सतपाल बिश्नोई : जीवन परिचय
डूंगर महाविद्यालय के पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष रहे स्व. सतपाल बिश्नोई का जन्म बिकानेर जिले की खाजुवाला तहसील के नीकटवर्ती ग्राम चक 6 पीएचएम के एक साधारण किसान परिवार में हुआ। इनके माता-पिता का नाम श्रीमती भंवरीदेवी व श्री रामरतन बिश्नोई है। सतपाल स्कुली शिक्षा के समय से ही राजनीति में रूचि रखने लगे। उनकी राजनीतिक रूचि के चलते ही वो कॉलेज में आते-आते सक्रिय छात्र हितैषी नेता के रूप उभरकर सामने आए। प्रदेशभर में डायनेमिक लिडर के रूप में पहचान पाने वाले सतपाल बिश्नोई का जीवन महज 25 वर्ष का हैं। इतनी अल्पायु में भी वो अपनी दूरदर्शी सोच से बिकानेर संभाग को विश्वविद्यालय की सौगात दे गए जिसके लिए उन्हें शदियों तक याद रखा जाएगा।
सतपाल बिश्नोई : एक परिचय |
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जन्म : 5 मार्च, 1977 |
माता-पिता : भंवरी देवी, रामरतन बिश्नोई |
धर्मपत्नी : श्रीमती सरोज देवी |
पुत्र: सत्यम बिश्नोई |
जन्म स्थान : चक 6 पीएचएम, तहसील: खाजुवाला (बिकानेर) |
शिक्षा : पोस्ट ग्रेजुएट |
संयुक्त सचिव : सन् 1996 (डूंगर महाविद्यालय) |
कॉमन रूम सेक्रेट्री : सन् 1996 (डूंगर महाविद्यालय) |
छात्रसंघ अध्यक्ष : सन् 1996 (डूंगर महाविद्यालय) |
बीकानेर विश्वविद्यालय छात्र संघर्ष समिति का गठन : 2001 |
प्रयास : बिकानेर में विश्वविद्यालय की स्थापना |
निधन : 12 जुलाई, 2002 |
Satpal Bishnoi Biography |
बीकानेर में विश्वविद्यालय की स्थापना को सतपाल बिश्नोई के प्रयास
सतपाल बिश्नोई के छात्रसंघ कार्यालय उद्घाटन (शपथ ग्रहण समारोह) में राजस्थान सरकार के तत्कालीन उच्च शिक्षा मंत्री डॉक्टर जितेन्द्र सिंह एवं केबिनेट मंत्री डॉक्टर बी डी कल्ला उपस्थित थे, जिनके सामने भी सतपाल ने बीकानेर में विश्वविद्यालय स्थापना की मांग मुखर होकर रखी।
सन् 2001 में सतपाल ने बीकानेर विश्वविद्यालय छात्र संघर्ष समिति का गठन किया। सतपाल ने बीकानेर संभाग के सभी महाविद्यालयों का दौरा किया और सभी छात्र संगठनों को एक जाजम पर लाने के उद्देश्य से संभाग के तमाम छात्रसंघ अध्यक्ष का सम्मेलन में बीकानेर में आहूत किया जिसमें वो सफल रहे। सम्मेलन में सामूहिक रूप से संघर्ष का ऐलान किया गया। सतपाल को आंदोलन का मुख्य नेतृत्वकारी चुना गया।
सतपाल बिश्नोई के नेतृत्व में संघर्ष समिति के बैनर तले सूबे के तत्कालीन मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से मुलाकात की गई। सतपाल के आंदोलन ने बीकानेर के संभाग के विद्यार्थियों को लामबंद किया, समूचा संभाग उस वक्त विश्वविद्यालय के लिए सतपाल की एक आवाज पर गुंजायमान हो चुका था। ये सब सतपाल की वजह से ही संभव हो पाया था ।
राजस्थान की सरकार द्वारा आंदोलन की तीव्रता देखकर बीकानेर में विश्वविद्यालय की घोषणा की गई। यह सतपाल के लंबे संघर्ष का परिणाम था। 30 सालों से संघर्षरत बीकानेर संभाग के छात्रों की लंबी लड़ाई की जीत हुई। स्पष्ट रूप से परिलक्षित था कि सतपाल ने अपनी कुशल नेतृत्व क्षमता के बूते इस मुहिम को अपने ऐतिहासिक अंजाम तक पहुंचाया।
लोकप्रियता के मामले में उस वक्त सतपाल बिश्नोई किसी विधायक से कम नहीं थे नहीं थे।
सतपाल बिश्नोई का 12 जुलाई 2002 को सड़क दुर्घटना निधन हो गया। महज 25 वर्ष की आयु में बिकानेर ने एक उभरते राजनेता को खो दिया। शिक्षा के क्षेत्र में बीकानेर संभाग में विश्वविद्यालय की स्थापना को लेकर उन्हें सदियों तक याद किया जाएगा।