परंपरा: रश्म-ए-विवाह 'बान' | Vip Photography
वैवाहिक रस्म-ए-रिवाजों में बान का स्थान सर्वोपरी है. बान सहयोग के बदले सहयोग (कॉपरेटिव) का अनुठा संकल्प है. बान के माध्यम से परिजनों के साथ गांव व दूर-दराज के लोग वैवाहिक अनुष्ठान में सहयोग रूपी आशीर्वाद प्रदान करते हैं. इस सहयोग के लिए ब्याह में सम्मिलित होने के लिए चावल (निंवता) बांटा जाता है. विवाह में सम्मिलित होने वाले सैकड़ों-हजारों लोगों द्वारा सहयोग से मेजबान का वैवाहिक खर्च में सहयोग होता है. इस सहयोग के बदले सहयोग वैवाहिक कार्यक्रम में सामिल होकर पुनः बान के रूप में ही कि जाती है.
वास्तविकता में निमंत्रण भोजन का नहीं बान का होता है... भोजन कराने की परंपरा तो शदियों से चली आ रही है. व्यक्ति घर आने वाले मेहमानों का सम्मान जल-पान और खाना खिलाकर करता है.
कॉपरेटिव जगत का बान सबसे अद्वितीय उदाहरण है.... जहां पैसे की जगह सहयोग की भावना प्रबल रहती है.