आइए जाने वन्य जीवों के मसीहा महावीर बिश्नोई को बारे में।
१. घायल हिरण का उपचार करते हुए महावीर बिश्नोई। २. श्रीमती सुनीता बिश्नोई हिरणों को दुध पिलाते हुए। |
महावीर बिश्नोई : जीवन परिचय
अपने जीवन में वन्य जीवों के प्रति लगाव के बारे में महावीर बिश्नोई ने बताया कि गाँव आने के बाद एक दिन रास्ते पर खड़े हुए उनकी नज़र गाँव के ही लड़के पर पड़ी जो हिरण के शावक को बैलगाड़ी में लिए आ रहा था। वे जिज्ञासावश उसके पास गये और बच्चे के बारे में जानकारी ली तो पता चला कि बच्चा खेत के बने कमरे में अकेला बैठा था। शाम होने के कारण कुत्तो के मार दिए जाने के भय से घर पर लाया गया है। अगले दिन वो भी हिरण की सुंदरता के वशीभूत होकर उनके घर देखने चले गए। जाए भी क्यों ना वन व वन्यजीवों के प्रति प्रेम की भावना बिश्नोइयों में जन्म से होती है। गुरु जाम्भोजी के परम संदेश व अपने पुर्वजों की प्रेरक परंपरा को आज भी सिद्दत से पालन करते हैं, इसी का यह उदाहरण है। वहाँ पर पिंजरे में बंद नन्हे बच्चे को देखा तो उनके मन मे भी इसी तरह हिरण को पालने का विचार आया और उनसे बातो ही बातो में इस बारे में कहा तब उन्होंने कहा कि यही बच्चा ले जाओ क्योकि हमारे घर पर पालतू कुत्ते है। इसलिए उन्हें डर था कि वो इसे कहीं मार न दे।
तब बिश्नोई उस हिरण के नन्हें बच्चे को अपने घर पर ले आए और उसे पालने लगे। उस मादा बच्चे का नाम सीटू रखा थोड़े ही समय में सीटू सबसे घुलमिलकर परिवार का ही सदस्य बन गया।
वक्त के साथ - साथ सेवा कार्य की जानकारी मिलने पर आसपास के लोग भी वन्यजीवों के घायल होने की सूचना देने लगे या उपचार तथा देखभाल हेतु स्वयं ही वन्यजीवों को घर पर पहुंचाने लगे। समय के साथ सेवा कर्म में साथ देने वाले सहयोगियों ओर कार्यक्षेत्र का दायरे के साथ घायल तथा बेसहारा वन्यजीवों की संख्या भी बढ़ती गयी। इन सभी जीवों को घर के कमरों में परिजनों की भांति रखा जाने लगा। उनके उपचार और देखभाल महावीर बिश्नोई की धर्मपत्नी, बच्चों सहित परिवार के सभी लोग करने लगे।
हिरण के बच्चों को दुध पिलाते
१. महावीर बिश्नोई २. श्रीमती सुनीता बिश्नो
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हिरण को दुध पिलाती दम्पति |
उपखण्ड अधिकारी ने किया सम्मानित |
महावीर बिश्नोई जीव रक्षा के अलावा गौरक्षा तथा विभिन्न धार्मिक संगठनों से भी जुड़े हुए हैं। वर्तमान में विश्व हिन्दू परिषद में पीलीबंगा के तहसील अध्यक्ष के प्रभारी के रूप में विहप संगठन में कार्य कर रहे हैं। इससे पहले विहिप के तहसील पीलीबंगा के उपाध्यक्ष के रूप में अपनी जिम्मेदारी निभा चुके हैं। इसके अलावा अखिल भारतीय बिश्नोई महासभा की ग्राम इकाई में सचिव के रूप में मे अपनी भागीदारी निभा रहे हैं।
घायल हिरण को रेसक्यु किया। २. बच्चों को दुध पिलाती श्रीमती सुनीता बिश्नोई |
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