम सम्मिलित हैं? 

 उत्तर: 35

 प्रश्न 247 स्त्रियों की पुन्ह(पुण्य) में कितनी स्त्रियों का नाम सम्मिलित हैं? 

 उत्तर: 27

 प्रश्न 248 जम्मे का शाब्दिक अर्थ क्या है? 

 उत्तर: एकत्र होना।

 प्रश्न  249 जम्मा किसे कहते हैं? 

 उत्तर: विश्नोई पन्थ में विश्नोई साधुओं,गायणों एवं किसी गृहस्थ के द्वारा रात्रि में जांभाणी साखियों एवं गुरु जाम्भो जी से संबंधित भजनों का जो गायन किया जाता हैं उसको जम्मा कहते हैं।

 प्रश्न 250 जम्मे में गुरु जाम्भो जी के समय से कितनी साखियां अनिवार्य रूप से गायी जाती रही हैं? 

 उत्तर: पांच।

 प्रश्न 251 सबदवाणी में सबसे आखरी में किस सबद का उच्चारण किया जाता है? 

 उत्तर: शुक्ल हंस।

 प्रश्न 252 हवन पूर्ण होने पर क्या बोला जाता हैं? 

 उत्तर: धूप मन्त्र।

 प्रश्न 253 विश्नोई पन्थ में हवन की ज्योति में किसका दर्शन माना जाता हैं? 

 उत्तर: भगवान जाम्भो जी का।

 प्रश्न 254 विश्नोई पन्थ में प्रत्येक संस्कार पर अनिवार्य रूप से क्या किया जाता हैं? 

 उत्तर: हवन व् पाहल।

 प्रश्न 255 120 सबदों के पूर्ण होने पर क्या बोला जाता हैं? 

 उत्तर: कलश-पूजा मन्त्र।

 प्रश्न 256 कलश पूजा मन्त्र के बाद क्या बोला जाता हैं? 

 उत्तर: पाहल मन्त्र।

 प्रश्न 257 विश्नोई पन्थ में जब कोई संत आपस में मिलते हैं तब क्या बोलते हैं? 

 उत्तर: 'नवण महाराज'

 प्रश्न 258 गायणा जब आपस में मिलते हैं तो क्या बोलते हैं? 

 उत्तर: नमन-नमन।

 प्रश्न 259आम गृहस्थ जब आपस में मिलते हैं तब क्या बोलते हैं? 

 उत्तर: नवण प्रणाम।

 प्रश्न 260 विश्नोई पन्थ में जब भी कोई सज्जन व्यक्ति सामने वाले सज्जन को(नवण महाराज,नमन नमन एवं नवण-प्रणाम बोलता हैं तब सामने वाला व्यक्ति क्या बोलता हैं? 

 उत्तर: विष्णु जी नै,गुरु जाम्भो जी को।

 प्रश्न 261 विष्णु जी नै,गुरु जाम्भो जी नै का अर्थ क्या हैं? 

 उत्तर:  यह नम्रता युक्त प्रणाम  मुझे न करके भगवान जाम्भो जी को करों।

 प्रश्न 262 विश्नोई पन्थ की अभिवादन प्रणाली पन्थ की किस विशेषता को प्रकट करती हैं? 

 उत्तर: नम्रता की विशेषता को।

 प्रश्न 263 जम्भेश्वरीय संवत् का प्रारम्भ कब से माना जाता हैं? 

 उत्तर: मार्गशीर्ष वदि नवमी संवत् 1593 से।

 प्रश्न 264 विश्नोई पन्थ में कितने संस्कार हैं? 

 उत्तर: चार संस्कार(जन्म संस्कार,सुगरा संस्कार,विवाह संस्कार,मृत्यु संस्कार।

 प्रश्न 265 विश्नोई घर में जन्मा बच्चा कब विश्नोई कहलाने का अधिकारी होता हैं? 

 उत्तर: बालक मन्त्र एवं पाहल ग्रहण के बाद ही विश्नोई घर में जन्मा बच्चा विश्नोई कहलाने का अधिकारी होता हैं।

 प्रश्न 266 चळू लेना किसे कहते हैं? 

 उत्तर: कलश की स्थापना करके जो पाहल जच्चा-बच्चा को दिया जाता हैं उसे ही चळू लेना कहते हैं।

 प्रश्न 267 विश्नोई पन्थ में पुत्र  जन्म के अवसर पर एक पूजन भी होता हैं उसको क्या कहते हैं। 

 उत्तर: जलवा पूजन।

 प्रश्न 268 विश्नोई पन्थ में जलवा पूजन कहां होता हैं? 

 उत्तर: ससुराल में।

 प्रश्न 269 सुगरा संस्कार कितने वर्ष की अवस्था तक हो जाना चाहिए? 

 उत्तर: 12 से 15 वर्ष की अवस्था तक।

 प्रश्न 270 सुगरा संस्कार करने का अधिकार किसका हैं? 

 उत्तर: संतों का।

 प्रश्न 271 डोरा करना किसे कहते हैं? 

  उत्तर: विवाह के लिए कन्या पक्ष के लोग अपने घर पर अपने भाई- बन्धुओं को बुलाकर कच्चे सूत की दो लच्छियाँ तैयार करते हैं।इन दोनों में उतनी ही गांठे लगाई जाती हैं जितने दिनों के बाद विवाह का दिन निश्चित किया जाता हैं फिर उसे हल्दी से पीला कर लेते हैं इसे ही 'डोरा करना कहते हैं।

 प्रश्न 272 विश्नोई पन्थ में मृत्यु के बाद मृतक शरीर का अंतिम संस्कार कौन सी प्रथा से किया जाता हैं? 

 उत्तर: भूमि दाग।

 प्रश्न 273 मृत्यु की निकटता को जानकर(देखकर)प्राणी को सबदवाणी का कौन सा सबद सुनाया जाता हैं? 

 उत्तर: कूंचीवाला(सबद 30)

 प्रश्न 274 विश्नोई पन्थ में पुरुष के मृतक शरीर को किस रंग का कफन(खाफण)उढ़ाया जाता हैं? 

 उत्तर: सफेद।

 प्रश्न 275 विश्नोई पन्थ में स्त्री के मृतक शरीर को किस रंग का कफन(खाफण)उढ़ाया जाता हैं? 

 उत्तर: रंगीन।

 प्रश्न 276 विश्नोई पन्थ में साधु-संतो को किस रंग का कफन(खाफण)उढ़ाया जाता हैं? 

 उत्तर: भगवें रंग का।

 प्रश्न 277 विश्नोई पन्थ में कौन सा व्रत रखा जाता हैं? 

 उत्तर: अमावस्या।

 प्रश्न 278 भक्त प्रहलाद के साथ कितने करोड़ जीवों का उद्धार हुआ था? 

 उत्तर: 5 करोड़।

 प्रश्न 279 राजा हरिश्चंद्र के साथ कितने करोड़ जीवों का उद्धार हुआ? 

 उत्तर: 7 करोड़।

 प्रश्न  280 राजा युधिष्ठिर के साथ कितने करोड़ जीवों का उद्धार हुआ? 

 उत्तर: 9 करोड़।

 प्रश्न 281 कितने करोड़ जीवों के उद्धार के लिए भगवान विष्णु ने गुरु जाम्भो जी के रूप में जन्म(अवतार)लिया? 

 उत्तर: 12 करोड़।

 प्रश्न 282 विश्नोई पन्थ में वृक्षों की रक्षा के लिए अपने जीवन का बलिदान करने की प्रथम घटना कब घटित हुई थी? 

 उत्तर: वि.सं. 1661 की ज्येष्ठ वदि दूज(शनिवार)

 प्रश्न 283 करमां व् गौरा कहाँ की निवासी थी? 

 उत्तर: रामासडी गाँव की।

 प्रश्न 284 करमां व् गौरा का आपस में क्या सम्बन्ध था? 

 उत्तर: दोनों पक्की सहेलियां थी।

 प्रश्न 285 करमां व् गौरा की घटना का वर्णन किस कवि ने अपनी साखी में किया है? 

 उत्तर: संत वील्होजी ने।

 प्रश्न 286  तिलासणी गाँव कहाँ स्थित हैं? 

 उत्तर: जिला जोधपुर तहसील बिलाड़ा।

 प्रश्न-287 खींवणी खोखर,श्री मोटा जी खोखर एवं श्रीमती नेतू नैण किसके लिए शहीद हुए? 

  उत्तर: हरे वृक्षों की रक्षा के लिए।

 प्रश्न 288 तिलासणी गाँव में घटित हुए घटना का वर्णन किस कवि ने अपनी साखी में किया हैं? 

 उत्तर: संत वील्होजी ने।

 प्रश्न 289 बूचोजी ऐचरा कहाँ के निवासी थी? 

 उत्तर: पोलावास गाँव के।

 प्रश्न 290 बूचोजी ऐचरा के शरीर पर तलवार से वार किसने किया था। 

 उत्तर: रतन सिंह ने।

 प्रश्न 291 बूचोजी ऐचरा का बलिदान कब हुआ? 

 उत्तर: वि.सं. 1700 चैत्र वदि तीज।

 प्रश्न 292 खेजड़ली बलिदान की घटना कहाँ घटित हुई। 

 उत्तर: खेजड़ली गाँव।

 प्रश्न 293 संवत् 1787 में जोधपुर के महाराजा कौन थे? 

 उत्तर: अभय सिंह।

 प्रश्न 294 महाराज अभय सिंह ने किसे हरे वृक्षों को कटवाने का कार्य सौंपा था। 

 उत्तर: गिरधरदास भंडारी को।

 प्रश्न 295 जिस समय खेजड़ली बलिदान की घटना घटित हुई उस समय जोधपुर का हाकिम कौन था? 

 उत्तर: गिरधरदास भंडारी।

 प्रश्न 296 खेजड़ली गाँव के लोगों ने कितने गांवों में हरे वृक्ष की काटे जाने की सूचना भेजी थी? 

 उत्तर: 84 गांवों में।

 प्रश्न 297 खेजड़ली बलिदान में सर्वप्रथम कौन शहीद हुए? 

  उत्तर: अणदो जी।

 प्रश्न 298 खेजड़ली बलिदान में स्त्रियों में सर्वप्रथम कौन शहीद हुई। 

 उत्तर: माता अमृता देवी।

 प्रश्न 299 खेजड़ली बलिदान में कितने स्त्री-पुरुष शहीद हुए? 

 उत्तर: 363

 प्रश्न 300 खेजड़ली बलिदान की घटना कब घटित हुई? 

 उत्तर: वि.स. 1787 भादों सुदि दशमी(मंगलवार)।

 प्रश्न 301 खेजड़ली बलिदान की घटना का वर्णन किस कवि ने अपनी साखी में किया हैं? 

 उत्तर: गोकुलजी ने।

 प्रश्न 302 खेजड़ली में मेले का आयोजन कब से प्रारम्भ हुआ? 

 उत्तर: सन् 1978 की भादवा सुदि दशमी को।

 प्रश्न 303 चूनाराम जी कहाँ के निवासी थे? 

 उत्तर: जिला जोधपुर,गाँव रोहिचा।

 प्रश्न 304 चूनाराम जी किसके पुत्र थे? 

 उत्तर: श्री हरदानजी गोदारा।

 प्रश्न 305 चूनाराम जी कब शहीद हुए? 

 उत्तर: 19 मई 1939

 प्रश्न 306 चिमनाराम जी कहाँ के निवासी थे? 

 उत्तर: जिला बाड़मेर,गाँव बारासण

 प्रश्न 307 चिमनाराम किसके पुत्र किसके पुत्र थे? 

 उत्तर: गोरखराम मांझू।

 प्रश्न 308 चूनाराम जी किसके लिए शहीद हुए? 

 उत्तर: हिरणों की रक्षा के लिए।

 प्रश्न 309 प्रतापराम कहां के निवासी थे? 

 उत्तर:  जिला बाड़मेर गाँव बारासण। प्रश्न 310 प्रतापराम किसके पुत्र  थे? 

 उत्तर: पोलाराम माँझू।

 प्रश्न 311 चिमनाराम जी व् प्रतापराम जी किसके लिए शहीद हुए? 

 उत्तर: हिरणों की रक्षा के लिए।

 प्रश्न 312 अर्जुनराम जी पंवार कहाँ के निवासी थे? 

 उत्तर: जिला जोधपुर,गाँव भगतासणी।

 प्रश्न 313 अर्जुनराम जी पंवार किसके पुत्र थे? 

 उत्तर:-प्रभुराम पंवार।

 प्रश्न 314 अर्जुनराम जी पंवार जब शहीद हुए उस समय उनकी आयु कितनी थी? 

 उत्तर: 36 वर्ष।

 प्रश्न 315 अर्जुनराम पंवार किसकी रक्षा के लिए शहीद हुए? 

 उत्तर: हिरणों की।

 प्रश्न 316 धोंकलराम माल कहाँ के निवासी थे? 

 उत्तर: जिला नागौर गाँव रोटू।

 प्रश्न 317 धोंकलराम माल कब शहीद हुए? 

 उत्तर: सन् 1947 के आस-पास।

 प्रश्न 318 भींयाराम कहाँ के निवासी थे? 

  उत्तर: जिला नागौर गाँव बनाड़। 

 प्रश्न 319 भींयाराम किसके पुत्र थे ? 

 उत्तर:  लालाराम गोदारा।

 प्रश्न 320 भींयाराम कब शहीद हुए? 

 उत्तर: 17 मई सन् 1963

 प्रश्न 321 भींयाराम किसके लिए शहीद हुए। 

 उत्तर: हिरणों की रक्षा के लिए।

 प्रश्न 322 बीरबलराम कहाँ के निवासी थे? 

 उत्तर: जिला जोधपुर गाँव लोहावट।

 प्रश्न 323 बीरबलराम किसके पुत्र थे? 

  उत्तर: बिड़दाराम खीचड़। 

 प्रश्न 324 बीरबलराम कब शहीद हुए? 

 उत्तर: 17 दिसम्बर 1977

 प्रश्न 325 जब बीरबलराम शहीद हुए उस समय उनकी आयु कितनी थी? 

 उत्तर:-30 वर्ष।

 प्रश्न 326 बीरबलराम किसके लिए शहीद हुए? 

 उत्तर: हिरणों की।

प्रश्न-  327 अरब शहजादा बदर गोडावण के शिकार के लिए जैसलमेर कब आया था? 

 उत्तर: दिसम्बर 1978

 प्रश्न 328 विश्नोइयों के विरोध करने पर अरब शहजादा कब वापिस चला गया? 

 उत्तर: जनवरी 1979

 प्रश्न 329 हजारीलाल जी कहां के निवासी थे? 

 उत्तर: पंजाब गाँव मेहराणा।

 प्रश्न 330 हजारीलाल किसके पुत्र थे? 

 उत्तर: भागीरथराम मांझू।

 प्रश्न 331 हजारीलाल कब शहीद हुए? 

 उत्तर: 19 मई 1990 को।

 प्रश्न 332 हजारीलाल किसकी रक्षा के लिए शहीद हुए? 

 उत्तर: हिरणों की रक्षा के लिए।

 प्रश्न 333 निहालचन्द कहाँ के निवासी थे? 

उतर जिला चूरू गाँव सांवतसर गाँव।

 प्रश्न 334 निहालचन्द किसके पुत्र थे? 

 उत्तर: श्री हनुमानराम जी धारणियां।

 प्रश्न 335 निहालचन्द कब शहीद हुए? 

 उत्तर: 30 अक्तूबर 1996

 प्रश्न 336 निहालचन्द जब शहीद हुए उस समय उनकी आयु कितनी थी? 

 उत्तर: 35 वर्ष।

 प्रश्न 337 निहालचन्द जी किसके लिए शहीद हुए? 

 उत्तर: हिरणों की रक्षा के लिए।

 प्रश्न 338 निहालचन्द जी को भारत के राष्ट्रपति द्वारा वीरता के सर्वोच्च सम्मान शौर्यचक्र से कब सम्मानित किया गया था? 

 उत्तर: 22 अक्तूबर 1999(मरणोपरांत)

 प्रश्न 339 सितम्बर 1998 में अभिनेता सलमान खान व् उसके साथियों द्वारा जोधपुर जिले के गांव काकणी एवं गुड़ा विश्नोइयान में हिरणों के शिकार करने पर वहाँ के विश्नोई ने उनके साथ क्या कार्यवाही की? 

 उत्तर: उनके विरुद्ध मुकदमा दर्ज करवाया और आंदोलन करके उन्हें गिरफ्तार भी करवाया।

 प्रश्न 340 गंगाराम जी कहाँ के निवासी थे? 

 उत्तर: जिला जोधपुर गाँव चैराई।

 प्रश्न 341 गंगाराम जी किसके पुत्र थे? 

 उत्तर: फूसाराम ईसरवाल।

 प्रश्न 342 गंगाराम जी कब शहीद हुए? 

 उत्तर: 12 अगस्त सन्  2000

 प्रश्न 343 गंगाराम किसके लिए शहीद हुए? 

 उत्तर: हिरणों की रक्षा।

 प्रश्न 344 गंगाराम जी को राज्य सरकार द्वारा अमृता देवी पर्यावरण पुरस्कार से कब सम्मानित किया गया? 

 उत्तर: सन् 2001 में।

 प्रश्न 345 गंगाराम जी को भारत सरकार द्वारा अमृता देवी पर्यावरण पुरस्कार से कब सम्मानित किया गया? 

 उत्तर: 29 अक्तूबर 2002

 प्रश्न 346 भारत सरकार द्वारा प्रथम अमृता देवी पर्यावरण पुरस्कार से किसे सम्मानित किया गया? 

 उत्तर: गंगाराम जी को।

 प्रश्न 347 गंगाराम जी ज्याणी कहाँ  के निवासी थे? 

 उत्तर: जिला पाली गाँव नेहड़ा।

 प्रश्न 348 गंगाराम जी ज्याणी किसके पुत्र थे? 

 उत्तर: जीयाराम ज्याणी।

 प्रश्न 349 गंगाराम जी ज्याणी कब शहीद हुए? 

 उत्तर: 26 अप्रैल 2006

 प्रश्न 350 गंगाराम जी ज्याणी किसके लिए शहीद हुए? 

  उत्तर: हिरणों के लिए। 

 प्रश्न 351 शैतानाराम भादू कहाँ के निवासी थे? 

 उत्तर:- ननेऊ गाँव।

 प्रश्न 352 शैतानाराम भादू किसके पुत्र थे? 

 उत्तर: श्री अर्जुनराम भादू।

 प्रश्न 353 शैतानाराम भादू कब शहीद हुए? 

 उत्तर: 28-29 जनवरी 2014

 प्रश्न 354 शैतानाराम भादू का अंतिम संस्कार कहाँ किया गया था? 

 उत्तर: जाम्भोलाव।

 प्रश्न 355 10 मई 1978 को जब हिसार जिले के नाढ़ोड़ी गाँव के क्षेत्र में एक हिरणी शिकारियों के भय से अपने नवजात शिशु से विछुड़ गई तब किसने उसके शिशु को अपने स्तनों का दूध पिलाकर उसका पालन-पोषण किया था? 

 उत्तर: नाढ़ोड़ी गाँव की श्रीमती रामादेवी विश्नोई ने।

 प्रश्न 356 सन् 1980 में कौन  शिकारियों को घायल करके हिरणों को बचाने में सफल हो गई थी? 

 उत्तर: फिरोजपुर जिले के मेहराणा गाँव की श्रीमती शारदा विश्नोई।

 प्रश्न 357 धांगल गाँव की किस महिला ने अपने स्तनों का दूध पिलाकर हिरण के बच्चों का पालन-पोषण किया? 

 उत्तर: श्रीमती परमेश्वरी देवी।

 प्रश्न 358 गोत्राचार का सम्बन्ध किससे हैं? 

 उत्तर: अग्नि देव से।

 प्रश्न 359 विश्नोई के घर में शिशु के जन्म पर कितने दिन का सूतक रखा जाता हैं? 

  उत्तर: 30 दिन।

 प्रश्न 360 तेजोजी चारण कहाँ के निवासी थे? 

 उत्तर: कसूम्बी गाँव में।

 प्रश्न 361 तेजोजी चारण का जन्म कब हुआ था? 

  उत्तर: संवत् 1480-82 

 प्रश्न  362तेजोजी चारण स्वर्ग वास कब हुआ? 

 उत्तर: 1570-75 के मध्य में।

 प्रश्न 363 तेजोजी चारण के पिता का क्या नाम था? 

 उत्तर: जैतसी।

 प्रश्न 364 मांडण जी कौन थे? 

  उत्तर: तेजोजी चारण के छोटे भाई।

 प्रश्न 365 राणा अजीत का विवाह किसके साथ हुआ था? 

 उत्तर: जोधपुर के राव जोधा की बेटी राजा बाई के साथ। 

प्रश्न 366  तेजोजी चारण के पुत्र का क्या नाम था? 

 उत्तर: जसराजजी(जसूदान)

 प्रश्न 367 तेजोजी कब भगवान जाम्भो जी के शिष्य बने थे? 

 उत्तर:  संवत् 1542 के आस-पास।

 प्रश्न 368 जाम्भोलाव में स्नान करने से तेजोजी चारण का कौन सा रोग समाप्त हो गया था? 

 उत्तर: कुष्ठ रोग।

 प्रश्न 369 तेजोजी चारण की रचनाएँ? 

 उत्तर: छंद-45,गीत 12,साखी-1 हरजस-1 तथा मरसिये।

 प्रश्न 370 डेल्हजी कहाँ के निवासी थे? 

 उत्तर: लालसर के आस-पास के।

 प्रश्न 371 डेल्हजी किस जाति के थे? 

 उत्तर: ब्राह्मण।

 प्रश्न 372 डेल्हजी का जन्म कब हुआ था। 

 उत्तर: संवत् 1490 में।

 प्रश्न 373 डेल्हजी का स्वर्गवास कब हुआ? 

 उत्तर: संवत् 1550

 प्रश्न 374 डिंगल कवि पीरदान लालस के गन्थ 'परमेसर पुरान' में भक्तों एवं कवियों में किस जांभाणी कवि का नाम आता हैं? 

 उत्तर: डेल्हजी।

 प्रश्न 375 डेल्हजी जी की रचनाएँ? 

 उत्तर: (1)बुध परगास(साखी) (2) कथा अहंमनी(आख्यान काव्य)।

 प्रश्न 376 पदम भक्त कहाँ के रहने वाले थे? 

 उत्तर: जिला नागौर,गुणावती।

 प्रश्न 377 परम भक्त किस जाति के थे? 

 उत्तर: तेली जाति के।

 प्रश्न 378 पदम भक्त का जन्म कब हुआ? 

 उत्तर: संवत् 1500

 प्रश्न 379 पदम भक्त का स्वर्ग वास कब हुआ? 

 उत्तर: संवत् 1555 में।

 प्रश्न 380 पदम भक्त का स्वर्ग वास कहाँ हुआ था? 

 उत्तर: गुणावती में।

 प्रश्न 381 पदम भक्त की रचनाएँ? 

 उत्तर: क्रिसण जी रो ब्यांवलो,पद,आरती,हरजस।

 प्रश्न 382 क्रिसण जी रो ब्यांवलो रचनाकाल संवत् कब का माना जाता हैं? 

 उत्तर: संवत् 1545

 प्रश्न 383 कान्होजी बारहट किसके पुत्र थे? 

 उत्तर: चाहड़जी के।

 प्रश्न 384 चाहड़जी कहाँ के निवासी थे? 

 उत्तर: रांपड़ास(जोधपुर)

 प्रश्न 385 चाहड़जी कहाँ की शाखा के बारहट थे? 

 उत्तर: रोहड़िया शाखा के।

 प्रश्न 386 बीकानेर राज्य की स्थापना में किसने राव बीका को अत्यधिक योगदान दिया था? 

 उत्तर: चाहड़जी ने।

 प्रश्न 387 राव बीकाजी ने किनको खुंडिया तथा चाहड़वास सहित 12 गांवों की ताजीम दी थी? 

 उत्तर: चाहड़जी को।

 प्रश्न 388 चाहड़जी को बीकानेर का 'पोळपात' बारहट किसने बनाया था? 

 उत्तर: राव बीकाजी ने।

 प्रश्न  389कान्होजी का जन्म कब हुआ? 

  उत्तर: संवत् 1500 में।

 प्रश्न 390 कान्होजी का जन्म कहाँ हुआ था? 

 उत्तर: खुंडिये में।

 प्रश्न 391 कान्होजी किसने समकालीन थे? 

 उत्तर: राव बीकाजी एवं लूणकरण के।

 प्रश्न 392 राव लूणकरण को गुरु जाम्भो जी ओर प्रेरित करने में किनका महत्वपूर्ण योगदान था? 

 उत्तर: कान्होजी का।

 प्रश्न 393 कान्होजी के बड़े भाई का क्या नाम था? 

 उत्तर: भीम जी।

 प्रश्न 394 भींयासर गाँव का नाम भींयासर किसके नाम से पड़ा? 

 उत्तर: भीमजी।

 प्रश्न 395 कान्होजी कब भगवान जाम्भो जी के शिष्य बने थे? 

 उत्तर: संवत् 1545 के आस-पास।

 प्रश्न 396 कान्होजी का स्वर्गवास कब हुआ? 

 उत्तर: संवत् 1580 में।

 प्रश्न  397 कान्होजी की  रचनाएँ? 

 उत्तर: 1 बावनी(तेतीसी)45 छंद।

2 फुटकर छंद-(क) जांगड़ो गीत-1(ख)कवित्त-3(ग)हरजस 1

 प्रश्न 398 आसनोजी कहाँ के निवासी थे? 

 उत्तर: जोधपुर के पास महलाणा गाँव के।

 प्रश्न 399आसनोजी का जन्म कब हुआ? 

  उत्तर: संवत् 1500 में

 प्रश्न 400 आसनोजी किस गोत्र के थे? 

 उत्तर: सोढ़ा।

 प्रश्न 401 आसनोजी क्या थे? 

 उत्तर: सोढ़ा जाति के भाट थे।

 प्रश्न 402 भगवान जाम्भो जी ने आसनोजी को क्या कार्य सौंपा था? 

 उत्तर: गाने-बजाने का कार्य सौंपा था।

 प्रश्न 403 आगे चलकर आसनोजी के वंशज किस कार्य में संलग्न हो गये? 

 उत्तर: विश्नोई पन्थ की वंशावली लिखने में संलग्न हो गये।

 प्रश्न 404 विश्नोई भाटों(बहीभाटों)का मूल गाँव कौन सा हैं? 

 उत्तर: महलाणा गाँव।

 प्रश्न 405 भगवान जाम्भो जी किसकी प्रार्थना पर महलाणा के पास आकर ठहरे थे? 

  उत्तर: आसनोजी की प्रार्थना पर।

 प्रश्न 406 आसनोजी का स्वर्गवास कब हुआ? 

 उत्तर: संवत् 1600 में।

 प्रश्न 407 आसनोजी की रचनाएँ? 

 उत्तर:  झूमखो।

 प्रश्न 408 ऊदोजी नैण कहाँ के निवासी थे? 

 उत्तर: मांगलोद।

 प्रश्न 409 ऊदोजी नैण का जन्म कब हुआ था? 

 उत्तर: संवत् 1505 में।

 प्रश्न 410 विश्नोई पन्थ में दीक्षित होने से पूर्व ऊदोजी नैण क्या कार्य करते थे? 

 उत्तर: मांगलोद गाँव के दधिमति माता के मन्दिर में भोपे थे।

 प्रश्न 411सम्भराथल पर पहुँचने पर भगवान जाम्भो जी ने ऊदोजी नैण को क्या सुनाने को कहा था? 

 उत्तर: भजन।

 प्रश्न 412 भगवान जाम्भो जी ने ऊदोजी नैण को किस सबद द्वारा उपदेश दिया? 

 उत्तर: विष्णु-विष्णु तूं भण रे प्राणी जो मन मानै रे भाई(सबद 97)

 प्रश्न 413 ऊदोजी नैण ने भगवान जाम्भो के गुणों से सम्बन्धित कौन सी साखी सुनायी? 

 उत्तर: ओ गुरु आयो झंभराज देव,निज हक साच पिछाणियो)

 प्रश्न 414 जांभाणी साहित्य के प्रसिद्ध कवि सुरजनदास जी पूनियां ने किन्हें छप्पयों के कवि कहा? 

 उत्तर: ऊदोजी नैण।

 प्रश्न 415 जब ऊदोजी नैण का स्वर्गवास हुआ उस समय उनकी आयु कितनी थी? 

  उत्तर: 88

 प्रश्न 416 ऊदोजी नैण का स्वर्ग वास कब हुआ? 

 उत्तर: संवत् 1593

 प्रश्न 417 ऊदोजी नैण के वंशज वर्तमान में कहाँ निवास(रहते)हैं? 

 उत्तर: तिलासणी,नैणावास एवं केलणसर आदि गाँवों में रहते हैं।

 प्रश्न 418 ऊदोजी नैण की रचनाएँ? 

 उत्तर: 1 साखी 15 2-हरजस 8 3 आरती 4 4 फुटकर कवित्त 95 5 ग्रभ चितांवणी-कुल छंद 142

 प्रश्न 419 ग्रभ चितांवणी किसकी रचना हैं? 

 उत्तर: ऊदोजी नैण की।

 प्रश्न 420 अल्लूजी क्या थे? 

 उत्तर:- चारण जाति के कविया शाखा के कवि थे।

 प्रश्न 421 अल्लूजी का जन्म कब हुआ? 

 उत्तर: संवत् 1520

 प्रश्न 422 अल्लूजी जी कहाँ के निवासी थे? 

 उत्तर: सिणाला(जोधपुर)।

 प्रश्न 423 अल्लूजी के किनके पुत्र थे? 

 उत्तर: हेमाराम जी के।

 प्रश्न 424 अल्लूजी को किसने कुचामन के जसराणा गाँव प्रदान किया था? 

 उत्तर: आमेर के राजा पृथ्वीराज जी कछवाहा के पुत्र रूपसिंह ने।

 प्रश्न 425 अल्लूजी की कितनी संताने थी? 

 उत्तर: तीन (नरूजी तथा किसनाजी नामक दो पुत्र तथा एक पुत्री थी।

 प्रश्न 426 नरूजी के वंशज किस गाँव में हैं? 

 उत्तर: सेवापुरा गाँव में।

 प्रश्न 427 सेवापुरा गाँव किसने दिया था? 

 उत्तर: नरूजी के वंशज सागर जी को  जयपुर के महाराजा माधोसिंह जी ने दिया था।

 प्रश्न 428 जाम्भोलाव पर स्नान करने से अल्लूजी किस रोग से मुक्त हो गये? 

 उत्तर: पेट रोग से।

 प्रश्न 429अल्लूजी कितनी आयु में भगवान जाम्भो जी से मिले थे? 

 उत्तर: लगभग 40 वर्ष।

 प्रश्न 430 जोधपुर के राव मालदेव की मृत्यु पर दो मरसिये किसने लिखें? 

 उत्तर: अल्लूजी ने।

 प्रश्न 431 विश्नोई पन्थ में चारण कवि कितने हुए? 

 उत्तर: चार(तेजोजी,कान्होजी,कोल्हजी व् अल्लूजी।

 प्रश्न 432 अल्लूजी का स्वर्गवास कब हुआ? 

 उत्तर: संवत् 1620 में।

 प्रश्न 433 अल्लूजी की रचनाएँ? 

 उत्तर:  कवित्त,गीत,मरसिये।

 प्रश्न 434 कुलचन्दराय कहां के निवासी थे? 

 उत्तर: सिवहारा(बिजनौर)

 प्रश्न 435 कुलचन्दराय का जन्म कब हुआ था? 

 उत्तर: संवत् 1505।

 प्रश्न 436 कुलचंदराय जी को कितने वर्षों तक सन्तान की प्राप्ति नहीं हुई थी? 

 उत्तर: 40 वर्ष

 प्रश्न 437 कुलचन्दराय जी कहां के यात्रियों के साथ भगवान जाम्भो जी के दर्शन करने सम्भराथल गये थे? 

  उत्तर: नगीना।

 प्रश्न 438 कुलचन्दराय जी की पत्नी का क्या नाम था? 

 उत्तर: रामप्यारी।

 प्रश्न 439 भगवान भगवान के आशीर्वाद से कुलचन्दराय को कितने बच्चों की प्राप्ति हुई थी? 

 उत्तर: 4 बच्चो की।

 प्रश्न 440 कुलचंदराय के पुत्रों का क्या नाम था? 

  उत्तर: धन्नो व् बिच्छू।

 प्रश्न 441 कुलचन्दराय की दोनों पुत्रियों का क्या नाम था? 

 उत्तर: शान्ति व् इमरती।

 प्रश्न 442कुलचन्दराय की बड़ी बेटी शान्ति का विवाह किसके साथ हुआ था? 

 उत्तर: चेलोजी के साथ।

 प्रश्न 443 भगवान जाम्भो जी ने किसको अपना ही रूप बताया था? 

 उत्तर: चेलोजी को।

 प्रश्न 444 भगवान जाम्भो जी सिवहारा कब गये थे? 

 उत्तर: संवत् 1590

 प्रश्न 445 किसने भगवान जाम्भो के लिए विश्राम भवन व् मखमल के गद्दे बिछाने की प्रार्थना किसने की थी? 

 उत्तर: कुलचंदराय जी ने।

 प्रश्न 446 कुलचंदराय की रचनाएँ? 

 उत्तर: केवल दो साखियां।

 प्रश्न 447 रेड़ोजी कहां के निवासी थे? 

 उत्तर: अणखीसर गाँव के।

 प्रश्न 448 रेड़ोजी की गोत्र क्या थी? 

 उत्तर: सांवक।

 प्रश्न 449 रेड़ोजी का जन्म कब हुआ? 

 उत्तर: संवत् 1530 

 प्रश्न 450 नाथोजी किनके शिष्य थे? 

 उत्तर: रेडोजी के।

 प्रश्न 451 भगवान जाम्भो जी के द्वारा कहे हुए सबद किनको कंठस्थ थे? 

 उत्तर: रेड़ोजी व् नाथो जी के।

 प्रश्न 452 संत वील्होजी के दादा गुरू का नाम था? 

 उत्तर: रेड़ोजी।

 प्रश्न 453 सुरजनदास जी पूनियां के परदादा गुरु का नाम क्या था? 

 उत्तर: रेड़ोजी।

 प्रश्न 454 रेड़ो जी की रचनाएँ? 

 उत्तर:  केवल एक कणां की साखी।

 प्रश्न 455 रेड़ोजी का स्वर्गवास कब हुआ? 

 उत्तर: 1620 में।

 प्रश्न 456 आलम जी कहाँ के निवासी थे? 

 उत्तर: बंधड़ा गांव के।

 प्रश्न 457 आलमजी का गोत्र क्या था? 

 उत्तर: अग्रवाल।

 प्रश्न 458 पीरदान लालस के परमेसर पुराण में किसका नाम हैं? 

 उत्तर: आलमजी का।

 प्रश्न 459 आलमजी किनके शिष्य थे? 

 उत्तर: सुरजन जी।

 प्रश्न 460 आलमजी ने कहाँ के गायकों के साथ गायन प्रतियिगिता की थी? 

 उत्तर: जैसममेर।

 प्रश्न 461 जैसलमेर के गायकों ने क्या शर्त रखी थी? 

 उत्तर: जो जीतेगा वह हारने वाला का गुरु बन जाएगा। 

 प्रश्न 462 आलमजी की (राग-रागनियां) से क्या पिघल गया था? 

 उत्तर: दरबार में रखा पत्थर।

 प्रश्न 463 आलमजी द्वारा फेंके हुए मजीरे किसमे गड़ गये थे? 

 उत्तर: पिघले हुए पत्थर में।

 प्रश्न 464 जैसलमेर दरबार में आलम जी के सामने कितने कलाकारों ने अपनी हार स्वीकार करके आलमजी को अपना गुरु मान लिया था? 

 उत्तर: आठ कलाकारों ने।

 प्रश्न 465 सभी आठों गायक क्या बन गये थे? 

 उत्तर: गायणा।

 प्रश्न 466 आलमजी का स्वर्गवास कब हुआ? 

  उत्तर: संवत् 1610

 प्रश्न 467 आलमजी का स्वर्गवास कहाँ हुआ? 

 उत्तर: बींकूकोर।

 प्रश्न 468 वर्तमान में आलम जी के वंशज कहाँ रहते हैं? 

 उत्तर: आलय,पोलास,जेगला आदि स्थानों पर।

 प्रश्न 469 आलमजी की रचनाएँ? 

 उत्तर: आठ साखियां व् बारह हरजस।

 प्रश्न 470 भींवराज जी का उपनाम क्या था? 

 उत्तर: भींयो।

 प्रश्न 471 केसौजी ने कथा चितौड़ में किसका उल्लेख किया हैं? 

 उत्तर: भींवराज जी का।

 प्रश्न 472 केसौजी क़ी कथा 'चितौड़' के अनुसार भींवराज जी किसके पुत्र कहलाये? 

 उत्तर: दिल्ली के शाह के 

 प्रश्न 473 लोगों ने भींवराज जी को किसका लड़का बताया? 

 उत्तर: लुहार।

 प्रश्न 474 गोद लेने के बाद शाह ने भींवराज जी को पढ़ने के लिए कहाँ भेजा? 

 उत्तर: बनारस।

 प्रश्न 475 बनारस में भींवराज जी ने कितने वर्षों तक अध्ययन किया था? 

 उत्तर: तीस वर्ष तक।

 प्रश्न 476 भींवराज जी ने अपने गुरु को गुरु दक्षिणा के रूप में क्या दिया? 

 उत्तर: तीन सौ रूपये।

 प्रश्न 477 विद्या अध्ययन के बाद भींवराज जी कहाँ आ गये? 

 उत्तर: दिल्ली।

 प्रश्न 478 दिल्ली में आकर भींवराज जी ने क्या कार्य करना प्रारम्भ कर दिया? 

 उत्तर: व्यापार करना प्रारम्भ कर दिया।

 प्रश्न 479 भींवराज जी ने दिल्ली में विश्नोइयों से किसके बारे में सुना? 

 उत्तर: भगवान जाम्भो जी के बारे में।

 प्रश्न 480 भींवराज जी अपने मन में 'द' के कितने प्रश्नों पर विचार करके गुरु जाम्भो के पास सम्भराथल पर आया था? 

  उत्तर: चार।

 प्रश्न 481 भगवान जाम्भो जी ने भींवराज जी को किसका रहस्य बताया था? 

 उत्तर: 'द' का।

 प्रश्न 482 भगवान जाम्भो जी ने भींवराज जी को क्या दिखाया था? 

 उत्तर: सोवन नगरी।

 प्रश्न 483 विश्नोई पन्थ में भींवराज जी को किनका लकड़ा माना जाता हैं? 

 उत्तर: लुहार का।

 प्रश्न 484 भींवराज जी का जन्म कब हुआ? 

 उत्तर: संवत् 1530 में।

 प्रश्न  485 भींवराज जी का स्वर्ग कब हुआ? 

 उत्तर: संवत् 1600 में

 प्रश्न 486 भींवराज जी की रचनाएँ? 

 उत्तर: एक साखी छंदा की।

 प्रश्न 487 मेहोजी गोदारा(थापन) का जन्म कहाँ हुआ? 

 उत्तर: भोजास।

 प्रश्न 488 मेहोजी गोदारा के पिता का क्या नाम था? 

 उत्तर: सेखोजी गोदारा।

 प्रश्न 489 भगवान जाम्भो जी ने सेखोजी गोदारा को क्या नियुक्त किया था। 

 उत्तर: थापन।

 प्रश्न 490 जब भगवान जाम्भो जी ने सेखोजी को जब थापन नियुक्त किया था उस समय मेहोजी की आयु कितनी थी? 

 उत्तर: दो वर्ष।

 प्रश्न 491 मेहोजी की बाल्यावस्था कहाँ व्यतीत हुई? 

 उत्तर: भोजास।

 प्रश्न 492 बड़े होने पर मेहोजी ने क्या छोड़ दिया? 

 उत्तर: भोजास।

 प्रश्न 493 भोजास छोड़कर मेहोजी कहाँ रहने लगे थे? 

 उत्तर: रूणियां गाँव में।

 प्रश्न 494 मेहोजी जी ने रामायण की रचना किस गाँव में थी? 

 उत्तर: रूणियां गाँव में।

 प्रश्न 495 मेहोजी जी रामायण की रचना कब की? 

 उत्तर: संवत् 1575 के आसपास।

 प्रश्न 496 मेहोजी ने जब रामायण की रचना की उस समय उनकी आयु कितनी थी? 

  उत्तर: 35 वर्ष।

 प्रश्न 497 मेहोजी ने अपने जीवन के अंतिम दिन कहाँ व्यतीत किए? 

 उत्तर: जांगलू गाँव में।

 प्रश्न 498 सेखोजी गोदारा के कितने पुत्र थे? 

  उत्तर: तीन पुत्र(चैनोजी,मेहोजी एवं चाहूजी) 

 प्रश्न 499 सेखोजी गोदारा के बड़े पुत्र का क्या नाम था? 

 उत्तर: चैनोजी।

 प्रश्न 500 सेखोजी गोदारा के मझले पुत्र का क्या नाम था? 

 उत्तर: मेहोजी।

 प्रश्न 501 सेखोजी गोदारा के  छोटे पुत्र का क्या नाम था? 

 उत्तर: चाहूजी।

 प्रश्न 502 कौन मुकाम मंदिर का पुजारी एवं प्रबंधकर्त्ता बनना चाहता था? 

 उत्तर: चैनोजी।

 प्रश्न 503 रणधीर जी बाबल जी को भोजन में जहर देकर किसने मरवा डाला था? 

 उत्तर: चैनोजी ने।

 प्रश्न 504 मेहोजी गोदारा भगवान जाम्भो जी की पवित्र वस्तुएँ को लेकर कहाँ चले गये? 

 उत्तर: मुकाम से जांगलू।

 प्रश्न 505 मेहोजी गोदारा भगवान जाम्भो जी की पवित्र वस्तुओं को लेकर कब मुकाम से  जांगलू आये ? 

 उत्तर: सम्वत 1597 में।

 प्रश्न 506 मेहोजी ने मन्दिर कहाँ बनवाया था? 

 उत्तर: जहाँ अभी जांगलू का वर्तमान मंदिर बना हुआ हैं वहाँ पर।

 प्रश्न 507 जब चैनोजी ने अपनी गलती स्वीकार कर ली थी और पंचों ने उसे पाहल देकर पुन: पन्थ में सम्मिलित किया था तब चैनो जी किस नाम से प्रसिद्ध हुए? 

 उत्तर: चोखे के नाम से।

 प्रश्न 508 किसकी प्रार्थना पर मेहोजी ने जांगलू से भगवान जाम्भो जी की टोपी वापिस लाकर मुकाम में दी थी? 

 उत्तर: मुकाम के थापनों की प्रार्थना पर।

 प्रश्न 509 मेहोजी गोदारा का स्वर्गवास कहाँ हुआ? 

 उत्तर: जांगलू में।

 प्रश्न 510 मेहोजी का स्वर्गवास कब हुआ? 

 उत्तर: संवत् 1601

 प्रश्न 511 मेहोजी की रचनाएँ? 

 उत्तर: रामायण।

 प्रश्न 512 संत वील्होजी का जन्म कब हुआ था? 

 उत्तर: संवत् 1589

 प्रश्न 513 संत वील्होजी का जन्म कहाँ हुआ था? 

 उत्तर: रेवाड़ी।

 प्रश्न 514 संत वील्होजी के पिता जी का क्या नाम था? 

 उत्तर: परशुराम(सुथार)

 प्रश्न 515 संत वील्होजी का असली नाम क्या था? 

 उत्तर: विट् ठलदास।

 प्रश्न 516 कितनी वर्ष की आयु में संत वील्होजी की आँखो की ज्योति चली गई थी? 

 उत्तर: चार वर्ष।

 प्रश्न  517 संत वील्होजी किस प्रवृत्ति के व्यक्ति थे? 

 उत्तर: धार्मिक प्रवृत्ति के।

 प्रश्न 518 परशुराम(सुथार)से किसने वील्होजी को माँग लिया था? 

 उत्तर: गुजरात की तरफ से आये एक साधु ने।

 प्रश्न 519 संत वील्होजी ने प्रथम वार किसके श्रीमुख से सबदों को सुना था? 

 उत्तर: रेड़ोजी एवं नाथो जी।

 प्रश्न 520 भगवान जाम्भो जी ने अपने बैकुंठवास से पूर्व किसके आने की घोषणा की थी? 

 उत्तर: संत वील्होजी की।

 प्रश्न 521 संत वील्होजी भगवान जाम्भो जी के बैकुंठवास के कितने वर्ष बाद आए थे। 

 उत्तर: 8 वर्ष बाद।

 प्रश्न 522 रेड़ोजी के पूछने पर भगवान जाम्भो जी ने संत वील्होजी की क्या पहचान बताई थी? 

 उत्तर: एक बार सबद सुनने ही पुन: दोहरा देगा।

 प्रश्न 523 संत वील्होजी की प्रार्थना पर किसने उनको गुरु मन्त्र देकर विश्नोई पन्थ में दीक्षित किया? 

 उत्तर: नाथोजी ने।

 प्रश्न 524 नाथो जी ने कब संत वील्होजी को विश्नोई पन्थ में दीक्षित किया था? 

 उत्तर: संवत् 1601

 प्रश्न  525जब नाथो जी ने संत वील्होजी को विश्नोई पन्थ में दीक्षित किया उस समय वील्होजी की आयु कितनी थी? 

  उत्तर: 12 वर्ष।

 प्रश्न 526 संत वील्होजी ने भगवां भेष कब धारण किया था? 

  उत्तर: संवत् 1611

 प्रश्न  527संत वील्होजी ने जाम्भोलाव पर चैती मेला कब प्रारम्भ किया? 

 उत्तर: संवत् 1648 की चैत की अमावस्या।

 प्रश्न  528जाम्भोलाव पर भादवा की पूर्णिमा को लगने वाले दूसरे मेले को किसने प्रारम्भ किया? 

 उत्तर: संत वील्होजी ने(माधोजी गोदारा की सहायता से)

 प्रश्न 529 मुकाम में लगने वाला असोज का मेला किसने प्रारम्भ करवाया था? 

  उत्तर: संत वील्होजी ने।

 प्रश्न 530 जोधपुर के महाराज सूरसिंह के कहने पर संत वील्होजी ने दरबार में ही क्या प्रस्तुत किया था? 

 उत्तर: बाजरे का सिट्टा,काकड़ी एवं मतीरा।

 प्रश्न 531 जोधपुर के महाराज सूरसिंह ने संत वील्होजी को क्या अधिकार दिया था? 

 उत्तर: खूंटे-कोरड़े का अधिकार।

 प्रश्न 532 अपने जीवन का समय निकट जानकर संत वील्होजी ने अपनी गद्दी किसको सौंप दी थी? 

 उत्तर: सुरजनदास जी पूनियां।


 प्रश्न 533 संत वील्होजी ने अपना शरीर कहाँ त्यागा था? 

 उत्तर: रामड़ावास में।

 प्रश्न 534 संत वील्होजी का स्वर्ग वास कब हुआ? 

 उत्तर:-संवत् 1673(चैत्र सुदि एकादशी, रविवार)

 प्रश्न 535 संत वील्होजी की रचनाएँ? 

 उत्तर:  कथा धड़ाबंध,कथा औतारपात,कथा गुगलिये की,कथा पूल्हैजी की,कथा दूणपुर की,कथा जैसलमेर की,कथा झोरड़ा की,कवत परसंग का,कथा ग्यानचारी,सच अखरी विगतावली,साखियां,हरजस,विसन छत्तीसी,छपइया,दूहा मंझ अखरा-अवतार का,छुटक साखी।

 प्रश्न 536 संत वील्होजी की अंतिम रचना? 

 उत्तर: उमाहो।

 प्रश्न 537 जांभाणी साहित्य में कैसोजी नाम से कितने कवि हुए? 

 उत्तर: तीन कवि( कैसोजी देहडू,कैसोजी गोदारा,कैसोजी जिन्होंने मंगलाष्टक की रचना की)

 प्रश्न 538 केसोजी गोदारा कहाँ के निवासी थे? 

 उत्तर: माढ़िया गाँव के निवासी थे?

 प्रश्न 539 केसोजी गोदारा किस जाति के थे? 

 उत्तर:  गोदारा।

 प्रश्न 540 केसोजी किस अवस्था में साधु बन गए थे? 

 उत्तर: छोटी आयु में ही।

 प्रश्न 541 केसोजी गोदारा संत वील्होजी के कितने शिष्यों में से एक थे? 

 उत्तर: सात शिष्यों में से एक।

 प्रश्न 542 संत वील्होजी के सात शिष्यों में सबसे ज्यादा प्रसिद्ध किन की हैं? 

 उत्तर: केसौजी जी गोदारा व् सुरजनदास जी पूनियां।

 प्रश्न 543 केसौजी गोदारा का जन्म कब हुआ था? 

 उत्तर: संवत् 1630

 प्रश्न 544 केसौजी ने किसके कहने पर वर्षा करवाई थी? 

 उत्तर: जोधपुर के महाराज जसवंत सिंह के कहने पर।

 प्रश्न  जब केसोजी गोदारा ने जब वर्षा करवाई थी तब जोधपुर के महाराज ने प्रसन्न होकर उन्हें क्या प्रदान किया? 

 उत्तर:  बीघा जमीन व् सात गुनाह माफ किये थे।

 प्रश्न 545 केसौजी गोदारा का स्वर्ग वास कब हुआ? 

 उत्तर: संवत् 1736 में।

 प्रश्न 546 केसौजी गोदारा का स्वर्ग वास कहाँ हुआ था? 

 उत्तर: माढ़िया गाँव में।

 प्रश्न 547 केसौजी गोदारा की रचनाएँ? 

 उत्तर: साखियां,हरजस,स्तुति अवतार की,दस अवतार का छंद,कवित्त,चन्द्रायणा,कथा बळलीला,कथा लोहापांगळ की,कथा ऊदै अतली की,कथा सैंसे जोखाणी की,कथा मैड़ते की,कथा चितौड़ की,कथा इसकंदर की,कथा जती-तलाव की,कथा विगतवली,प्रहलाद चिरत(प्रहलाद चरित्र)सवैए दूहा,कथा बहसोवनी,कथा भींव दुसासणी,कथा सुरगारोहणी,कथा म्रघलेखा की।

 प्रश्न 548 जांभाणी साहित्य में सुरजन जी नाम से कितने कवि हुए? 

 उत्तर: तीन।

 प्रश्न 549 सुरजनदास जी किसके शिष्य थे? 

 उत्तर: संत वील्होजी के।

 प्रश्न 50 सुरजनदास जी पूनियां किस गोत्र के थे? 

 उत्तर: पूनियां।

 प्रश्न  551 सुरजनदास जी पूनियां किस गाँव के रहने वाले थे? 

 उत्तर: भींयासर गाँव के।

 प्रश्न 552 रामरासौ किसकी रचना हैं? 

 उत्तर: सुरजनदास जी पूनियां की।

 प्रश्न 553 सुरजनदास जी पूनियां किस आयु में साधु बन गये थे? 

 उत्तर: छोटी आयु में।

 प्रश्न 554 संत वील्होजी ने सुरजनदास जी पूनियां को संवत् 1673 में कहाँ का महंत नियुक्त किया? 

 उत्तर: रामड़ावास का।

 प्रश्न 555 सुरजनदास जी पूनियां का जन्म कब हुआ? 

 उत्तर: संवत् 1640

 प्रश्न 556 सुरजनदास जी पूनियां का स्वर्गवास कब हुआ? 

 उत्तर: संवत् 1748 

 प्रश्न 557 सुरजनदास जी पूनियां का स्वर्गवास कहाँ हुआ था? 

 उत्तर: जाम्भोलाव पर।

 प्रश्न 558 सुरजनदास जी पूनियां के पार्थिव शरीर को कहाँ समाधिस्थ किया गया था? 

 उत्तर: भींयासर गाँव के पूनियों के मोहल्ले में।

 प्रश्न 559 सुरजनदास जी पूनियां ने कहां के राजा के यहाँ वर्षा करवाकर वहाँ अकाल को नष्ट किया था? 

 उत्तर: जोधपुर राजा के यहाँ वर्षा करवाकर।

 प्रश्न 560 सुरजनदास जी पूनियां किस आयु में साधु बन गये थे? 

 उत्तर: छोटी आयु में।

 प्रश्न  561 संत वील्होजी ने सुरजनदास जी पूनियां को संवत् 1673 में कहाँ महंत नियुक्त किया? 

 उत्तर: रामड़ावास का।

 प्रश्न  562 सुरजनदास जी पूनियां का जन्म कब हुआ? 

 उत्तर: संवत् 1640

 प्रश्न  563 सुरजनदास जी पूनियां का स्वर्गवास कब हुआ? 

 उत्तर: संवत् 1748 

 प्रश्न 564 सुरजनदास जी पूनियां का स्वर्गवास कहाँ हुआ था? 

 उत्तर: जाम्भोलाव पर।

 प्रश्न  565 सुरजनदास जी पूनियां के पार्थिव शरीर को कहाँ समाधिस्थ किया गया था? 

 उत्तर: भींयासर गाँव के पूनियों के मोहल्ले में।

 प्रश्न  566 सुरजनदास जी पूनियां ने जोधपुर के अलग कहाँ और वर्षा करवाई थी? 

 उत्तर: जैसलमेर एवं फलौदी।

 प्रश्न 567 सुरजनदास जी पूनियां की रचनाएँ? 

 उत्तर: साखियां,गीत,हरजस,अंगचेतन,दस अवतार,दूहा,असमेध जिग का दूहा,छंद, कवित,कवित्त बावनी,सवइए,कथा चेतन,कथा चितांवणी,कथा धरमंचरी,कथा हरिगुण,कथा औतार की,कथा परसिध,ग्यान महातम,ग्यान तिलक,कथा गजमोख,कथा उषा पुराण,भोगल पुराण,रामरासौ।

 प्रश्न 568 गोकली कहां के रहने वाले थे? 

 उत्तर: जोधपुर के पास जोळियाळी के रहने वाले थे।

 प्रश्न 569 गोकल जी किस जाति के साधु थे? 

 उत्तर: बणियाल जाति के।

 प्रश्न 570 गोकल जी का जन्म कब हुआ था? 

 उत्तर: संवत् 1700

 प्रश्न 571 गोकलजी का स्वर्गवास कब हुआ? 

 उत्तर: संवत् 1790 में।

 प्रश्न 572 जब गोकलजी का स्वर्ग वास हुआ उस समय गोकलजी की आयु कितनी थी? 

 उत्तर: 90 वर्ष।

 प्रश्न 573 जांभाणी साहित्य में गोकल जी की प्रसिद्धि का प्रमुख कारण क्या है? 

 उत्तर: खेजड़ली के खड़ाणे की साखी।

 प्रश्न 574 गोकलजी की रचनाएँ? 

 उत्तर: इन्दव छंद,अवतार की विगति,परची स्तुति होम की,साखियां।

 प्रश्न 575 परमानंद जी बणियाल कहाँ के रहने वाले थे? 

 उत्तर: जांगलू गाँव के।

 प्रश्न 576 परमानंद जी क्या थे? 

 उत्तर: बणियाल जाति के थापन साधु थे?

 प्रश्न  577 परमानंद जी के पिता का क्या नाम था? 

 उत्तर: सुरताण जी था।

 प्रश्न  578 सुरताण जी किनके पुत्र थे? 

 उत्तर: सेंणोजी के।

 प्रश्न 579 परमानंद जी के पूर्वज सुरताणजी के समय में ही जांगलू से कहाँ आकर बस गये थे? 

 उत्तर: रासीसर।

 प्रश्न 580 परमानंद जी ने अपने प्रसिद्ध 'पोथो ग्रन्थ ग्यान' की रचना कहाँ की थी? 

 उत्तर: रासीसर में।

 प्रश्न 581 परमानंद जी ने 'पोथो ग्रन्थ ग्यान' को कब लिपिबद्ध करना प्रारम्भ किया था? 

 उत्तर: संवत् 1796 में।

 प्रश्न 582 परमानंद जी का लिपिबद्ध कार्य कब पूरा हो गया? 

 उत्तर: संवत् 1810

 प्रश्न 583 परमानंद जी को पोथो ग्रन्थ को लिपिबद्ध करने में कितने वर्ष लगे? 

 उत्तर: 14 वर्ष।

 प्रश्न 584 परमानंद जी का जन्म कब हुआ? 

 उत्तर: संवत् 1750 में।

 प्रश्न 585 परमानंद जी स्वर्गवास कब हुआ? 

 उत्तर: संवत् 1845 में।

 प्रश्न 586 परमानंद जी कितने गुरुओं शिष्य थे? 

 उत्तर: परमानंद जी दो गुरुओं के शिष्य थे(पहले ये मुकनोजी के शिष्य थे और बाद में संवत् 1796 में रासोजी के गोद जाकर उनके शिष्य बन गये थे)

 प्रश्न  587 परमानंद जी रचनाएँ? 

 उत्तर: 1.प्रसंग 104, श्रबगुणी साखी-945 2. हरजस-41 3.साखियां-5 4 विसन असतोत्र 22 छंद 5 फुटकर छंद-कवित्त-2 दोहे-12 6. गद्य में साका 7. छमछरी (संवत्सरी)।

 प्रश्न 588 ऊदोजी अडींग कहाँ के निवासी थे? 

 उत्तर: जोधपुर के पास रुड़कली गाँव के।

 प्रश्न 589 ऊदोजी अडींग जी का जन्म कब हुआ? 

 उत्तर: संवत् 1818 में।

 प्रश्न 590 ऊदोजी अडींग जी के पिता का क्या नाम था? 

 उत्तर: केसौजी अडींग।

 प्रश्न 591 जांभाणी साहित्य में ऊदोजी नाम से कितने कवि हुए? 

 उत्तर: तीन(ऊदोजी तापस,ऊदोजी नैण,ऊदोजी अड़ींग)

 प्रश्न 592 ऊदोजी अडींग जी का विवाह किसके साथ हुआ? 

 उत्तर: बीसलपुर की साहबी बणियाल के साथ।

 प्रश्न 593 ऊदोजी अडींग के पास कितनी जमीन थी? 

 उत्तर: 200 बीघा।

 प्रश्न 594 ऊदोजी को संसार की निस्सारता और अपने शरीर की क्षणभंगुरता की अनुभूति कब हुई थी? 

 उत्तर: संवत् 1867 में।

 प्रश्न 595 ऊदोजी अड़ीग कितने वर्ष की आयु में साधु बन गये? 

  उत्तर: 50 वर्ष।

 प्रश्न 596 ऊदोजी अडींग के गुरु का क्या नाम था? 

 उत्तर: सुदरोजी।

 प्रश्न 597 ऊदोजी अडींग का स्वर्ग वास कब हुआ? 

 उत्तर: 1933 में।

 प्रश्न 598 ऊदोजी अडींग की रचनाएँ? 

 उत्तर: 1.प्रहलाद चरित-348 छंद। 2.विष्णु चरित-110 दोहे,चौपाई। 3.कक्का छत्तीसी-37 कुंडलियां। 4.लूर 5.फुटकर छंद-30 6.स्नेह लीला।

 प्रश्न 599 साहबरामजी राहड़ किसके पुत्र थे? 

 उत्तर: तारोजी के।

 प्रश्न  600तारोजी किसके वंशज थे? 

 उत्तर: हुजूरी भक्त रतनो जी राह़ड के।

 प्रश्न 601 साहबराम जी कितने भाई थे? 

 उत्तर: पाँच भाई।

 प्रश्न 602 साहबराम जी का जन्म कब हुआ? 

 उत्तर: संवत् 1871 में।

 प्रश्न 603 साहबराम जी का जन्म कहाँ हुआ था? 

 उत्तर: कुचामन पट्टे के हुडिया गाँव में।

 प्रश्न 604 साहबराम जी कितनी वर्ष की आयु में साधु बन गये थे? 

 उत्तर: 8-10 वर्ष की अवस्था में।

 प्रश्न605 साहबराम जी किसके शिष्य थे? 

 उत्तर: गोविन्दराम जी के।

 प्रश्न 606 साहबराम जी का विवाह किसके साथ हुआ था? 

 उत्तर: पारवा गाँव की रामप्यारी के साथ।

 प्रश्न 607 साहबराम जी ने कहाँ रहकर वील्होजी का मंदिर बनवाया था? 

 उत्तर: रामड़ावास।

 प्रश्न 608 वैसे मन्दिर का निर्माण कार्य किसने प्रारम्भ करवाया था? 

 उत्तर: गुलाबदास जी ने प्रारम्भ करवाया था लेकिन उनका संवत् 1909 में स्वर्गवास हो गया।

 प्रश्न 609 साहबराम जी के वंशज अभी कहाँ रहते हैं? 

 उत्तर: दुतारावाली गाँव में।

 प्रश्न 610 साहबराम जी स्वर्गवास कब हुआ? 

 उत्तर: संवत् 1948 की मार्गशीर्ष सुदि 11को।

 प्रश्न 611 साहबराम जी का समाधि मंदिर कहाँ बना हुआ हैं? 

 उत्तर: दुतारावाली गाँव में।

 प्रश्न-612 साहबराम जी रचनाएँ? 

 उत्तर: सत्तलोक पहुंचने का परवाना-छंद 32 2.सार शब्द गुंजार-185 छंद 3.सार बत्तीसी-42 छंद 4.अमर चालीसी-कुंडली 44 5.महामाया की स्तुति-44 छंद 6.फुटकर रचनाएं-(क) साखियां-2 (ख)हरजस,भजन-18 (ग)आरती-1 तथा फुटकर छंद 7.जम्भसागर-24 प्रकरण,रूपक संख्या 2450(छंद-24000)

 प्रश्न 613 साहबराम जी ने अपने जीवन काल में कितने छंदों की रचना की हैं? 

 उत्तर: लगभग 25000 छंदों की रचना।

 प्रश्न 614 जांभाणी कवियों में सबसे अधिक छंद लिखने वाले कवि कौन हैं ? 

 उत्तर: साहबराम जी राहड़।

 प्रश्न 615 साहबराम जी की उपलब्ध सात रचनाओं में प्रमुख रचना कौन सी हैं? 

  उत्तर: जम्भसार।

प्रश्न 616 जम्भसागर में कितने प्रकरण कितने रूपक एवं कितने दोहे-चौपाई हैं?

 उत्तर: 24 प्रकरण,2450 रूपक एवं 24000 दोहे-चौपाई।

 प्रश्न 617 स्वामी ब्रह्मानंदजी कहाँ के रहने वाले थे? 

 उत्तर: नगीना।

 प्रश्न 618 स्वामी ब्रह्मानंद जी का जन्म कब हुआ? 

 उत्तर: संवत् 1910 में।

 प्रश्न 619 स्वामी ब्रह्मानंदजी किनके शिष्य थे? 

 उत्तर: रामदास जी के।

 प्रश्न 620 ब्रह्मानंद जी का स्वर्गवास कब हुआ? 

 उत्तर: संवत् 1985 में।

 प्रश्न 621 ब्रह्मानंद जी की रचनाएँ? 

 उत्तर: श्री जम्भदेव चरित्र भानु,साखी संग्रह प्रकाश,मृतक संस्कार निर्णय,श्री वील्होजी का जीवन चरित्र तथा वील्होजी का संक्षिप्त वृतांत,विश्नोई धर्म विवेक,विद्या और अविद्या पर व्याख्यान,गोत्राचार,इतिहास प्रदीप,आरती,भजन।





उपरोक्त प्रश्नोत्तर जांभाणी साहित्य के युवा पुरोधा विष्णु दास, उत्तर प्रदेश द्वारा भेजे गए हैं। हम इस पुनीत कार्य में सहयोग हेतु श्री विष्णु दास का धन्यवाद ज्ञापित करते हैं। विस्तृत रूप से जांभाणी साहित्य को पढ़ने व समझने के लिए जांभाणी साहित्य अकादमी द्वारा प्रकाशित विभिन्न साहित्यिक पुस्तकों को अवश्य खरीदें व पढ़ें तथा दूसरों को भी प्रेरित करें।

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