IPS Sushil Kumar Bishnoi : चार बार असफल हुए पांचवें प्रयास में बने आईपीएस
सपने वो नहीं होते जो आप सोने के बाद देखते हैं बल्कि सपने वो होते हैं जो आपको सोने नहीं देते। देश के राष्ट्रपति डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम की इस सीख को गाँठ में बाँधकर कैसे साकार किया जाता है यह बीकानेर के सुशील कुमार बिश्नोई से जानिए। सुशील ने पांचवें प्रयास में जिस तरह यूपीएससी सिविल सेवा की परीक्षा में 106वीं रैंक हासिल की है वह गौरव उपलब्धि है।
IPS Sushil Kumar Bishnoi Biography | आईपीएस सुशील कुमार बिश्नोई जीवन परिचय
मूलतः जोधपुर जिले के खिदरत गांव से संबंध रखने वाले सुशील बिश्नोई बीकानेर की रामपुरा बस्ती के निवासी है। सुशील कुमार का जन्म मध्यमवर्गीय बिश्नोई परिवार में हुआ। पिता श्री गणपतराम बिश्नोई RAC में हवलदार है जबकि माता शांति देवी ग्रहणी है।
IPS SUSHIL KUMAR BISHNOI : EDUCATION
IPS SUSHIL KUMAR BISHNOI ATTEMPT
पांचवे प्रयास में सुशील कुमार बिश्नोई 106 वीं रैंक से सफल होकर IPS बने। सुशील कुमार प्रथम दो प्रयास में 2014-15 में CSE की प्रीलिम्स की परीक्षा भी पास नहीं कर पाए। इसके बाद उन्होंने लगातार तीन बार मेंस की परीक्षा क्लीयर भी है परंतु हर बार वो कुछ अंको से पीछे रह ही जाते। यूपीएससी परीक्षार्थियों के प्रयास की सीमा और धैर्य की परीक्षा का लेता है। कुछ लोग इन सालों में बिखर जाते हैं और कुछ लोग निखर जाते हैं। सुशील अपने जुनून और धैर्य को कायम रखते हुए दोगुने मनोबल से निरंतर तैयारी करते रहे। इसी बीच वर्ष 2018 में उनका चयन भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद में बतौर कृषि वैज्ञानिक के रूप में हो गया। और उन्होंने उत्तराखण्ड के अलमोड़ा में बतोर कृषि वैज्ञानिक सेवाएं देते हुए यूपीएससी की तैयारी जारी रखी। जिसका परिणाम यह रहा कि पांचवें और आखिरी प्रयास में सुशील कुमार 106 वीं रैंक के साथ सफल होकर आईपीएस बने।
IPS Sushil Kumar Bishnoi's Massage to Youngster
सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी करने वाले युवाओं को लक्ष्य के प्रति निष्ठा, लगन और मेहनत पाठ्यक्रम को ध्यान में रखते हुए करनी चाहिए। यूपीएससी सिविल सेवा में प्रीलिम्स एग्जाम में टफ कंपटीशन रहता है। यूपीएससी परीक्षार्थियों के प्रयास की सीमा की परीक्षा का लेता है। जो अधिक मनोबल से निरंतर तैयारी करता है वह निश्चित ही सफल होता है।
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