Bansi Lal Bishnoi : पहले 20 वर्ष भारतीय वायु सेना में दी सेवाएं अब सेवानिवृत्त होकर बने RAS अधिकारी
कहते हैं कुछ करने का जज्बा और हौसला हो तो इंसान हर बाधाओं को पार करते हुए सफलता का शीर्ष मुकाम हासिल कर ही लेता है। सफलता का सुखद परिणाम सेवा से प्राप्त होता है। फिर भले ही वह भारतीय सेना में अपनी सेवाओं से देश को गौरवान्वित करना हो या प्रशासनिक अधिकारी बनकर जनता को सुलभ सेवाएं उपलब्ध करवाना हो। आज की कहानी ऐसे वीरले व्यक्ति की है जिन्होंने पहले 20 वर्ष भारतीय वायु सेना में अपनी सेवाएं दी और अब सेवानिवृत्त होकर RAS 2018 में चयनित होकर सहकारिता निरीक्षक के पद पर अपनी सेवाएं देंगे। अपने जीवन को देश सेवा का ध्येय बनाने वाले विरले पुरुष का नाम बंसी लाल बिश्नोई है।
Bansi Lal Bishnoi Biography
42 वर्षीय बंसी लाल बिश्नोई का जन्म ब्लू सिटी जोधपुर के निकटवर्ती ग्राम बिरामी में एक साधारण किसान परिवार में हुआ। इनके पिता का नाम स्व. श्री लाखा राम लोळ है एवं माता का नाम श्रीमती पंकली देवी है। बंसीलाल ने प्रारंभिक शिक्षा गांव बिरामी के विद्यालय से ही प्राप्त की और आगे की पढ़ाई के लिए वो जोधपुर चले गए जहां से उन्होंने राजकीय विद्यालय महिला बाग से इंटर के परीक्षा उत्तीर्ण की।
इसके पश्चात आपका चयन भारतीय वायु सेना में एयरक्राफ्ट्समेन के पद पर हो गया। भारतीय वायु सेना में अपनी सेवाएं देते हुए दूरस्थ शिक्षा से ग्रेजुएशन की डिग्री हासिल की।
20 वर्ष की गौरव पूर्ण सेवा के पश्चात बंसीलाल भारतीय वायु सेना से सरजेंट के पद से सेवानिवृत्त हुए। सेवानिवृत्त होकर उन्होंने घर बैठना उचित नहीं समझा और जीवन के अगले पड़ाव में अपनी सेवाओं को जारी रखने का निश्चय कर राजस्थान प्रशासनिक सेवाओं की तैयारी में जुट गए। 2 वर्ष के कठिन परिश्रम से RAS 2018 में एक्स सर्विस मेन केटेगिरी में 88 वीं रैंक से चयनित हुए। आयोग द्वारा जारी विभाग आवंटन सूची में बंसी लाल बिश्नोई को सहकारिता निरीक्षक का पद आवंटित हुआ है। बंशीलाल प्रशिक्षणोपरांत सहकारिता निरीक्षक के पद पर सेवाएं देंगे।
Bishnoism.org से बातचीत करते हुए श्री बंशीलाल बिश्नोई ने बताया कि
देश सेवा ही उनके जीवन का ध्येय है और सेवा की बुनियाद शिक्षा है। मैं युवाओं को कहना चाहूंगा सफलता और असफलता जीवन के दो पहलू हैं। सतत् शिक्षा की सुदृढ़ भित्ति पर सफल होने के ध्येय के साथ तैयारी करें आप जीवन में सफल अवश्य होंगे।