विश्नोई समाज के संस्थापक संत श्री गुरू जम्भेश्वरजी ने वन, वन्य जीव एवं पर्यावरण संरक्षण का महान संदेश दिया था। उनके सिद्धांत और नियम आज की सबसे बडी आवश्यकता है। राज्य सरकार प्रदेश में पर्यावरण संरक्षण के लिए ‘राज्य पर्यावरण योजना‘ एवं हर जिले के लिए ‘जिला पर्यावरण योजना‘ बनाएगी। साथ ही वनों की उत्पादकता एवं लघु वन उपज बढ़ाने के लिए ‘राज्य वन विकास निगम‘ की स्थापना करेगी।
स्वच्छ पर्यावरण के बिना जीवन सम्भव नहीं है। पूरा विश्व आज प्रदूषण की समस्या से चिंतित है। कई शहरों में तो प्रदूषण का स्तर इतना बढ़ चुका है कि सांस लेना ही मुश्किल है। वनों एवं पर्यावरण के संरक्षण में विश्नोई समाज का महत्वपूर्ण योेगदान है। इस समाज की वीरांगना अमृतादेवी ने पेड़ों को बचाने के लिए अपना बलिदान दे दिया। विश्नोई समाज से प्रेरणा लेकर सभी को वनों को बचाने और उनके विस्तार के लिए आगे आना चाहिए।
गुरू जाम्भोजी ने समाज में फैली कुरीतियों को दूर करने तथा स्वस्थ जीवन शैली के लिए 29 नियम बनाए थे। राज्य सरकार ने भी ‘पहला सुख निरोगी काया‘ के मूलमंत्र को अपनाते हुए प्रदेश के लोगों को स्वस्थ रखने के लिए निरोगी राजस्थान अभियान प्रारम्भ किया है। विश्नोई समाज सहित समस्त प्रदेशवासी इस अभियान को सफल बनाने में अपनी भागीदारी निभाए।
अधिवेशन को अखिल भारतीय विश्नोई महासभा के संरक्षक श्री कुलदीप विश्नोई, वन एवं पर्यावरण राज्यमंत्री श्री सुखराम विश्नोई, विधायक श्री महेन्द्र विश्नोई, श्री बिहारीलाल विश्नोई, श्री किशनाराम विश्नोई, श्री पब्बाराम विश्नोई, अखिल भारतीय विश्नोई महासभा के अध्यक्ष श्री हीराराम भंवाल एवं हरियाणा के विधायक श्री दुड़ाराम विश्नोई ने भी संबोधित किया।
इस अवसर पर ऊर्जा मंत्री डॉ. बीडी कल्ला, उच्च शिक्षा राज्य मंत्री श्री भंवरसिंह भाटी, विधायक श्री गोविन्दराम मेघवाल, पूर्व नेता प्रतिपक्ष श्री रामेश्वर डूडी, मुकाम पीठाधीश्वर स्वामी श्री रामानंदजी आचार्य सहित अन्य जनप्रतिनिधि, अधिकारी एवं बड़ी संख्या में विश्नोई समाज के लोग एवं ग्रामीणजन उपस्थित थे।
जन सभा |
अखिल भारतीय बिश्नोई महासभा द्वारा आयोजित अधिवेशन -मुक्तिधाम, मुकाम में सम्बोधन।
अखिल भारतीय बिश्नोई महासभा के इस समागम में मुझे पहली बार नहीं कई बार यहां आने का अवसर मिला। चौधरी भजनलाल जी, पूनमचंद जी बिश्नोई, रामसिंह जी बिश्नोई, राम रघुनाथ जी बिश्नोई उस वक्त पर मंच पर सभी मौजूद रहते थे। समय के साथ-साथ में वो आज हमारे बीच नहीं रहे। परंतु पूरा बिश्नोई समाज ही नहीं बल्कि पूरे प्रदेश के लोग उनके कृतित्व को, उनके कामों को, उनकी सोच को आज भी याद करते हैं। हर नेता ने अपने-अपने तरीके से सेवा की थी। चौधरी भजनलाल जी तो आप जानते हो कि हमारे अपने थे। बार-बार जब कभी बुलाते थे, पूरे प्रदेश के अंदर कांग्रेस के लिए कैंपेन करने वो आते थे, मुकाम के मेले में आते थे, जोधपुर आना-जाना ही था उनका और वो बात करते थे, कोई जमाने में गए होंगे हरियाणा के अंदर। हमारे फलौदी से उठे हुए थे, परिवार थे। तो मैं कहूंगा कुलदीप बिश्नोई को कि आप रिश्ता वही निभाओ राजस्थान के साथ में, आपके बाप-दादा पूर्वज यहीं से गए हुए हैं, इसलिए ये रिश्ता वही रहा चौधरी साहब से केंद्रीय मंत्री रहे वो जैसा कि मेरे बारे में कहा गया कि 5 बार मैं मेंबर ऑफ पार्लियामेंट बना। बिना विश्नोई समाज के, जाट समाज के, 36 कौम के सहयोग के बिना यह संभव नहीं था। इस बात का अहसास मुझे तो हमेशा रहा और जिंदगी की अंतिम सांस तक रहेगा। बिना आप लोगों के सहयोग के ये संभव नहीं था कि मैं अगर पार्लियामेंट का मेंबर बनकर नहीं जाता 5 बार तो इंदिरा गांधी के साथ में, राजीव गांधी के साथ में नरसिम्हा राव जी के साथ में मुझे मंत्री बनने का अवसर नहीं मिलता। मैं 3 बार केंद्रीय मंत्री, 3 बार प्रदेश कांग्रेस का अध्यक्ष, 2 बार अखिल भारतीय कांग्रेस का महामंत्री और तीसरी बार आपके आशीर्वाद से मुख्यमंत्री के रूप में खड़ा हूं आपके सामने। और जब कभी भी मैं यहां आया हूं तो मुझे याद है कि 2010 में भी आया था, उसके पहले भी आया था। एक बार तो मुझे याद है रघुनाथ जी विश्नोई मंत्री बने थे, मेरे यहां आए थे और शिवचरण माथुर जी थे मुख्यमंत्री। पूरी जमात बैठी हुई थी राम रघुनाथ जी जिंदगी में कभी मंत्री बन नहीं पाए थे, पुराने नेता थे, रामसिंह जी बन गए, पूनमसिंह जी बन गए, वो नहीं बन पाए थे। मैं प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष था, शिवचरण माथुर जी मुख्यमंत्री थे, वो स्वास्थ्य मंत्री उनको बनाया गया तो उन्होंने भरी सभा में कहा इनके सामने, कई लोग मौजूद होंगे कि अशोक जी ने और माथुर साहब ने मेरे हाथ पीले कर दिए। जिंदगी के अंदर हाथ पीले उनके भी हो गए और उनके ऊपर ठप्पा लग गया, कि रामसिंह जी मंत्री बने, पूनमसिंह जी बने और वो भी मंत्री बने। तो एक लंबा इतिहास है समाज के साथ में। इस बात का मुझे गर्व है कि जांभोजी महाराज के 29 नियम मानने वाले समाज, आज तो हम बात करते हैं पर्यावरण की, प्रदूषण की, हमने बात की निरोगी राजस्थान की। अभी मैं बैठा-बैठा सोच रहा था कि कुलदीप जी के साथ में कि जांभोजी महाराज ने 500 से अधिक साल पहले ही अगर ये कहते गए कि पर्यावरण, पशु-पक्षी, जीव दया, पेड़-पौधे, नहाना-धोना, साफ रहना, आप बताओ ये तमाम बातें निरोगी राजस्थान में भी आती हैं। और निरोगी राजस्थान हमारा नारा ही नहीं है, राजस्थान का अब सबसे बड़ा जो है, हम लोगों ने तय किया है कि राजस्थान में लोग कम से कम बीमार पड़ें, पूरा अभियान चलाएंगे हम लोग स्वच्छता रखना है, पर्यावरण शुद्ध रखना है और दिल्ली में क्या हो रहा है। दिल्ली राजधानी देश की है, ये कुलदीप जी जानते हैं, सांस लेना मुश्किल है दिल्लीवासियों को, राजधानी के अंदर। सुप्रीमकोर्ट बार-बार कभी इंडस्ट्री को बाहर भेजता है, कभी कारों को बंद करते हैं, रोकते हैं, कई कदम उठाते हैं पर फिर भी प्रदूषण जा नहीं रहा है। बिना शुद्ध पर्यावरण के जीवन कहीं है ही नहीं। ये चिंता आज पूरे विश्व को है। इंदिरा गांधी ने तो 40 साल पहले ही कह दिया था। पर्यावरण की ओर पहली बार उन्होंने ही ध्यान आकर्षित किया पूरे विश्व का। और मुझे खुशी है कि जांभोजी महाराज ने उस जमाने के अंदर, क्या सोचा होगा पर्यावरण के बारे में, पशु-पक्षी के बारे में, कोई कल्पना कर सकता है क्या। इसलिए जब जांभोजी महाराज याद आते है तो मन में भाव आते हैं कि क्यों नहीं हम लोग उनके नियमों को पूरी तरह पालन करें। ताली बजा रहे हो अच्छा लगता है मुझे पर कुछ लोग ऐसे भी हैं समाज के अंदर जो नियमों का पालन नहीं करते हैं, नहीं करते हैं, नहीं करते हैं। सही बात है, उनको भी समझाओ। उनको भी समझाओ, ये समाज और समाजों को संदेश दे रहा है, बिश्नोई समाज। ये समाज जांभोजी महाराज का समाज है। जांभोजी महाराज ने उस जमाने में जो 29 नियम बताए वो हमारे लिए चाहे गीता की तरह कह दो, कुरान की तरह कह दो, कुछ भी कह दीजिए, उसके समान है कि हम अगर 29 नियम अपनाएंगे तो बाकि समाज के लोग भी प्रेरणा लेंगे, बिश्नोई समाज से प्रेरणा लेंगे। कितनी बड़ी गर्व की बात होनी चाहिए समाज के लिए कि जांभोजी महाराज ने क्या संदेश दिया, उसकी दुनिया में खुशबू फैलनी चाहिए। अगर अमृता देवी का नाम लेते हैं हम लोग, खेजड़ली की बात करते हैं, 363 शहीदों की बात करते हैं, कितने गर्व की बात है। कितने लोग सुनते हैं, अखबार पढ़ते हैं, टीवी देखते हैं और जब नाम आता है खेजड़ली का, अमृता देवी का, सेक्रिफाइज का, त्याग का, बलिदान का, पूरे देश को ऐसा लगता है बिश्नोई समाज कोई समाज ऐसा भी है जहां पर वृक्षों के लिए जिंदगी दे दी लोगों ने, कोई सोच भी नहीं सकता। इसलिए बारंबार में जांभोजी महाराज को, भगवान को मैं याद करता हूं, नमन करता हूं और मैं कहना चाहूंगा कि हमेशा जब कभी भी मैं यहां आया हूं और मुझे जब कहा आप लोगों ने तो मैंने कोई कमी रखी नहीं कभी भी। मेरे पूर्व वक्ता कह रहे थे, मैं आया था 15-20 साल पहले तब भी आपने मांग करी, जाम्भा से मुकाम तक सड़क बननी चाहिए, इसी मंच से मैंने घोषणा करी थी और वो घोषणा पूरी हुई 20 साल पहले। मैं पहली बार मुख्यमंत्री बना हूं 20 साल पहले बना हूं। और तब मैंने घोषणा करी वो घोषणा मैंने पूरी करके दिखाई यहां पर कि जाम्भा से मुकाम तक डामर सड़क बन गई, अलाय से मुकाम तक डबल रोड बन गई, फलौदी लिफ्ट कैनाल का नाम जाम्भोजी महाराज के नाम पर रखा गया और अभी हाल ही में जाम्भा सरोवर सूख जाता था हमेशा, तकलीफ होती थी यात्रियों को, अब परमानेंट इलाज कर दिया, नहर का पानी आएगा और तालाब भरा रहेगा शानदार तालाब भऱा रहता है। मैं खुद जाकर आया हूं वहां पर, देखकर आया हूं। खेजड़़ली मेले में अभी हमने स्मारक बनाने की घोषणा करी है तो ये खाली मैं कहना चाहूंगा कुलदीप बिश्नोई जी को, जो आप मांगें करोगे, तमाम मांगें आपकी पूरी होंगी, ये मैं कहना चाहता हूं। आप निश्चिंत रहें क्योंकि मांगें आपकी वाजिब मांगें होती हैं। हॉस्टल बनने चाहिए छात्रों के, हम किसी भी कौम को जमीन देने में कंजूसी नहीं करते हैं, पहले से ही। जो समाज मांगता है, जमीन दो उसको। हॉस्टल बनाएगा, स्कूल बनाए, कॉलेज बनाए, जनता का ही कामं करेगा वो। ये सोच सरकार की होनी चाहिए, सरकार किसी पार्टी की हो। ये मंच में बीजेपी भी है कांग्रेस भी है, नीचे बैठे लोग सब पार्टियों के हैं, यही तो जाम्भोजी महाराज का संदेश है आप, कोई मंच ही ऐसे मिलते हैं, वरना मिलते ही नहीं हैं मंच हमें, कांग्रेस वाले अपनी बात कहेंगे, बीजेपी वाले अपनी बात कहेंगे पर कुछ मंच ऐसे भी होते हैं जहां पर आपस में मेल-मिलाप होता है, प्रेम से, मोहब्बत से, भाईचारे से बात होती है। देखा आपने मंच पर जो बोला है बीजेपी का हो कांग्रेस का हो अच्छी भावना प्रकट करी है, तो मुझे खुशी है कि इतनी बड़ी तादाद में आप लाखों लोग आते हैं। अभी हैलीकॉप्टर से जब उतर रहा था तो देखा पता नहीं कितनी हजारों कारें गाड़ियां खड़ी हैं चारों ओर कोई सोच भी नहीं सकता, इतना बड़ा मेला यहां पर है। इतना अच्छा हुआ, गर्व की अनुभूति हुई कि आज देखिए मेले में किस प्रकार लोग चाहकर के, समर्पित होकर के मेले मुकाम में आ रहे हैं और मेला लग रहा है और मुझे पिछली बार शायद 2010 में आने का मौका मिला, 525 साल हुए तब आया था मैं, उसके बाद में आपने बुलाया नहीं होगा मेरे ख्याल से। आपने बुलाया नहीं होगा क्योंकि राज के साथ में पासा पलटता रहता है। हम चाहते हैं कि राज चाहे बदलते रहो, परंतु बुलाने में कंजूसी मत करो। आज अगर वसुंधरा जी यहां बैठी होतीं, मुझे कोई ऐतराज़ नहीं होता ये मैं आपको कह सकता हूं। तो राज के साथ में आप लोग जो है देखते होंगे कि राज वाला जब मुख्यमंत्री आएगा तो कहीं वो नाराज नहीं हो जाए कि दूसरे को क्यों बुला लिया, इसलिए आप लोग बुलाते नहीं होंगे। मैं चाहूंगा आप तो छत्तीस कौम के नेताओं को, सब कौम को बुलाते रहो क्योंकि ये समाज अलग पहचान रखता है अपने आप में। समाज का ये मुकाम का मेला अलग संदेश देता है। यहां आने वाला व्यक्ति जो है कुछ सीखकर ही जाएगा, संकल्प लेकर जाएगा अच्छी भावना लेकर के जाएगा। तो जरूरी है ऐसे मेलों में हम लोग आते रहें, आप लोग बुलाते रहो, जब बुलाओगे हम लोग आपके बीच में हाजिर मिलेंगे, ये मैं कह सकता हूं आपको। इसलिए मैं कहना चाहूंगा आपको, अभी हमने जो मैंने आपको बात कही, निरोगी राजस्थान की बात कही। उस पर मैं जोर देना चाहूंगा और आप सबसे आह्वान करूंगा कि बिश्नोई कौम, वैसे मैं जहां कहीं भी जाता हूं आजकल तो मैं लगातार निरोगी राजस्थान का जो अभियान चालू किया है हम लोगों ने, बजट में हमने कहा है उसको मैं बराबर लोगों को समझा रहा हूं। और मैं आपको निवेदन करना चाहूंगा कि इसमें आप लोग भी भागीदारी निभाएं। बिश्नोई समाज सबसे आगे खड़ा होना चाहिए कैसे हम, जैसे पर्यावरण की बात करते हैं, प्रदूषण की बात करते हैं, स्वस्थ रहने की बात करते हैं, नहाने-धोने की बात करते हैं तो मैं कह सकता हूं कि जब मेरा लैण यहां है पहले से ही, जब लैण आपसे है इसीलिए तो 5 बार एमपी बनाया मुझे आपने, 5 बार एमपी बनाना कम होता है क्या। 5 बार जिताया आपने और एकाध बार वोट नहीं भी दिया होगा तो लोकतंत्र है, मैं तो माइंड करता नहीं हूं इस बात को। लोकतंत्र है, इसमें माइंड नहीं करना चाहिए, किसी को भी नहीं करना चाहिए। इसलिए मैं कहना चाहूंगा आपको कि मेरा लैण यहां है बिश्नोई समाज के साथ में, इसलिए मैं अधिकार केसाथ में कहूंगा आपको, कृपा करके आप लोग सब संकल्प लेकर के जाओ जांभोजी महाराज के नाम से कि उनके बताए हुए रास्ते पर चलने के लिए निरोगी राजस्थान को घर-घर तक हम लोग संदेश देंगे। लाइफस्टाइल जीवनशैली बदले, रहन-सहन खान-पान बदले, स्वच्छता का हम लोग माहौल बनाएं घर के अंदर- बाहर, मोहल्ले के अंदर, बीमारियां आधी कम हो जाएंगी आपकी। दवाइयां हमने फ्री कर रखी हैं, हिंदुस्तान में कहीं पर भी नहीं हैं। दवाइयां फ्री, जांचें फ्री। अभी सरकार बनते ही हमने किडनी की, कैंसर की, हार्ट की दवाइयां और फ्री कर दी हैं राजस्थान के अंदर। जांचें, सोनोग्राफी डायलिसिस, एमआरआई, सीटी स्कैन सब फ्री कर रखी है 60 साल से बड़े लोग हैं उनकी, बीपीएल के लोगों की भी और उसको बढ़ा रहे हैं हम लोग। अभी हमने खुद ने घोषणा करी है। हम चाहेंगे कि एक गांव से जो समाजसेवा में लीन है, एक गांव से हम लोगों ने तय किया है स्वास्थ्य मित्र बनाना है, एक गांव से एक पुरुष-एक स्त्री होगी। जिनका काम होगा, सरकार उनको कार्ड देगी, गांव में कोई बीमार पड़ जाए, सीरियस बीमार है, अस्पताल जाएगा तो वो आराम से दिखवा पाएगा, प्रायोरिटी मिलेगी उसको। हम चाहेंगे कि जो हमारी योजना है उसको वो घर-घर तक पहुंचाए गांवों के अंदर, समझाए कि सरकार क्या बताना चाहती है आपको आपके खुद के हित के अंदर। ये अभियान चलेगा, बहुत बड़ा अभियान चलाएंगे हम लोग, आपके आशीर्वाद की जरूरत है मुझे। मैं चाहूंगा कि आप लोग आगे आकर के इस काम को करेंगे और समाज आगे आएंगे धीरे-धीरे। मैं जहां जाता हूं एक ही बात करता हूं। हर मीटिंग में मैं कहने लग गया हूं बल्कि पूरे सात सुख बताता हूं उनको। पहला सुख हम लोग कहते हैं निरोगी काया, पहला सुख निरोगी काया। वैसे सात सुख हैं, आपको मालूम होगा मुझे अभी प्रोग्राम में लिखकर दिया है, ये याद रखते हैं, दूसरा सुख है घर में माया, माया भी घर में होनी चाहिए, तीसरा सुख है पुत्र आज्ञाकारी, पुत्र जो है वो आज्ञाकारी होना चाहिए। यहां हमारी बहनें माताएं बैठी हुई हैं, इनसे विशेष मैं कहना चाहूंगा, पहला सुख निरोगी काया, दूसरा सुख घर में माया, तीसरा सुख पुत्र आज्ञाकारी, चौथा सुख पतिव्रता नारी, पांचवां सुख राज में पासा, आपके 8 एमएलए बिश्नोई बन गए इस बार हिंदुस्तानभर में 8 बिश्नोई बन गए, राज में पासा आपका है और छठा सुख पड़ौसी अच्छा हो वो भी सुख है और सातवां सुख नीर निवासी, पानी की सुविधा अच्छी हो। इस प्रकार से ये जो सात सुख बताए गए हैं। सात सुख में ये पहला सुख जो है, ये 6 सुख कोई काम के नहीं हैं। अगर आपके खुद का स्वास्थ्य ठीक नहीं है, आप बीमार हो, तकलीफ आपको हो, घरवाले सेवा भी करते हैं, तब भी जिंदगी में वो मजा नहीं है। पहला सुख निरोगी काया। अब मैं बोलूंगा पहला सुख, आप बोलोगे निरोगी काया। पहला सुख निरोगी काया। जोर से बोलोगे, पहला सुख निरोगी काया। एक बार और जोरदार, पहला सुख निरोगी काया। तो ये बताइए कि अगर आपने हाथ ऊपर करके कहा है, मुझे उम्मीद है कि आप इस अभियान को वाह-वाह देखो आपके, क्या उत्साह आप लोगों में है उत्साह देखते ही बनता है आपका, बहुत अच्छा वैरी गुड। तो मैं चाहूंगा कि सरकार की योजनाएं तो बहुत सारी हैं। आप अखबार पढ़ते हैं, किसानों के लिए हमने सोलर का भी किया है, पवन ऊर्जा का भी किया है, किसानों की डिग्गियों का भी किया है, पॉन्ड बनाने की बात करी है, 25 हजार किसानों के पंप लगेंगे खेतों पर, उसमें 270 करोड़ रुपए खर्च होंगे, वरिष्ठ नागरिकों को तीर्थ यात्रा भी किया है। एक के बाद एक हम लोगों ने बहुत सी योजनाएं लागू करी हैं, उस पर मैं अभी नहीं जाना चाहूंगा पर मैं इतना ही कहना चाहूंगा कि कृपा करके आप, हमने कर्जे माफ भी किए हैं और कर्जा माफ हुआ है बैंकों का भूमि विकास बैंकों का, राष्ट्रीय बैंकें हमारे हाथ में नहीं हैं, केंद्र सरकार को हम लगातार लिखा-पढ़ी कर रहे हैं प्रधानमंत्री जी को, आगे आइए आप भी। डॉ. मनमोहन सिंह जी ने 1 लाख 70 हजार करोड़ के कर्जे माफ किए, हम चाहेंगे कि राष्ट्रीयकृत बैंकें हमें सहयोग करें। अगर उद्योगपतियों के कर्जे माफ होते हैं तो राष्ट्रीयकृत बैंकों में हमारे किसानों के कर्जे भी माफ होने चाहिए, ये मैंने कहा है, हम लगे हुए हैं उस काम के अंदर। इस प्रकार से काफी कुछ हम लोग लगे हुए हैं। कृषकों के लिए कल्याण कोष बनाया है 1 हजार करोड़ रुपए का बनाया है हम लोगों ने, किसान आयोग अलग बना रहे हैं। तो लंबी-चौड़ी लिस्ट है मेरे पास में, अभी मैं इतना ही कहना चाहूंगा कि जो हमें गुरु जंभेश्वर महाराज ने शिक्षा दी हैं उन पर हम लोग चलें जिससे कि वन क्षेत्र बढ़ सके। अभी वन क्षेत्र हमारे यहां बहुत कम है, 10 पर्सेंट से कम है जबकि एक तिहाई राजस्थान का हिस्सा है उसका एक तिहाई हिस्सा होना चाहिए जहां वृक्ष लगे हों, पेड़- पौधे हों। किस प्रकार जान को हथेली पर रखकर के आप हिरणों की रक्षा करते हैं, ये कोई मामूली बात है। ये त्याग और बलिदान इतिहास में लिखा हुआ है स्वर्णिम अक्षरों के अंदर, बिश्नोई समाज ही जब कभी भी मौका लगता है, बचाव के लिए आगे आता है। तो ये तमाम बातें जम्भोजी महाराज ने हमें कही हुई हैं। सरकार अभी निश्चिंत रहो, अभी किसी वक्ता ने कहा था कि उनके लिए प्रावधान होने चाहिए कड़े प्रावधान होने चाहिए जो मुझे सुझाव देंगे, आप निश्चिंत रहो, पशु-पक्षियों के लिए, जीव-जंतुओं के लिए जो आप कहेंगे, जो सुझाव देंगे, बिश्नोई समाज का अधिकार बनता है कहने का अधिकार बनता है आपका बनता है क्योंकि आप रक्षक हो सबके तो आप निश्चिंत रहो, हमेशा आपके हर काम में, जैसे हमने राज्य वन विकास निगम बनाया है, हमारे मंत्रीजी बैठे हुए हैं, अभी मैंने फैसला किया है 20 तारीख को ही, जिस प्रकार से जिला पर्यावरण योजना बन रही है और राज्य पर्यावरण योजना अलग बन रही है, इस प्रकार से हम लोगों ने कई फैसले किए हैं। मैं आपको इतना ही कहना चाहूंगा, चौधरी भजनलाल जी नहीं रहे हमारे बीच में, पूनमसिंह जी बिश्नोई नहीं रहे, रामसिंह जी नहीं रहे और रघुनाथ सिंह जी भी नहीं रहे, बड़े-बड़े नेता जिन्होंने आजादी के पहले से अपनी भूमिका अदा करी थी समाज के लिए और आम लोगों के लिए 36 कौम के लिए। मैं आपको कहना चाहूंगा हम सबकी जिम्मेदारी बनती है कि नेता आज हमारे बीच में आज काम करने वाले लोग हैं। नए नेता आए हैं, ये सब जो हैं, इनको अवसर मिला है विधायक बनने का, अब सब मिलकर के अपनी भूमिका अदा करेंगे। आने वाले कल के नेता यही होंगे। आप सबका आशीर्वाद रहेगा, आपकी दुआएं रहेंगी तो मजबूत होकर के ये आपकी ही नहीं पूरे प्रदेश की सेवा कर सकेंगे। यही बात कहते हुए मुझे आप लोगों ने याद किया, बुलाया उसके लिए मैं अध्यक्ष जी का, हमारे कांग्रेस के पब्बाराम जी बीजेपी के औऱ जो हमारे बिहारीलाल जी बिश्नोई नोखा के ये भी साथ आए थे और तमाम लोग आए मेरे साथ में अध्यक्ष जी लेकर आए थे इनको तो मैंने कहा था कि कुलदीप बिश्नोई जी आ जाएंगे इतना जरूरी मैंने पूछा था। तो इन्होंने कहा कि नहीं वो तो आएंगे ही आएंगे, तो मैंने कहा मैं जरूर आऊंगा और मुझे अच्छा लगा कि सभीपार्टी केलोग मिलकर के आके क्योंकि मुख्यमंत्री तो, मुख्यमत्री बनने के बाद में शपथ लेने के बाद में वो एक पार्टी का अकेले का नहीं होता है। वो सभी पार्टियों का होता है, पूरे प्रदेश का होता है, इस भावना से काम होते हैं और इसी भावना से इन्होंने मुझे बहुत प्यार से लाड़ से बुलाया आप सबने मैं इन सबका आप सबका आभारी हूं, धन्यवाद, जय हिंद।
Source: Ashok Gehlot (Facebook Page)