Jyoti Bishnoi : किसान की बेटी‌ बनी Flipkart में सॉफ्टवेयर इंजीनियर

 Jyoti Bishnoi : किसान की बेटी‌ बनी Flipkart में सॉफ्टवेयर इंजीनियर

Jyoti Bishnoi : किसान की बेटी‌ बनी फ्लिपकार्ट में सॉफ्टवेयर इंजीनियर
बिश्नोई युवा सम्मेलन में अपने विचार साझा करते हुए सॉफ्टवेयर इंजीनियर ज्योति बिश्नोई


वर्तमान में जीवन जीने के लिए आधारभूत आवश्यकता कपड़ा, रोटी और मकान के साथ शिक्षा भी आवश्यक है। अशिक्षित व्यक्ति को अनेक कठिनाइयों का सामना करते हुए जीवन यापन करना पड़ता है। प्रौद्योगिकीकरण के इस दौर में शिक्षा ही व्यक्ति को सबल व सशक्त बनाती है। आज भी भारतीय गांवों में शिक्षा का अभाव देखने को मिलता है। ग्रामीण अंचलों के लोग जैसे तैसे करके अपने लड़कों को तो पढ़ा ही लेते हैं लेकिन बालिका शिक्षा को लेकर आज भी रूढ़िवादी धारणा हम सब के मध्य घर कर बैठी है। लड़कियों को अधिकतम इंटर तक शिक्षा दिलवाले हैं उच्चतम शिक्षा से पहले ही यह कहकर उन्हें पढ़ाई छुड़वा दी जाती है कि लड़की है आगे करेगी भी तो क्या! चूल्हा चौका ही तो करना है। ऐसी परिस्थिति में शिक्षित नारी, सशक्त नारी की कल्पना भी मिथक लगती है। इन सब के मध्य भारत के ह्रदय स्थल नाम से मशहूर मध्य प्रदेश के हरदा क्षेत्र की रहने वाली ज्योति ने विपरीत परिस्थितियों में भी शिक्षा की जोत को जलाए रखा और जीवन में आगे बढ़ते हुए सफलता के शीर्ष मुकाम को हासिल कर समाज में नारी शिक्षा महिला सशक्तिकरण की प्रेरणा स्त्रोत बनकर उभरी है। वर्तमान ज्योति ई-कॉमर्स के क्षेत्र में भारत की सर्वश्रेष्ठ कंपनियों में से एक फ्लिपकार्ट में सॉफ्टवेयर डेवलपर के पद पर कार्यरत है।



ज्योति बिश्नोई : जीवन परिचय

Jyoti Bishnoi
Biodata
Full NameJyoti Bishnoi
Date of Birth09 June, 1997
Kasipur, Harda, Madhyapradesh
ParentsSmt Pramila Devi, Umasankar Bishnoi (Farmer)
Achievement
  • District Topper
    •  10th
  • State Topper
    • 12th (PCM)
Education
  • BE in computer science
    • BITS Pilani
Profession
  • Software engineer
    • Flipkart (May 2021-present)

24 वर्षीय ज्योति का जन्म मध्यप्रदेश के हरदा क्षेत्र के काशीपुर (नीमगांव) के एक बिश्नोई परिवार में हुआ। ज्योति के पिता का नाम श्री उमाशंकर बिश्नोई है जो की किसान है और माता श्रीमती प्रमिला देवी ग्रहणी है। 


ज्योति बिश्नोई : शिक्षा

लड़की होने के कारण ज्योति को शिक्षा के विभिन्न सोपानों पर अपने ही परिवार के सदस्यों के विरोध का सामना किया लेकिन ज्योति की जिद के आगे उनकी एक न चली। परिजनों के विरोध के बावजूद ज्योति की ज़िद के चलते किसान पिता ने साथ ही नहीं दिया बल्कि सफलता के शीर्ष मुकाम तक पहुंचा कर लड़के लड़कियों में भेदभाव करने वाले लोगों के मुंह पर तमाचा जड़ा।

ज्योति ने प्रारंभिक शिक्षा अपने गांव के विद्यालय में ग्रहण की। आठवीं कक्षा उत्तीर्ण करने के पश्चात उनके लिए शिक्षा ग्रहण करना नामुमकिन था क्योंकि गांव में आठवीं तक का ही विद्यालय था और लड़की होने के कारण आगे की पढ़ाई के लिए शहर भेजना वहां के लोगों की रिवायत नहीं थी। संयोग कहें या ईश्वर कृपा उसी सत्र में उनके गांव का विद्यालय क्रमोन्नत होकर माध्यमिक विद्यालय बन गया। बाल्यावस्था से ही पढ़ाई में मेधावी रही ज्योति दसवीं कक्षा में जिले भर में प्रथम स्थान आप प्राप्त करने में कामयाब रही। लेकिन समस्याएं थी कि ज्योति का पीछा छोड़ने को तैयार नहीं थी। दसवीं कक्षा उत्तीर्ण करने के पश्चात पढ़ाई के लिए गांव से शहर जाना ज्योति मुमकिन न था। परिजनों ने भी आगे पढ़ाने पर मनाही कर दी लेकिन ने ज्योति ने पढ़ाई के लिए जिद की और‌ शहर के एक निजी विद्यालय (सरस्वती विद्या मंदिर, हरदा) के वॉइस प्रिंसिपल ने जब घर आकर दाखिले के लिए अनुग्रह किया तो इनके परिवार जन भी मान गए। विद्यालय की तरफ से इन्हें लाने और ले जाने के लिए वैन का प्रबंध किया गया। परिणाम यह रहा कि ज्योति ने 12वीं कक्षा में विज्ञान संकाय(PCM) में मध्य प्रदेश भर में टॉप किया।


राज्य भर में टॉप करने वाली ज्योति ने अबतक भविष्य की पढ़ाई के बारे में अभी कुछ सोचा नहीं था कि उन्हें मध्य प्रदेश बोर्ड द्वारा सम्मानित किया गया। इस दौरान उन्हें सुझाव दिया गया की देशभर में टेक्नोलॉजी में सिरमौर संस्थान बिट्स पिलानी, झुंझुनू टॉपर को बिना एंट्रेंस एग्जाम एडमिशन देती है। ज्योति ने भी कंप्यूटर साइंस में इंजीनियरिंग के लिए दाखिला फोरम भर दिया। अब तक हिंदी मीडियम की छात्रा रही ज्योति के लिए बिट्स पिलानी जैसे संस्थान में अंग्रेजी माध्यम में आगे की पढ़ाई करना आसान नहीं था। लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी और रोजाना की 10 घंटे से अधिक की पढ़ाई करते हुए अच्छे मार्क्स के साथ इंजीनियरिंग पास आउट हुई। ज्योति को कैंपस से प्लेसमेंट के दौरान दो कंपनियों ने जॉब के लिए चुना जो गांव के किसान की बेटी के लिए किसी उपलब्धि से कम नहीं था।

अब ज्योति, भारत की ख्यातनाम इ कॉमर्स कंपनी फ्लिपकार्ट में सॉफ्टवेयर डेवलपर के पद पर सेवाएं दे रही है।


बिश्नोई युवा सम्मेलन 2022 ज्योति ने अपने अनुभवों को साझा करते हुए बताया कि

 प्रदेश भर में मैंने 12वीं कक्षा को टॉप तो किया था लेकिन हिंदी माध्यम की छात्रा होने के कारण अंग्रेजी के साथ तालमेल बिठाना थोड़ा कठिन कार्य था। जब उन्होंने बिट्स पिलानी में दाखिले के लिए आवेदन पत्र दिया गया जिसे फिल करते वक्त उन्हें थोड़ी परेशानी का सामना करना पड़ा सहायता के लिए उन्होंने ऑफिस में कॉल लगाया तो वहां से जवाब मिला जब आप यह फॉर्म ही फिल नहीं कर सकती तो बिट्स जैसे संस्थान में शिक्षा ग्रहण करना मुश्किल है। इस जवाब को सुनकर मैं खूब रोई लेकिन उस अजनबी द्वारा कहे गए शब्द मेरे मन को उद्वेलित कर गए और मैंने निर्णय लिया अब पढ़ूंगी तो सिर्फ बिट्स पिलानी में ही। मैंने कड़ी मेहनत करते हुए हर रोज 10 घंटे से अधिक पढ़ते हुए अंततोगत्वा असमझ के उस भाव को समझ में बदलने में कामयाब रही। 


बिश्नोई युवा सम्मेलन लालासर साथरी: ज्योति बिश्नोई उद्बोधन विडियो




ज्योति की सफलता उन लड़कियों लिए प्रेरणा का स्त्रोत है जो विपरीत परिस्थितियों में भी पढ़कर सफलता अर्जित करना चाहती है। हमें यह सीख देती है की बेटे बेटी में भेदभाव न करते हुए बेटियों को भी शिक्षा में समान अवसर प्रदान करने चाहिए। बेटियां भी शिक्षित होकर सफलता के शीर्ष मुकाम को हासिल कर परिवार, समाज व देश को अपने कार्यों से गौरवान्वित करेगी। 



लेखक

जय खीचड़जय खीचड़
सकारात्मक स्टोरीज लेखन श्रेणी में पिछले 5 वर्षों से विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं  में लिखने बाद‌  बिश्नोई समाज को समर्पित Bishnoism.org की शुरुआत की है। यहां सक्सेस स्टोरी कॉलम की शुरुआत छुपी प्रतिभाओं के संघर्ष से लेकर सफलता तक के सफर को लोगों तक पहुंचाने के लिए  की है।  ताकि अध्ययनरत युवावर्ग प्रेरणा लेकर सफलता के पथ पर आगे बढ़ सके।

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