कहानी 30 वर्षीय कॉरोना वॉरियर्स ANM रेखा बिश्नोई की
मार्च तक मैं maternal leave पर थी, मगर बाद में जितनी जल्दी हो सका अपने काम पर लौटी। जयपुर के देवीनगर डिस्पेंसरी में ANM पद पर कार्यरत हूँ। आसपास के एरिया में कोरोना सेम्पलिंग, क्वारेंटाइन लोगों की मॉनिटरिंग, follow-up , मरीजों और आम लोगों के isolation की ज़िम्मेदारी मुझ पर रहती है। फील्ड वर्क के कारण कई बार इन्फेक्टेड होने का डर बना रहा। और बच्चा भी अभी काफी छोटा है, ऐसे में उसकी security को लेकर चिंता रहती है मगर फैमिली की तरफ से हमेशा सपोर्ट मिला।
जब लोग सम्मानित करते हैं तो खुशी मिलती है और अच्छा करने की प्रेरणा मिलती है.
किसी स्पेशल moment की बात करूँ तो कुछ मिला जुला सा अनुभव है।
यहाँ इस एरिया के लोग सर और हमारी टीम को जानने लगे हैं। ऐसे में कई बार इकट्ठे होकर आते हैं और हमें सम्मानित करते हैं, मालाएं पहनाते हैं; तब बड़ी ख़ुशी होती है। छोटा-मोटा भी इवेंट होता है तो यहाँ के लोग हमें भूलते नहीं। हमें भी मोटिवेशन मिलता है कि जब लोग इतना प्यार करते हैं तो हम भी जितना हो सके अच्छा करें।
सेम्पलिंग के वक्त कई लोग घबरा जाते हैं उन्हें सुझबुझ व समझाइश से काम करना होता है.
वहीं दूसरी और बहुत लोग ऐसे भी है की जब उनके घर जाते हैं सेम्पलिंग या देखरेख के लिए तो घबराहट में हमसे बात नहीं करते। हम तब भी अपनी ड्यूटी पूरी ईमानदारी से करते हैं। अभी कुछ दिनों पहले एरिया के एक घर में पॉजिटिव केस आया तो आइसोलेशन और फैमिली डिटेल्स लेने के लिए मैं गई, लेकिन उस फैमिली ने डर कर घर का गेट नहीं खोला। सबकी डिटेल्स लेनी ज़रूरी थी, और इंफेक्शन रोकना हमारी ड्यूटी थी, उन्हें समझा-बुझा कर अपना काम किया।
केसेस तो अब बहुत बढ़ रहे हैं मगर लोगों से डर (fear) कम हो रहा है; पर हम अब पहले से भी ज़्यादा संभलकर रहते हैं। अपनी बात करूँ तो अब ज़्यादा ज़िम्मेदारी और अधिक कार्य (work load) रहता है। लेकिन पूरी टीम मिलकर काम करती है तो सब कुछ हो जाता है। इस बात से ख़ुशी होती है कि इस मुश्किल समय में लोगों के लिए कुछ अच्छा कर पा रहे हैं, ये मौक़ा हमें मिला है।
मूल लेख : Souls Of Rajasthan
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