Arjun Ram Bishnoi : दो बार की असफलता भी नहीं तोड़ पाई हौसला, तीसरे प्रयास में बने RAS अधिकारी
सफलता का कोई शॉर्टकट नहीं है। जो अभ्यर्थी सतत् तैयारी की सुदृढ़ नींव पर असफलताओं से प्राप्त तजुर्बों से अपनी कमजोरियों को दूर करते हुए आगे बढ़ते हैं वह शीर्ष मकाम हासिल कर ही लेते हैं। ऐसे ही दृढ़ निश्चय वाले शख्सियत से हम आज आपको रूबरू करवा रहे हैं जो दो बार RAS की परीक्षा में अंतिम पड़ाव तक पहुंचने के बाद भी सफल नहीं हो पाए लेकिन हौसला ऐसा कि तीसरी बार परीक्षा दी ही नहीं बल्कि आरएएस अधिकारी बनने में सफल रहे। जी हां हम बात कर रहे हैं ब्ल्यू सिटी के नाम से मशहूर जोधपुर रहने वाले अर्जुन राम बिश्नोई की जिन्हें हाल ही में राजस्थान लोक सेवा आयोग द्वारा जारी सूची में सहकारिता निरीक्षक का पद आवंटित हुआ है। विगत 9 वर्षों से तृतीय श्रेणी शिक्षक के रूप में अपनी सेवाएं दे रहे अर्जुन राम अब सहकारिता निरीक्षक के पद पर सेवाएं देंगें।
RAS अर्जुन राम बिश्नोई जीवन परिचय
30 वर्षीय अर्जुन राम बिश्नोई का जन्म जोधपुर जिले के एकलखोरी गांव में हुआ। इनके पिता का नाम श्री माणकराम बिश्नोई है जो BSF से सेवानिवृत्त है। इनकी माता का नाम श्रीमती बाबू देवी है और श्रीमती विद्यादेवी जीवनसंगिनी है।
RAS अर्जुनराम बिश्नोई : शिक्षा
बाल्यावस्था से ही शिक्षा में मेधावी रहे अर्जुन राम ने आदर्श विद्या मंदिर मथानिया से 69% अंको के साथ दसवीं कक्षा उत्तीर्ण की। इसके पश्चात अर्जुन राम आगे की शिक्षा के लिए जोधपुर चले गए जहां से महर्षि गौतम स्कूल रातानाडा से 75% अंकों के साथ 12वीं परीक्षा उत्तीर्ण कर आगे शिक्षक बनने के सपने के साथ BSTC की प्रवेश परीक्षा दी जिसमें उत्तीर्ण हो गए और सत्र 2009-11 में लोकमान्य तिलक TT कॉलेज डबोक, उदयपुर से BSTC की डिग्री हासिल कर शिक्षक बनने की प्रथम सीढ़ी चढ़ने में सफल रहे। इस के पश्चात वर्ष 2012 में अर्जुनराम बिश्नोई प्रथम प्रयास में ही तृतीय श्रेणी शिक्षक बनने में सफल रहे। शिक्षक बनने के बाद भी अपनी तैयारी जारी रखते हुए 9 वर्षों बाद RAS 2018 की भर्ती में चयनित होकर सहकारिता विभाग में निरीक्षक के पद पर सेवाएं देंगे। आपको बता दें कि अर्जुन राम अपने पहले पहले प्रयास में मुख्य परीक्षा तक व दूसरे प्रयास में साक्षात्कार और तीसरे अटेम्प्ट में RAS बनने के तिलस्मी ख्वाब को पूरा करने में सफल रहे।
इस परीक्षा को पास करने के लिए मैंने कोई खास स्ट्रेटजी नहीं अपनायी बल्कि अपनी विगत असफलताओं में उजगार हुई कमजोरी को दूर करते हुए तैयारी में निरंतरता बनाए रखते हुए सफलता हासिल करने में कामयाब रहा।
जो अभ्यर्थी आरएएस बनना तिलस्मी ख्वाब से कम नहीं समझते उन्हें अर्जुनराम बिश्नोई से प्रेरणा लेनी चाहिए जिन्होंने सेल्फ स्टडी से RAS बनकर उदाहरण पेश किया है। आपने तैयारी के दौरान भाटिया आश्रम के टेस्ट नियमित दिए जिससे अपनी क्षमताओं को विकसित करने में सफल रहे।
जब हमनें पुछा आप सफलता के श्रेय किसे देना चाहेंगे तो अर्जुनराम बिश्नोई ने बताया उन्हें सफलता ईश्वरीय कृपा, माँ-पिताजी के आशीर्वाद, पत्नी के सहयोग, गुरुदेव सचिदानंद जी और गुरुदेव प्रवीण जी भाटिया के आशीर्वाद से पाई है। मित्र मंडली में जयप्रकाश जी प्रिंसिपल, सुभाष जी प्रिंसिपल, विनोद जी लेघा DTO, प्रेम जी RPS, अनिल जी RPS , रवि कुमार SDM, पूनम चौधरी SDM एवं भारत सेवा संस्थान जोधपुर का विशेष सहयोग रहा।