प्रेरक कहानी - सिफ़र से शिखर तक: श्याम सुन्दर बिश्नोई 5 साल में लगे 12 सरकारी नौकरी, अन्तिम आरएएस
ग्रामीण परिवेश में पढ़ने वाला हर युवा सरकारी नौकरी लगने के लिए जी तोड़ मेहनत करता है क्योंकि सरकारी नौकरी केवल उसका ख़्वाब या जरुरत नहीं होती बल्कि इसमें शामिल होती है पिता की जी-तोड़ मेहनत, माता की आश और घर की जरुरतें.
अधिकतर युवा जब नौकरी की तलाश दिमागी कसरत से कर लेते हैं तो उसी में रम जाते है. परन्तु विरले ही ऐसे होते हैं जिनकी तलाश सरकारी नौकरी लगने पर नहीं बल्कि नौकरी पर नौकरी लगते हुए सिफ़र से शीर्ष पर पहुंचकर ही पुरी होती हैं.
यह कहानी है ऐसे ही विरले युवा की जो कांस्टेबल से लेकर आरएएस बनने तक के सफ़र में 12 बार नौकरी लगा. बिकानेर के श्याम सुन्दर बिश्नोई पुलिस कांस्टेबल लगे तो उनके अन्दर बड़ा अफसर बनने का ख़्वाब नवाब बन बैठा. इसी नवाबी ख्वा़ब को पूरा करने के लिए एक के बाद एक नौकरी छोड़ते गए. उनका शिक्षा के प्रति समर्पण ही था कि आरएएस अफसर बन गए.
श्याम सुन्दर बिश्नोई की सफलता हमें बताती है कि मेहनत का कोई पर्याय नहीं हैं. किसान परिवार से संबंध रखने वाले श्याम सुन्दर बिश्नोई युवाओं के लिए मेहनत और कामयाबी की मिसाल है.
जीवन परिचय: श्याम सुंदर बिश्नोई ( RAS )
32 वर्षीय श्याम सुंदर बिश्नोई का जन्म खाजूवाला के निकटवर्ती ग्राम गुलुवाली के किसान परिवार में हुआ. इनके पिता का नाम धूड़ाराम बिश्नोई व माता श्रीमती सुशीला देवी है. खेतीहर पिता ने हरसम्भव अपने बच्चों को अच्छी शिक्षा उपलब्ध करवाई और काबिल बनाया. इनके दो भाई संदीप कुमार, पवन व एक बहन सुमित्रा है. छोटा भाई संदीप कुमार राजस्थान पुलिस में कांस्टेबल है, जो वर्तमान में बीकानेर में कार्यरत है. वहीं, दूसरा भाई पवन मेहनत से सफलता की इबादत लिखने के सुनहरे सपने के साथ पढ़ाई कर रहा है.
श्याम सुंदर बिश्नोई की जीवनसाथी का नाम मनीषा बिश्नोई है. मनीषा ने एमए, बीएड व एलएलबी तक शिक्षा प्राप्त की है. इनके तीन साल की बेटी मनस्वी है.
श्याम सुन्दर बिश्नोई: शिक्षा से सफलता तक
अपनी शुरुवाती शिक्षा श्याम सुन्दर बिश्नोई ने गांव के राजकीय विद्यालय से प्राप्त की. पढ़ाई के साथ - साथ श्याम सुन्दर ने खेती में भी पिता का हाथ बंटाया. फिर बीकानेर के महाराजा गंगासिंह विश्वविद्यालय से स्नातक व भूगोल, इतिहास में एम.ए. फिर बी.एड. किया.
भूगोल विषय में दक्षता का प्रमाण नेट (नेशनल एलिजिबिलिटी टेस्ट) महाविद्यालयों में पढ़ाने की अर्हता पास कर दिया. आरएएस परीक्षा 2016 में 14वीं रैंक (ARR-14) हासिल की. आरएएस में यह इनका चौथा प्रयास था.
आईपीएस प्रेमसुख डेलू बने श्याम सुन्दर बिश्नोई के लिए उजाले की किरण
श्याम सुंदर बिश्नोई बताया कि आईपीएस अधिकारी प्रेमसुख डेलू को वो अपना प्रेरणास्रोत मानते हैं. प्रेमसुख डेलू के व्यक्तित्व व कृतित्व ने इन्हें प्रेरित किया. प्रतियोगी परिक्षाओं की तैयारी दोनों ने बिकानेर में रूम किराए पर लेकर साथ की. डेलू का हाल ही में गुजरात के अम्बरेली एसपी पद से डीसीपी अहमदाबाद के पद पर प्रमोशन हुआ हैं.
श्याम सुंदर बिश्नोई की आरएएस तक की सफलताएं
- कांस्टेबल सीआईडी (राज. पुलिस)
- पटवारी, राजस्व मंडल
- शिक्षक ग्रेड तृतीय (सामाजिक विज्ञान)
- शिक्षक ग्रेड द्वितीय (अंग्रेजी)
- सब इंस्पेक्टर, राजस्थान पुलिस
- अधिशासी अभियंता, नगर पालिका
- स्कूल व्याख्याता (भूगोल)
- जिला परिवहन अधिकारी (डीटीओ)
- ग्राम सेवक
- कॉपरेटिव इंस्पेक्टर
- असिस्टेंट प्रोफेसर (कॉलेज शिक्षा)
- आरएएस अधिकारी
बड़े ख़्वाब को पूरा करने की ख़्वाहिश! पांच नौकरी ज्वाइन ही नहीं की
अफसर बनने के ख़्वाब को संजोये श्याम सुंदर बिश्नोई की मात्र 5 वर्षों में 12 बार सरकारी नौकरी लगी जिनमें से 5 नौकरी उन्होंने ज्वाइन ही नहीं की. वर्ष 2011 में कांस्टेबल से द्वितीय श्रेणी शिक्षक, अधिशासी अभियंता नगरपालिका और डीटीओ के रूप में कुछ समय के लिए सेवाएं दी. अभी आरएएस अधिकारी के रूप सेवाएं दे रहे हैं, जो इनकी सफलता का शीर्ष सौपान है.
वर्तमान में जैतारण (पाली) के एसडीएम है श्याम शुन्दर बिश्नोई
श्याम सुंदर बिश्नोई प्रशिक्षण कार्यकाल में अजमेर एसीएम (सहायक कलेक्टर) रहे. प्रशिक्षणोपरान्त प्रथम पदस्थापन उपखंड अधिकारी, चित्तौड़गढ़ हुआ है. वर्तमान में आप जैतारण पाली में बतौर उपखंड अधिकारी पदस्थापित हैं।
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